सरफराज क्यों हैं आसान ‘शिकार’, क्या वाकई में है फिटनेस और अनुशासन की समस्या?

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सरफराज क्यों हैं आसान ‘शिकार’, क्या वाकई में है फिटनेस और अनुशासन की समस्या?


सरफराज क्यों हैं आसान ‘शिकार’, क्या वाकई में है फिटनेस और अनुशासन की समस्या?

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम का किसी सीरीज के लिए ऐलान हो और टीम में शामिल नहीं होने वाले प्लेयर्स को लेकर विवाद न हो ऐसा संभव नहीं है। कई बार डोमेस्टिक में रनों का अंबार लगाने वाला खिलाड़ी चयन से वंचित रह जाता है तो कई बार आईपीएल का स्टार। सूरमा टैलेंट से भरे भारत में सीनियर टीम के सिलेक्टरों के लिए मैनेजमेंट कर पाना आसान नहीं रह गया है। एक दौर था जब कुछ गिने चुने नाम हुआ करते थे। टीम उन्हीं में से चुनी जाती थी, लेकिन अब भारत क्रिकेटरों की खान है।

सरफराज खान लगा रहे रनों का अंबार तो सिलेक्शन क्यों नहीं?

दुनियाभर के कई देशों की टीम में भारतीय खेल रहे हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि या तो वे अपने नंबर का इंतजार करते-करते थक गए या फिर उन्हें लगा कि यहां कम्पीट कर पाना मुश्किल है। अब विंडीज दौरे को लेकर सिलेक्टेड टेस्ट टीम को ही ले लीजिए। सरफराज खान डोमेस्टिक सर्किट में रनों का अंबार लगा रहे हैं और पूरी उम्मीद थी कि उन्हें टीम में चुना जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

सरफराज खान को क्या वाकई है फिटनेस की समस्या?

सरफराज के नहीं चुने जाने को लेकर रविवार शाम में खबर आई कि उनके साथ फिटनेस की समस्या है। यही नहीं, उन्हें अनुशासन को लेकर भी काम करने की जरूरत है। इसके बाद सरफराज का वो वीडियो ट्विटर पर वायरल होने लगा, जिसमें उन्होंने शतक के बाद एग्रेसिव जश्न मनाया था। उस समय तत्कालीन सिलेक्शन कमिटी के चेयरमैन चेतन शर्मा भी स्टेडियम में मौजूद थे। दावा किया जाने लगा कि सरफराज ने उनकी ओर उंगली दिखाकर जश्न मनाया था और वो बताना चाहते थे कि वह कुछ भी कर सकते हैं।

यो-यो टेस्ट पास कर चुके हैं सरफराज खान!
खैर, जहां तक फिटनेस का सवाल है तो सरफराज खान डोमेस्टिक क्रिकेट में रनों का अंबार लगा रहे हैं। शतक पर शतक ठोक रहे हैं और ये सिर्फ बाउंड्री से नहीं, सिंगल्स और डबल्स भी उसमें शामिल होते हैं। बड़ी पारियों का मतलब है कि वह किसी भी परिस्थिति में खेलने के लिए फिट हैं। यही नहीं, यह भी बताया जा रहा है कि वह टीम इंडिया में सिलेक्शन का मानक यो-यो टेस्ट भी पास कर चुके हैं। हालांकि, इसके बावजूद उनके भारी भरकम शरीर को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस पर गावस्कर ने काफी पहले ही कहा था कि हर किसी के शरीर की बनावट एक जैसी नहीं होती है।

एग्रेसिव जश्न अनुशासनहीनता?

दूसरी बात करते हैं अनुशासन की। निजी जिंदगी छोड़कर अगर ऑन द फील्ड की बात करें तो एग्रेसिव जश्न मनाना कब से भारतीय क्रिकेट टीम में अनुशासनहीनता की निशानी हो गई? विराट कोहली तो इसके लीडर हैं। इसकी वजह से उन पर आईपीएल तक में जुर्माना लग चुका है। यह क्रिकेट के लिहाज से भी अच्छा माना जाता है। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे कूल रहते हैं और उनकी फैन बेस कितनी है हर किसी को पता है दूसरी ओर कोहली दुनिया में सोशल मीडिया पर सबसे फॉलो किए जाने वाले खिलाड़ियों की टॉप-5 लिस्ट में शामिल हैं।

सरफराज आसान शिकार क्यों?

IPL में प्रदर्शन नहीं: जहां तक रुतुराज गायकवाड़ का सिलेक्शन है तो आईपीएल में परफॉर्म करने वाले प्लेयर को लेकर कहा जाता है कि वह किसी भी प्लेटफॉर्म पर सफल होगा। इसकी वजह इंटरनेशनल लेवल के गेंदबाजों और बल्लेबाजों का होना है। खिलाड़ी टीम इंडिया में आने पर उन्हीं प्लेयर्स से विदेशों में पाला पड़ता है। सरफराज ने इस सीजन में दिल्ली के लिए 4 मैच में 53 रन बनाए थे, जबकि गायकवाड़ CSK की जीत के हीरो रहे। यशस्वी जायसवाल ने करिश्माई प्रदर्शन किया।
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