साउथ कोरिया का नया नियम, अगर कोविशील्ड ली है तो क्वारंटीन नहीं मगर कोवैक्सीन ली है तो रहना पड़ेगा

251
साउथ कोरिया का नया नियम, अगर कोविशील्ड ली है तो क्वारंटीन नहीं मगर कोवैक्सीन ली है तो रहना पड़ेगा


साउथ कोरिया का नया नियम, अगर कोविशील्ड ली है तो क्वारंटीन नहीं मगर कोवैक्सीन ली है तो रहना पड़ेगा

नई दिल्ली
भारतीय वैक्सीन कोवैक्सीन का दुनियाभर में ट्रायल चल रहा है। इसी बीच भारत में साउथ कोरिया के राजदूत ने कहा कि अगर कोई भारतीय साउथ कोरिया आता है और उसने कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज लिए हैं तो उसे क्वारंटीन नहीं होना होगा। जबकि किसी ने अगर कोवैक्सीन लगवाई है तो उसे दो हफ्ते यानी 14 दिन का क्वारंटीन रहना पड़ेगा। ये सुविधा 1 जुलाई से लागू होने जा रही है।

साउथ कोरिया का नया नियम
बुधवार को न्यूज एजेंसी से विशेष बातचीत में भारत में दक्षिण कोरिया के दूत शिन बोंग-किल ने कहा, ‘दक्षिण कोरियाई सरकार ने अनिवार्य रूप से दो सप्ताह के क्वारंटीन को वापस लेने का फैसला किया है। लेकिन ये नियम सिर्फ उन लोगों के लिए लागू होता है जिन्होंने पूरी तरह से वैक्सीनेशन करवा लिया है। उन्होंने कहा कि अगर व्यक्ति ने कोविशील्ड लिया है तो उसको एक भी दिन क्वारंटीन रहने की जरूरत नहीं है लेकिन कोवैक्सिन लेने वालों को दो सप्ताह के क्वारंटीन का पालन करना होगा।

Corona Vaccine Death : लाखों में सिर्फ एक केस, वैक्सीन के साइड इफैक्ट से कैसे हुई मौत? सरकार ने बताई यह बात
पीएम मोदी को इजाजत है
उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोवैक्सिन ले लिया है और अगर पीएम मोदी किसी भी समय कोरिया की यात्रा करना चाहते हैं तो वह बिना क्वारंटीन के कोरिया का दौरा कर सकते हैं। उच्च रैंकिंग अधिकारी उदाहरण के लिए यदि सेना प्रमुख भारत कोरिया का दौरा करते हैं तो उनको भी क्वारंटीन में रहने की आवश्यकता नहीं है।

Sputnik V Vaccine: दिल्ली में इसी हफ्ते लगने लगेगी स्पूतनिक वी वैक्सीन, कितनी असरदार, क्या कीमत, जानिए सबकुछ
भारत की तारीफ
इसके अलावा उन्होंने पड़ोसी देशों को मुफ्त में टीके उपलब्ध कराने के निर्णय के लिए भारत की सराहना की और कहा कि यह भारत की ओर से एक महान इशारा है। उन्होंने कहा, “एक राजनयिक के रूप में, मुझे लगता है कि भारत के आसपास के देशों को टीके उपलब्ध कराना एक अच्छा इशारा है… अगर भारत ने उनकी मदद नहीं की होती, तो भूटान, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव जैसे अन्य पड़ोसी देशों की मदद के लिए कौन आगे आता। मुझे लगता है कि यह भारत की ओर से एक अच्छा इशारा है। हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।’



Source link