सिंधिया ने फिर बोला राहुल गांधी पर हमला

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सिंधिया ने फिर बोला राहुल गांधी पर हमला

सिंधिया ने फिर बोला राहुल गांधी पर हमला


ग्वालियरः केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के जुबानी हमलों से बेहद खफा हैं। कांग्रेस नेता अक्सर उन्हें स्वार्थी और गद्दार कहने से नहीं चूकते। अब तक सिंधिया इन बयानों के ज्यादा तवज्जो नहीं देते थे, लेकिन अब उन्होंने सीधे मैदान में उतरने का फैसला कर लिया है। वे अब किसी को बख्शने के मूड में नहीं हैं। शायद यही वजह है कि उन्होंने एक राजनीतिक मंच से पूरी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। क्या राहुल गांधी, क्या कमल नाथ और क्या दिग्विजय सिंह, शुक्रवार को ग्वालियर में उन्होंने किसी को नहीं छोड़ा।

शुक्रवार को सिंधिया ग्वालियर में एक राजनीतिक आभार सभा को संबोधित करने का। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए सिंधिया ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर तीखे हमले किए। उन्होंने शुरुआत कांग्रेस के युवराज कहे जाने वाले राहुल गांधी से की। हालांकि सिंधिया ने राहुल गांधी का नाम नहीं लिया। जैन समाज की क्षमावाणी की सराहना करते हुए कहा कि माफी मांगने से बड़ी बात दुनिया में कुछ नहीं है, लेकिन ये बात कांग्रेसी कभी सीखेगें नहीं क्योंकि वो तो ये समझते हैं कि मैं फलाना हूं।

सिंधिया यहीं नहीं रुके। इसके बाद उन्होंने ना सिर्फ कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिराने की वजह दोहराई, बल्कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह का नाम लिए बगैर व्यंग्यात्मक अंदाज में इस जोड़ी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मध्य प्रदेश में 15 महीनों तक रही कांग्रेस की सरकार के दौरान भोपाल स्थित वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का केंद्र बन जाने की बात जोरदार ढंग से कही। इतना ही नहीं, सिंधिया ने खुद के सड़क पर उतरने को जायज ठहराया और कहा कि उन्हें गर्व है कि वे आज भाजपा के कार्यकर्ता हैं।

अपने संबोधन में सिंधिया ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार के विकास कार्यों की खूब तारीफ की। साथ ही जनता को भरोसा दिलाया कि आने वाले दिनों में ग्वालियर के महाराज बाड़े को पेरिस और इंग्लैंड से भी सुंदर बनाएंगे।

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों में अभी करीब सात महीने बाकी हैं, लेकिन सिंधिया इसकी तैयारियों में जुट चुके हैं। ग्वालियर-चंबल इलाके में अपना गढ़ बचाने के लिए वे पूरी तरह कमर कस चुके हैं। उनके बोलने का अंदाज यह संकेत भी दे गया कि वे अपनी पुरानी पार्टी से बेहद खफा हैं क्योंकि इससे पहले सिंधिया को ग्वालियर में इस तरह अपनी पूर्व पार्टी पर हमलावर होते हुए कम ही देखा गया है।

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