सरकार की ‘संजीवनी’ भी बढ़ते आत्महत्या के ग्राफ पर बेअसर | Government’s ‘Sanjeevani’ also ineffective on rising suicide graph | Patrika News h3>
बढ़ते गर्मी के साथ आत्महत्या के ग्राफ में आया उछाल
भोपाल। गर्मी का पारा चढ़ते ही प्रदेश में आत्महत्याओं का ग्राफ तेजी से बढ़ने लगा है। हर दूसरे दिन प्रदेश के किसी न किसी हिस्से से आत्महत्या की खबरें सामने आ रही हैं। लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस बढ़ते आत्महत्या के ग्राफ को रोकने के लिए सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है। यूं तो सरकार ने बढ़ते आत्महत्या के ग्राफ को गिराने के लिए संजीवनी हेल्पलाइन शुरू की थी। जिससे नकारात्मक अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सहायता ले सकता था। लेकिन हैरानी की बात ये है की सरकार की ओर से जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर- 7049108080 ठप्प पड़ा है। यदि कोई अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति इस नंबर पर फोन करेगा तो नंबर बंद आएगा।
क्या बंद हो गई सरकार की संजीवनी योजना?
अवसाद से ग्रसित व्यक्ति को उलझनों से निकालने के लिए सरकार ने संजीवनी- ‘एक कदम जीवन की ओर’ टोल फ्री नंबर 7049108080 जारी किया था। ताकि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति यहां से सहायता ले सके। लेकिन जब हमने इस नंबर पर फोन करके हकीकत जाननी चाही तो नंबर एक बार आउट ऑफ नेटवर्क आया और दूसरी बार बंद आया। अब सवाल ये है कि क्या सरकार की ओर से जारी की गई योजना क्या बंद कर दी गई है?
बच्चों की आत्महत्या रोकने को लेकर बना ड्राफ्ट ठंडे बस्ते में
ऑनलाइन गेम्स के लत के कारण एक 11 साल के बच्चे के सुसाइड केस के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने के लिए एक कानून लाने की बात कही। कहा गया मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। लेकिन बहरहाल ये मसौदा ठंडे बस्ते में ही नजर आ रहा है।
प्रदेश में मार्च माह में हुए आत्महत्या के चर्चित मामले
भोपाल में इंजीनियर बहू ने गृह क्लेश से आजिज आकर आत्महत्या कर ली।
22 मार्च रंगपचंमी को इंदौर में एक महिला ने गृहक्लेश के चलते जीवन लीला समाप्त कर ली।
इंदौर में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र ने रैंगिग से तंग आकर आत्महत्या कर ली।
इंदौर में ऑनलाइन गेम की लत में 10वीं के छात्र ने आत्महत्या कर ली।
भोपाल आईटी कंपनी में नौकरी करने वाली एक लड़की ने फांसी लगाकर जान दे दी।
बढ़ते सुसाइड के ग्राफ पर एक्सपर्ट ये बोले
कई शोध में भी ये बात सामने आई है की शुरूआती गर्मी में आत्महत्या के मामले बढ़ते हैं। लेकिन इसके और भी कई कारण हो सकते हैं। जैसे- पोस्ट कोविड के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ा है। मानसिक रोगी तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में आत्महत्या रोक नीति की सख्त जरूरत है। क्योंकि इसकी सौ प्रतिशत रोकथाम संभव है।
डॉ सत्यकांत त्रिवेदी, मनोचिकित्सक
सुसाइड के मसलों में भी सीजन का असर होता है। जैसे- गर्मी की वजह से इंसना में डिप्रेशन आईडिया ज्यादा आते हैं। और एग्जाम के रिजल्ट के समय, किसानों के फसल कटने के वक्त ये केस बढ़ जाते हैं। जहां तक सवाल महिलाओं के ज्यादा सुसाइड करने का है तो दोनों में कई समानता होने के बावजूद हॉर्मोनल भिन्नता होती है। जो की एक बड़ी वजह है।
डॉ अविनाश ठाकुर, फॉरेंसिक एक्सपर्ट