सागर में बैंक किसान को देगा 80 हजार की क्षतिपूर्ति: बीमा राशि लेकर कंपनी को नहीं किया भुगतान; फोरम ने 5 हजार का जुर्माना भी लगाया – Sagar News h3>
सागर में किसान से बीमा प्रीमियम की राशि लेकर बीमा कंपनी को भुगतान नहीं करने वाले निजी बैंक पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने जुर्माना लगाया है। साथ ही किसान को क्षतिपूर्ति के रूप में 80 हजार रुपए से अधिक की राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है।
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दरअसल, परिवादी डॉ. गुलाब पिता जैनदत्त समैया निवासी कोतवाली रोड सागर ने आयोग में प्रबंधक केनरा बैंक शाखा गुजराती बाजार सागर, प्रबंधक एचडीएफसी अरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड इंदौर के खिलाफ परिवाद पेश किया था।
उन्होंने परिवाद में बताया कि मौजा मझगुवां सर्किल परसोरिया में उनकी 13 हेक्टेयर कृषि भूमि है। केनरा बैंक में केसीसी खाता है। खरीफ फसल सोयाबीन का बीमा प्रीमियम 6650 रुपए दिनांक 26 जुलाई 2016 को खाते से लिया गया था। इसी बीच प्राकृतिक कारणों और मानसून की कमी के कारण परिवादी की खरीफ फसल 2016 नष्ट हो गई।
जिस पर परिवादी को बीमा कंपनी द्वारा 24.16 प्रतिशत शासन के नियमानुसार बीमा राशि का भुगतान किया जाना था। लेकिन, नहीं किया गया। परिवादी ने कई बार मौखिक, फोन और लिखित में बीमा राशि की मांग की। लेकिन बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया। परेशान होकर परिवादी ने परिवाद पेश किया।
भुगतान के साक्ष्य पेश नहीं कर पाया बैंक
परिवादी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता पवन नन्होरिया ने बताया कि परिवाद पर आयोग अध्यक्ष राजेश कुमार कोष्टा और सदस्य अनुभा वर्मा ने सुनवाई की। इस दौरान बैंक ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि उन्होंने बीमा प्रीमियम की राशि परिवादी से ली थी। जिसे बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से बीमा कंपनी को भुगतान किया गया है।
वहीं बीमा कंपनी ने अपने पक्ष में तर्क दिया कि उन्हें संबंधित व्यक्ति की बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में बीमा प्रीमियम राशि कंपनी को देने से संबंधित साक्ष्य बैंक उपलब्ध नहीं करा पाया। जिससे यह माना गया कि बैंक ने बीमा कंपनी को बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान नहीं किया था। जिस कारण परिवादी को फसल नष्ट होने पर बीमा राशि का भुगतान नहीं हो पाया।
सेवा में कमी पर 5 हजार का करना होगा भुगतान
सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नियमों का हवाला देते हुए केनरा बैंक को परिवादी को फसल की क्षतिपूर्ति 80 हजार 465 रुपए आदेश दिनांक से दो माह के अंदर परिवाद पेश करने की दिनांक से अदायगी दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करने का आदेश दिया है। साथ ही सेवा में कमी के रूप में 5 हजार और परिवाद व्यय के 2 हजार रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है।