सिंधिया-शिवराज से कौन करेगा मुकाबला? कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती | congress candidate list bjp vidisha shivraj singh chauhan and guna shivpuri jyotiraditya scindia | News 4 Social h3>
मध्यप्रदेश की यह दो सीटें सबसे ज्यादा हॉट सीटें बनी हुई है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मुकाबले गुना-विदिशा से उम्मीदवार तय नहीं हुए। गुना से अरुण यादव, विदिशा से अनुमा आचार्य और सिलवानी विधायक देवेन्द्र पटेल का नाम चर्चा में था।
गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्रः क्या सिंधिया के सामने लड़ेगा कोई यादव
लोगों की धड़कनें बढ़ाने वाली सीटों में गुना सीट भी है। क्योंकि इस सीट से एक बार फिर सिंधिया परिवार का ही सदस्य चुनाव मैदान में है। भाजपा के दिग्गज नेता एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया परंपरागत गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से चुनाव मैदान में है। ग्वालियर संभाग में आने के कारण यह सिंधिया राजघराने का वर्चस्व भी है। सिंधिया के खिलाफ जो भी चुनाव लड़ेगा, वो नाम चौंकाने वाला ही होगा। इससे पहले पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी परंपरागत गुना-शिवपुरी सीट से चुनाव हार गए थे। तब वे कांग्रेस में थे और भाजपा के केपी यादव ने उन्हें हरा दिया था। केपी यादव भी कभी सिंधिया के समर्थक रह चुके हैं। लेकिन सिंधिया अब भाजपा में है और केपी यादव भी भाजपा में है। पहले अटकले लग रही थी कि सिंधिया को टिकट देने के बाद केपी यादव नाराज होकर कांग्रेस में चले जाते हैं तो वे सिंधिया को एक बार फिर टक्कर दे सकते हैं। वहीं अब यादवेंद्र सिंह यादव (yadvendra singh yadav) के चुनाव लड़ाने की अटकलें लग रही है। यादव बहुल इस क्षेत्र में कांग्रेस देशराज सिंह यादव (deshraj singh yadav) के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव को सिंधिया के खिलाफ मैदान में उतार सकती है। ओबीसी समुदाय के यादवेंद्र सिंह यादव अशोक नगर जिले के मुंगावली के रहने वाले हैं। यादवेंद्र के पिता देशराज दो बार लोकसभा का चुना लड़ चुके हैं और दो बार विधायक भी रहे हैं। उनके भाई जिला पंचायत सदस्य, पत्नी जनपद सदस्य और उनकी मां जनपद सदस्य जैसे पदों पर हैं। भाजपा के पूर्व नेता देशराज सिंह रामजन्म भूमि आंदोलन में शामिल हुए थे, उनके बेटे यादवेंद्र सिंह भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ होने के कारण कांग्रेस यादवेंद्र को भी मैदान में उतार सकती है। इस सीट पर 7 मई को मतदान होगा।
शिवराज के सामने देवेंद्र पटेल
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भाजपा ने एक बार फिर विदिशा संसदीय सीट से मैदान में उतारा है। इसलिए भी यह सीट हॉट बन गई है। कांग्रेस इस सीट से सिलवानी के विधायक देवेंद्र पटेल को भी टिकट दे सकती है। गौरतलब है कि विदिशा से 1991 से 2004 तक पांच बार शिवराज सिंह चौहान सांसद रह चुके हैं। यह सीट पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अटल बिहारी वाजपेयी भी चुनाव लड़ चुके हैं। वर्तमान में रमाकांत भार्गव यहां से भाजपा के सांसद हैं।
भोपाल-इंदौर में नए चेहरे
कांग्रेस ने भोपाल और इंदौर में नए चेहरों को को मौका मिला है। भोपाल से अरुण श्रीवास्तव और इंदौर से अक्षय बम सहित दस लोग पहली बार लोकसभा चुनाव मैदान में हैं। राजगढ़ से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, रतलाम से पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को उनकी पुरानी सीटों पर टिकट मिला। दिग्गी 1991 में सांसद रहने के 33 साल बाद राजगढ़ से उतरेंगे। 2019 में भोपाल से चुनाव लड़ा पर जीत नहीं पाए। उज्जैन में कांग्रेस विधायक महेश परमार पर भरोसा जताया है। उनका मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद अनिल फिरोजिया से होगा। 2018 के विस चुनाव में तराना में कांग्रेस के परमार ने फिरोजिया को हराया था। फुंदेलाल मार्का सूची से पहले ही शहडोल से नामांकन भी कर चुके। सूची में अकेली महिला रीवा से नीलम मिश्रा का नाम है। नीलम सिरमौर से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा की पत्नी हैं। वे विधायक रह चुकीं।
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मध्यप्रदेश की यह दो सीटें सबसे ज्यादा हॉट सीटें बनी हुई है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मुकाबले गुना-विदिशा से उम्मीदवार तय नहीं हुए। गुना से अरुण यादव, विदिशा से अनुमा आचार्य और सिलवानी विधायक देवेन्द्र पटेल का नाम चर्चा में था।
गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्रः क्या सिंधिया के सामने लड़ेगा कोई यादव
लोगों की धड़कनें बढ़ाने वाली सीटों में गुना सीट भी है। क्योंकि इस सीट से एक बार फिर सिंधिया परिवार का ही सदस्य चुनाव मैदान में है। भाजपा के दिग्गज नेता एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया परंपरागत गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से चुनाव मैदान में है। ग्वालियर संभाग में आने के कारण यह सिंधिया राजघराने का वर्चस्व भी है। सिंधिया के खिलाफ जो भी चुनाव लड़ेगा, वो नाम चौंकाने वाला ही होगा। इससे पहले पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी परंपरागत गुना-शिवपुरी सीट से चुनाव हार गए थे। तब वे कांग्रेस में थे और भाजपा के केपी यादव ने उन्हें हरा दिया था। केपी यादव भी कभी सिंधिया के समर्थक रह चुके हैं। लेकिन सिंधिया अब भाजपा में है और केपी यादव भी भाजपा में है। पहले अटकले लग रही थी कि सिंधिया को टिकट देने के बाद केपी यादव नाराज होकर कांग्रेस में चले जाते हैं तो वे सिंधिया को एक बार फिर टक्कर दे सकते हैं। वहीं अब यादवेंद्र सिंह यादव (yadvendra singh yadav) के चुनाव लड़ाने की अटकलें लग रही है। यादव बहुल इस क्षेत्र में कांग्रेस देशराज सिंह यादव (deshraj singh yadav) के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव को सिंधिया के खिलाफ मैदान में उतार सकती है। ओबीसी समुदाय के यादवेंद्र सिंह यादव अशोक नगर जिले के मुंगावली के रहने वाले हैं। यादवेंद्र के पिता देशराज दो बार लोकसभा का चुना लड़ चुके हैं और दो बार विधायक भी रहे हैं। उनके भाई जिला पंचायत सदस्य, पत्नी जनपद सदस्य और उनकी मां जनपद सदस्य जैसे पदों पर हैं। भाजपा के पूर्व नेता देशराज सिंह रामजन्म भूमि आंदोलन में शामिल हुए थे, उनके बेटे यादवेंद्र सिंह भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ होने के कारण कांग्रेस यादवेंद्र को भी मैदान में उतार सकती है। इस सीट पर 7 मई को मतदान होगा।
शिवराज के सामने देवेंद्र पटेल
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भाजपा ने एक बार फिर विदिशा संसदीय सीट से मैदान में उतारा है। इसलिए भी यह सीट हॉट बन गई है। कांग्रेस इस सीट से सिलवानी के विधायक देवेंद्र पटेल को भी टिकट दे सकती है। गौरतलब है कि विदिशा से 1991 से 2004 तक पांच बार शिवराज सिंह चौहान सांसद रह चुके हैं। यह सीट पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अटल बिहारी वाजपेयी भी चुनाव लड़ चुके हैं। वर्तमान में रमाकांत भार्गव यहां से भाजपा के सांसद हैं।
भोपाल-इंदौर में नए चेहरे
कांग्रेस ने भोपाल और इंदौर में नए चेहरों को को मौका मिला है। भोपाल से अरुण श्रीवास्तव और इंदौर से अक्षय बम सहित दस लोग पहली बार लोकसभा चुनाव मैदान में हैं। राजगढ़ से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, रतलाम से पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को उनकी पुरानी सीटों पर टिकट मिला। दिग्गी 1991 में सांसद रहने के 33 साल बाद राजगढ़ से उतरेंगे। 2019 में भोपाल से चुनाव लड़ा पर जीत नहीं पाए। उज्जैन में कांग्रेस विधायक महेश परमार पर भरोसा जताया है। उनका मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद अनिल फिरोजिया से होगा। 2018 के विस चुनाव में तराना में कांग्रेस के परमार ने फिरोजिया को हराया था। फुंदेलाल मार्का सूची से पहले ही शहडोल से नामांकन भी कर चुके। सूची में अकेली महिला रीवा से नीलम मिश्रा का नाम है। नीलम सिरमौर से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा की पत्नी हैं। वे विधायक रह चुकीं।