सामाजिक बेडिय़ों को तोड़कर आजाद होती स्त्री की दास्तान है ‘केंचुली’ | Play AT JKK# | Patrika News h3>
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जवाहर कला केंद्र के रंगायन में शनिवार शाम को पाक्षिक नाट्य योजना के तहत नाटक ‘केंचुली’ का मंचन किया गया। यह नाटक पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित था।
जयपुर
Published: April 23, 2022 09:55:29 pm
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जेकेेके में हुआ मंचन
. पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक ‘केंचुली’
जेकेके में हुआ मंचन
जयपुर। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जवाहर कला केंद्र के रंगायन में शनिवार शाम को पाक्षिक नाट्य योजना के तहत नाटक ‘केंचुली’ का मंचन किया गया। यह नाटक पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित था। नीलेश कुमार दीपक निर्देशित इस नाटक के नाट्यकार सुमन कुमार हैं। कहानी ‘केंचुली’ एक ऐसी ही लोककथा है जो स्त्री मन के कई सवाल को सुनाती है। इस कहानी की रोचकता और अंत हमें चौंकाता है। यह कहानी सामाजिक बेडयि़ों को तोड़कर, केंचुली से निकली साँप की तरह आजाद होती स्त्री की दास्तान है। यह स्त्री के मन की कई उधेड़बुन पड़तों की पड़ताल और खुद की लड़ाई का आत्मबोध कराती है। लाछी की सुन्दरता पर मोहित गांव के जमीन्दार ठाकुर और उसके चमचे भोजा की अतिवादिता और पति गूजर की अवहेलना से उपजी मन व्यग्रता को इस कहानी में दर्शया गया। नाटक में परिभाषा मिश्रा, दिलीप गुप्ता,राहुल, गणेश गौरव सहित पूजा, गौरव कुमार,वैभवी, आदिल और विराट ने अभिनय किया। तबले पर लखन लाल अहिरवाल, हारमोनियम पर सतीश कुमार, सारंगी पर अनिल मिश्रा और गायन राजीव रंजन व दीपक ठाकुर द्वारा प्रस्तुत किया गया। वहीं मंच परिकल्पना भुनेश्वर भास्कर और प्रकाश परिकल्पना दिव्यांग ने की।
सामाजिक बेडिय़ों को तोड़कर आजाद होती स्त्री की दास्तान है ‘केंचुली’
‘मैं ही सावित्री बाई फुले’ में छोड़ी अभिनय की छाप
बेयरफुट फाउंडेशन की ओर से जवाहर कला केंद्र में चल रहे कार्यक्रम के तहत शनिवार को हेमलता प्रभु स्मृति समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में एकल नाट्य ‘मैं ही सावित्री बाई फुले’ नाटक का मंचन किया गया। लेखिका, नाट्यकर्मी और नाट्य निर्देशक सुषमा देशपांडे ने एकल अभिनय के जरिए अपनी प्रभावी छाप छोड़ी। जवाहर कला केंद्र के मध्यवर्ती में मंचित इस नाटक में सुषमा ने अपने अभिनय के जरिए सावित्री बाई फुले के जीवन चरित्र को उजागर किया। नाटक के आयोजन में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज राजस्थान, रोशनारा ट्रस्ट, बोध शिक्षा समिति का सहयोग रहा।
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आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जवाहर कला केंद्र के रंगायन में शनिवार शाम को पाक्षिक नाट्य योजना के तहत नाटक ‘केंचुली’ का मंचन किया गया। यह नाटक पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित था।
जयपुर
Published: April 23, 2022 09:55:29 pm
. पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक ‘केंचुली’
जेकेके में हुआ मंचन
जयपुर। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जवाहर कला केंद्र के रंगायन में शनिवार शाम को पाक्षिक नाट्य योजना के तहत नाटक ‘केंचुली’ का मंचन किया गया। यह नाटक पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित था। नीलेश कुमार दीपक निर्देशित इस नाटक के नाट्यकार सुमन कुमार हैं। कहानी ‘केंचुली’ एक ऐसी ही लोककथा है जो स्त्री मन के कई सवाल को सुनाती है। इस कहानी की रोचकता और अंत हमें चौंकाता है। यह कहानी सामाजिक बेडयि़ों को तोड़कर, केंचुली से निकली साँप की तरह आजाद होती स्त्री की दास्तान है। यह स्त्री के मन की कई उधेड़बुन पड़तों की पड़ताल और खुद की लड़ाई का आत्मबोध कराती है। लाछी की सुन्दरता पर मोहित गांव के जमीन्दार ठाकुर और उसके चमचे भोजा की अतिवादिता और पति गूजर की अवहेलना से उपजी मन व्यग्रता को इस कहानी में दर्शया गया। नाटक में परिभाषा मिश्रा, दिलीप गुप्ता,राहुल, गणेश गौरव सहित पूजा, गौरव कुमार,वैभवी, आदिल और विराट ने अभिनय किया। तबले पर लखन लाल अहिरवाल, हारमोनियम पर सतीश कुमार, सारंगी पर अनिल मिश्रा और गायन राजीव रंजन व दीपक ठाकुर द्वारा प्रस्तुत किया गया। वहीं मंच परिकल्पना भुनेश्वर भास्कर और प्रकाश परिकल्पना दिव्यांग ने की।
सामाजिक बेडिय़ों को तोड़कर आजाद होती स्त्री की दास्तान है ‘केंचुली’
‘मैं ही सावित्री बाई फुले’ में छोड़ी अभिनय की छाप
बेयरफुट फाउंडेशन की ओर से जवाहर कला केंद्र में चल रहे कार्यक्रम के तहत शनिवार को हेमलता प्रभु स्मृति समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में एकल नाट्य ‘मैं ही सावित्री बाई फुले’ नाटक का मंचन किया गया। लेखिका, नाट्यकर्मी और नाट्य निर्देशक सुषमा देशपांडे ने एकल अभिनय के जरिए अपनी प्रभावी छाप छोड़ी। जवाहर कला केंद्र के मध्यवर्ती में मंचित इस नाटक में सुषमा ने अपने अभिनय के जरिए सावित्री बाई फुले के जीवन चरित्र को उजागर किया। नाटक के आयोजन में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज राजस्थान, रोशनारा ट्रस्ट, बोध शिक्षा समिति का सहयोग रहा।
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