सरिस्का में सुरक्षित सफर के लिए राजस्थान बनाएगा 23 किमी एलिवेटेड रोड | Rajasthan to build 23 km elevated road for safe travel in Sariska | Patrika News h3>
सरिस्का बाघ परियोजना में बाघ, पैंथर एवं अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए लंब समय से एलिवेटेड रोड निर्माण की मांग की जा रही थी। पिछले दिनों केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सरिस्का आगमन के दौरान भी सरिस्का में बाघ एवं अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एलिवेटेड रोड बनाने की जरूरत बताई थी। इससे पूर्व भी कई मौकों पर सरिस्का में एलिवेटेड रोड निर्माण की मांग उठ चुकी है।
सरिस्का प्रशासन ने भी बनाए थे कई बार प्रस्ताव
सरिस्का प्रशासन भी वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कोर एरिया में एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर भिजवाए थे। इनमें उच्च स्तर से संशोधन के भी निर्देश दिए गए। इस कारण सरिस्का में एलिवेटेड रोड निर्माण को लेकर मंथन का दौर लंबे समय से चल रहा है।
1500 करोड़ की लागत की उम्मीद
सरिस्का में बनने वाले एलिवेटेड रोड पर करीब 1500 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है। हालांकि इस प्रोजेक्ट की डीपीआर को अंतिम रूप देने पर एलिवेटेड रोड निर्माण की वास्तविक लागत का पता चल सकेगा, लेकिन यह प्रोजेक्ट सरिस्का ही नहीं पूरे प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है।
एलिवेटेड रोड का पहला बड़ा कदम, डीपीआर की निविदा जारी
सरिस्का के कोर एरिया नटनी का बारां से थानागाजी के थैंक्यू बोर्ड तक 23 किलोमीटर एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव है। इसकी डीपीआर अगले साल जुलाई तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है। केवल डीपीआर पर 2.50 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है।
इसलिए है एलिवेटेड रोड जरूरी
सरिस्का बाघ परियोजना से होकर अलवर- जयपुर स्टेट हाइवे रोड गुजर रहा है। इस रोड पर रोडवेज बस एवं छोटे वाहनों के प्रवेश की अनुमति है। इस कारण दिन व रात के समय यहां वाहनों की आवाजाही रहती है। वहीं सरिस्का का जंगल होने के कारण बाघ, पैंथर एवं अन्य जीव कई बार सड़क क्रॉस करते हैं या फिर सड़क पर चलते रहते हैं। ऐसे में तेज गति से चलने वाले वाहनों से कई बार पैंथर व अन्य वन्यजीवों की टक्कर में मौत हो चुकी है। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सरिस्का को वाहन विहीन न बनाने की जरूरत है।और यह एलिवेटेड रोड निर्माण से ही संभव है। कारण है कि अलवर- जयपुर स्टेट हाइवे को बंद करने को लेकर क्षेत्रीय लोगों का लंबे समय से विरोध रहा है।
सरिस्का में एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। सरिस्का में बाघ एवं अन्य वन्यजीवों को सुरक्षित रखने में एलिवेटेड रोड की बड़ी भूमिका होगी।
सत्येन्द्र सिंह, अधीक्षण अभियंता, एनएच जयपुर खंड
सरिस्का में एलिवेटेड रोड निर्माण जरूरी है। टाइगर को बचाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है। यह प्रोजेक्ट निश्चित रूप से पूरा होगा और यह सरिस्का के लिए वरदान साबित होगा।
आरएन मीणा, क्षेत्र निदेशक, सरिस्का बाघ परियोजना
यह एलिवेटिड रोड वन्य जीवों के निर्बाध विचरण के लिए जरूरी है। इसकी डीपीआर तैयार करने के लिए निविदा आमंत्रित की जा चुकी है।
शिखर अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव वन
सरिस्का बाघ परियोजना में बाघ, पैंथर एवं अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए लंब समय से एलिवेटेड रोड निर्माण की मांग की जा रही थी। पिछले दिनों केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सरिस्का आगमन के दौरान भी सरिस्का में बाघ एवं अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एलिवेटेड रोड बनाने की जरूरत बताई थी। इससे पूर्व भी कई मौकों पर सरिस्का में एलिवेटेड रोड निर्माण की मांग उठ चुकी है।
सरिस्का प्रशासन ने भी बनाए थे कई बार प्रस्ताव
सरिस्का प्रशासन भी वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कोर एरिया में एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर भिजवाए थे। इनमें उच्च स्तर से संशोधन के भी निर्देश दिए गए। इस कारण सरिस्का में एलिवेटेड रोड निर्माण को लेकर मंथन का दौर लंबे समय से चल रहा है।
1500 करोड़ की लागत की उम्मीद
सरिस्का में बनने वाले एलिवेटेड रोड पर करीब 1500 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है। हालांकि इस प्रोजेक्ट की डीपीआर को अंतिम रूप देने पर एलिवेटेड रोड निर्माण की वास्तविक लागत का पता चल सकेगा, लेकिन यह प्रोजेक्ट सरिस्का ही नहीं पूरे प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है।
एलिवेटेड रोड का पहला बड़ा कदम, डीपीआर की निविदा जारी
सरिस्का के कोर एरिया नटनी का बारां से थानागाजी के थैंक्यू बोर्ड तक 23 किलोमीटर एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव है। इसकी डीपीआर अगले साल जुलाई तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है। केवल डीपीआर पर 2.50 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है।
इसलिए है एलिवेटेड रोड जरूरी
सरिस्का बाघ परियोजना से होकर अलवर- जयपुर स्टेट हाइवे रोड गुजर रहा है। इस रोड पर रोडवेज बस एवं छोटे वाहनों के प्रवेश की अनुमति है। इस कारण दिन व रात के समय यहां वाहनों की आवाजाही रहती है। वहीं सरिस्का का जंगल होने के कारण बाघ, पैंथर एवं अन्य जीव कई बार सड़क क्रॉस करते हैं या फिर सड़क पर चलते रहते हैं। ऐसे में तेज गति से चलने वाले वाहनों से कई बार पैंथर व अन्य वन्यजीवों की टक्कर में मौत हो चुकी है। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सरिस्का को वाहन विहीन न बनाने की जरूरत है।और यह एलिवेटेड रोड निर्माण से ही संभव है। कारण है कि अलवर- जयपुर स्टेट हाइवे को बंद करने को लेकर क्षेत्रीय लोगों का लंबे समय से विरोध रहा है।
सरिस्का में एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। सरिस्का में बाघ एवं अन्य वन्यजीवों को सुरक्षित रखने में एलिवेटेड रोड की बड़ी भूमिका होगी।
सत्येन्द्र सिंह, अधीक्षण अभियंता, एनएच जयपुर खंड
सरिस्का में एलिवेटेड रोड निर्माण जरूरी है। टाइगर को बचाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है। यह प्रोजेक्ट निश्चित रूप से पूरा होगा और यह सरिस्का के लिए वरदान साबित होगा।
आरएन मीणा, क्षेत्र निदेशक, सरिस्का बाघ परियोजना
यह एलिवेटिड रोड वन्य जीवों के निर्बाध विचरण के लिए जरूरी है। इसकी डीपीआर तैयार करने के लिए निविदा आमंत्रित की जा चुकी है।
शिखर अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव वन