सांसद बोले-मंत्री केके विश्नोई पेपर लीक माफिया को बचा रहे: उनके दबाव में एसआई भर्ती परीक्षा को अब तक रद्द नहीं किया गया – Jaipur News

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सांसद बोले-मंत्री केके विश्नोई पेपर लीक माफिया को बचा रहे:  उनके दबाव में एसआई भर्ती परीक्षा को अब तक रद्द नहीं किया गया – Jaipur News

सांसद बोले-मंत्री केके विश्नोई पेपर लीक माफिया को बचा रहे: उनके दबाव में एसआई भर्ती परीक्षा को अब तक रद्द नहीं किया गया – Jaipur News

एसआई भर्ती पेपर लीक के मामले में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएपी) के अध्यक्ष और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को राजस्थान सरकार के मंत्री केके विश्नोई पर बड़े आरोप लगाए। सांसद बेनीवाल ने आरोप लगाया कि मंत्री केके विश्नोई पेपर लीक माफिया स

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उन्होंने कहा- राज्य सरकार एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं कर रही है। जबकि एसओजी, एएजी और कैबिनेट सब कमेटी ने भी भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की है। हनुमान बेनीवाल ने एसओजी द्वारा की गई पूछताछ का एक दस्तावेज मीडिया के सामने रखा। इसमें आरोपी संतोष ने कबूल किया है कि उसने अपने बदले डमी कैंडिडेट को परीक्षा में बैठाया था। इसके लिए मंत्री केके विश्नोई से 6 लाख रुपए लिए थे। संतोष ने यह भी कहा कि केके विश्नोई उसका पुराना परिचित है।

बेनीवाल ने यह भी कहा- केके बिश्नोई भजनलाल को कहता है कि सरकार गिर जाएगी। मैं व्हाइट हाउस की सारी बात सबको बता दूंगा। वे एसओजी पर मामले को खत्म करने का दबाव बनाते हैं। साथ ही अगली भर्ती निकालने के लिए कहते हैं। तभी आज एसआई की एक और भर्ती निकाल दी। हालांकि वेकेंसी तो बड़ी निकाली है, लेकिन इस बात को दबाने के लिए कि आंदोलन बहुत बड़ा ना हो जाए।

बीजेपी ने कहा था- सरकार में आएंगे, SI भर्ती परीक्षा को रद्द करेंगे

हनुमान बेनीवाल ने कहा- पहले यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार हमारे साथ ही सड़कों पर थी। इनका कहना था कि हम जैसे ही सरकार में आएंगे, SI भर्ती परीक्षा को रद्द करेंगे। आरपीएससी का पुनर्गठन करेंगे। साथी उन तमाम मुद्दों की जांच कराएंगे, जो कांग्रेस सरकार में हुए थे। इसमें कई जगह ईडी की रेड भी हुई। राजस्थान में तमाम कोचिंग से लेकर बजरी माफिया के खिलाफ मुद्दे थे।

हनुमान बेनीवाल ने कहा- यहां SI भर्ती के अभ्यर्थी आपको कम नजर आएंगे। इसके साथ ही दूसरे तमाम नौजवान जो राजस्थान को बचाना चाहते हैं। राजस्थान के सम्मान की लड़ाई में हमारे साथ खड़े हैं। मैं 6 दिन से यहां हूं, 8 दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई थी। हमने सरकार को यहां बैठने का अल्टीमेट दिया था, लेकिन सरकार के जूं तक नहीं रेंगी। अगर सरकार चाहती है कि आर पार हो तो इस बार हम आर पार की लड़ाई के मूड में ही हैं। कल हम थोड़ा आंदोलन करेंगे। उसके बाद और बड़ा आंदोलन होगा, राजधानी में 1 लाख लोगों की रैली होगी। हम सरकार को झुकाएंगे।

हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को भी कहना चाहता हूं कि आप बाकी बहुत मामलों में हस्तक्षेप करते हैं। फिर ऐसे मामलों में भी हस्तक्षेप करके पहले ही निपटा देना चाहिए। कई ऐसे मामले बिहार और बंगाल के है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर आधे लोग या 40 फीसदी भी फर्जी भर्ती का फायदा ले रहे हैं। उसको रद्द कर देना चाहिए। जब सर्वोच्च न्यायालय देश का कह रहा है। हाईकोर्ट को भी इस पर ध्यान देना चाहिए। एएजी, एसओजी का चीफ और पुलिस हेडक्वाटर कह चुका है। साथ ही मंत्रियों की सब कमेटी भी भर्ती रद्द करने के लिए कह चुकी है। फिर आखिर क्या राज है, जिस वजह से भर्ती रद्द नहीं हो रही।

एसओजी की पूछताछ का एक नोट सामने आया है

मंत्री केके विश्नोई का जोधपुर के अंदर व्हाइट हाउस है। इसको व्हाइट हाउस इसलिए कहते हैं क्योंकि यहां पर हर तरह की सुविधा उपलब्ध है। यह SOG का एक नोट है, जिसमें दो लिफाफे मिले, जो मैं आपको बताऊंगा। सिग्नेचर वाला इसलिए नहीं दिखा रहा हूं। क्योंकि सिग्नेचर वाला दिखा देंगे तो उसकी नौकरी चली जाएगी। इसमें तारीख सहित हर पूछताछ है। कैंडिडेट संतोष कह रही है कि मेरी बहन मंजू ने हमारे पड़ोस में रहने वाले छोटे लड़के अनिल को मोटरसाइकिल देकर 6 लाख रुपए लेकर क्षमी उर्फ शमी को देने के लिए बस स्टैंड पर भेजा था। अनिल को बता दिया कि बस स्टैंड पर एक औरत खड़ी है। इसको रुपए देकर आ जाना। तब क्षमी उर्फ शमी को 6 लाख रुपए देकर आया था। यह 6 लाख मैंने केके विश्नोई से लिए थे। केके बिश्नोई जिसका व्हाइट हाउस से नाता है। केके बिश्नोई मेरा पुराना परिचित है।

बेनीवाल ने कहा- व्हाइट हाउस के बारे में वह लड़कियां कह रही है। भारतीय जनता पार्टी के कई नेता व्हाइट हाउस आते थे। अब व्हाइट हाउस क्यों नाम है, इससे आप अंदाजा लगा सकते हो। व्हाइट हाउस किसको नाम दिया जाता है। व्हाइट हाउस अमेरिका के अंदर है। यह जोधपुर का व्हाइट हाउस है। यहां तमाम तरह की सुविधा मिलती है। इसमें कैंडिडेट का नाम है संतोष, यह पूछताछ नोट संतोष का है। वैसे SOG का पूछताछ नोट सिग्नेचर वाला अगर बाहर आता तो उसे अधिकारी को दिक्कत हो जाती। इसलिए हमने कहा कि तुम्हारे भरोसे पर हम सिग्नेचर वाला पूछताछ नोट प्रेस को नहीं दिखाएंगे।

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