सिटी मोबिलिटी प्लान: सुझाव-आपत्ति के लिए 30 दिन, मार्च में होगा लागू | City Mobility Plan: 30 days for suggestions and objections | News 4 Social h3>
भोपाल के मास्टर प्लान 2005 में सिटी मोबिलिटी प्लान शामिल है। इसे मप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने 2023 में तैयार किया था। इसमें शहर के अंदरूनी क्षेत्रों तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा देनी है।
1200 किमी की सडक़ों को आपस में जोडऩे की जरूरत
मौजूदा और प्रस्तावित मेट्रो नेटवर्क से शहरवासियों को जोडकऱ लास्ट माइल कनेक्टिविटी देने के लिए 1200 किमी लंबाई के रोड नेटवर्क को आपस में जोडऩे की जरूरत है। इसके साथ ही ई-रिक्शा की तरह 1600 नए वाहनों को इन सडक़ों पर लगाना होगा, तभी करीब 107 किमी के मेट्रो नेटवर्क के स्टेशनों तक लोग पहुंच पाएंगे।
अभी 70 फीसदी लोग पैदल पहुंचते हैं बस स्टॉप तक
सिटी मोबिलिटी प्लान के अध्ययन में सामने आया है कि रोजाना 1.52 लाख लोग बस सेवा का उपयोग करते हैं। इनमें से 70 फीसदी लोग बस स्टॉप के लिए पैदल पहुंचते हैं। ये 1.20 किमी की औसत दूरी है। इसमें बताया गया है कि 16 प्रतिशत लोग बस के लिए ऑटो का उपयोग करते हैं, जबकि महज 06 प्रतिशत लोग दो पहिया वाहन से स्टॉप तक पहुंचते हैं।
यह है स्थिति
– 1061 वर्ग किमी ट्रांसपोर्ट प्लानिंग एरिया
– 26.78 लाख आबादी
– 29 प्रतिशत आबादी बढ़ी दस साल में
– 2524 प्रति किमी आबादी घनत्व
अध्ययन के निष्कर्ष
– 33 फीसद वाहन रेलवे स्टेशन व काम पर जाने के लिए
– 15 फीसद वाहन खरीदारी के लिए निकलते हैं
– 14 फीसद मनोरंजन गतिविधि के लिए निकलते हैं
अभी ये स्थिति
– 7000 यात्री तीन प्रमुख बस स्टैंड से करते हैं आवाजाही
– 355 लो-फ्लोर बसें कुल चलती हैं शहर में
– 291 बसें हैं डीजल वाली
– 69 बसें सीएनजी चलित
– 1.52 लाख यात्री रोजाना
– 22 ऑपरेशनल सिटी बस रूट्स
– 39 फीसदी लोग बस से आवाजाही करते हैं
– 27 प्रतिशत निजी वाहन जिसमें दो पहिया ज्यादा है
– 23 मिनट में बस से 15 रुपए खर्च कर साढ़े आठ किमी की यात्रा
शासन के निर्देश पर और लोगों की बेहतरी के लिए मौजूदा प्लान में सिटी मोबिलिटी प्लान शामिल किया जा रहा है। इससे बेहतर मोबिलिटी के लिए जमीनी काम शुरू होने की स्थिति बनेगी।
श्रीकांत बनोट, आयुक्त सह संचालक, टीएंडसीपी