सरकारी स्कूलों का होगा कायाकल्प, तैयारी में जुटा शिक्षा विभाग

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सरकारी स्कूलों का होगा कायाकल्प, तैयारी में जुटा शिक्षा विभाग

सरकारी स्कूलों का होगा कायाकल्प, तैयारी में जुटा शिक्षा विभाग

बेगूसराय, हमारे प्रतिनिधि। प्राथमिक, मध्य व माध्यमिक विद्यालयो का कायाकल्प किया जाएगा। इसकी तैयारी शिक्षा विभाग की ओर से शुरू कर दी गयी है। पांच करोड़ रुपए तक की योजना का क्रियान्वयन जिला स्तिरीय अभियंत्रण कोषांग से कराया जाएगा। वहीं पांच करोड़ से ऊपर की योजना का क्रियान्वयन बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अंतर्गत राज्य स्तरीय अभियंत्रण कोषांग की ओर से होगा। सरकारी विद्यालयों में भौतिक सुविधाओं की परिपूर्णता (सेचुरेशन) के लिए सर्वेक्षण के बाद प्राथमिकता निर्धारित कर योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। इसके तहत शौचालयों की मरम्मत व सुविधा, पेयजल की सुविधा, प्रारंभिक विद्यालयों में रसोईधर का निर्माण, बिजलीकरण, बेंच-डेस्क की सुविधा, जीर्णोद्धार का कार्य, अतिरिक्त वर्गकक्ष, कार्यालय व प्रयोगशाला के उपयोगी की सामग्री, नया विद्यालय भवन व बाउंड्रीवाल का निर्माण किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि प्राथमिकता निर्धारित करते हुए प्रथम चरण में आवश्यक अतिरिक्त वर्गकक्षों का निर्माण, शौचालयों का निर्माण, शुद्ध तथा सुरक्षित पेयजल की सुविधा इसी विक्तीय वर्ष में करायी जाएगी। सितंबर माह से योजना होगी शुरू विद्यालयों में रंगाई पुताई, जीर्णोद्धार, लघु मरम्मत व जर्जर भवनों को तोड़ने का कार्य एजेंसी की ओर से कराया जाएगा। स्कूलों में रंगाई पुताई का कार्य प्रत्येक तीन साल पर किया जाएगा। प्रारंभिक विद्यालयों में बाहर भाग में पिंक व बोर्डर में मैरून रंग तथा अंदर में सफेद रंग कराया जाएगा। उच्च माध्मयिक विद्यालयों के बाहरी भाग में ग्रे रंग तथा बोर्डर में नीला रंग तथा भवन के अंदर सफेद रंग कराया जाएगा। प्राथमिकता के आधार पर विद्यालयों का चयनकर अतिरिक्त वर्गकक्षों का निर्माण, शौचालयों का निर्माण, मरम्मत व पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के कार्य को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सितंबर माह में अवश्य रूप से प्रारंभ करने को कहा गया है। योजनाओं का चयन कमेटी करेगी योजनाओं के चयन व प्राथमिकता का निर्धारण कमेटी के द्वारा किया जाएगा। इसके अध्यक्ष डीएम या डीडीसी होंगे। डीईओ सदस्य सचिव होंगे। वहीं एसएसए डीपीओ तथा बिहार शिक्षा परियोजना के जिला स्तरीय कार्यालय में कार्यरत कार्यपालक अभियंता या सहायक अभियंता सदस्य होंगे। समिति की ओर से योजनाओं के चयन व प्राथमिकता निर्धारण के बाद अलग से प्रशासनिक स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी। समिति का अनुमोदन ही प्रशासनिक स्वीकृति माना जाएगा। पचास हजार रुपए तक का कार्य स्कूल के एचएम, पचास हजार से पचास लाख तक का कार्य एजेंसी के माध्यम से जबकि पचास लाख से अधिक का कार्य बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड पटना की ओर से निविदा के माध्यम से कराया जाएगा।

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