सरकारी तालाब से पानी लेने में हुए विवाद का मामला: कोर्ट ने दो पक्षों के 6 लोगों को सुनाई सजा; 8 साल बाद आया फैसला; एक की हुई थी हत्या – Ratlam News h3>
रतलाम जिले के बिलपांक थाना अंतर्गत गांव चितावद में 2017 में शासकीय तालाब से पानी निकालने के लिए हुए दो पक्षों में विवाद हो गया था। विवाद में एक की हत्या हो गई। इस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सजा सुनाई है। एक पक्ष के तीन लोगों को आजीवान कारावास व दूसर
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कोर्ट ने एक पक्ष के आरोपी दिलीप सिंह पिता शंभू सिंह, योगेंद्र सिंह पिता दिलीप सिंह व जितेंद्र सिंह उर्फ भोम सिंह पिता महिपाल सिंह राठौड़ तीनों निवासी गांव चितावद को भारतीय दंड सहिता की धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 10-10 हजार का जुर्माना लगाया है। धारा 307 में 7 साल का कारावास व 2-2 हजार रुपए का जुर्माना व धारा 323 में 6 माह का कारावास व 500-500 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है।
दूसरे पक्ष के शहादत हुसैन, असलम नूर व शरीफ खान को 5-5 साल का कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 2-2- हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
यह था मामला
अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने बताया कि 11 फरवरी 2017 को फरियादी असलम खा निवासी चितावद ने रिपोर्ट लिखाई थी। रात करीब 9.15 बजे चितावद तालाब पर ताज मोहम्मद व दिलीप सिंह की पानी की मोटर चल रही थी। दिलीप सिंह ने ताज मोहम्मद से मोटर बंद करने को कहा। जिस पर ताज मोहम्मद के मना करने पर महिपाल सिंह, भीम सिंह, लोकेंद्र सिंह, तेज बहादुर सिंह ने एक मत होकर आए। ताज मोहम्मद पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। जब वहां शहादत खा, ताज मोहम्मद को छुड़ाने लगे तो भीम सिंह व लोकेंद्र सिंह ने उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। जिससे उसे भी चोट आई। हमले में घायल ताज मोहम्मद की मौत हो गई। असलम खां की सूचना पर थाना बिलपांक पर अभियुक्तगण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 147, 148, 149, 323 के तहत केस दर्ज किया।
डॉक्टर की रिपोर्ट को माना अहम
इस घटनाक्रम में डॉक्टर की रिपोर्ट को भी न्यायालय ने महत्वपूर्ण माना। तत्कालीन थाना प्रभारी वरुण तिवारी ने इस मामले की जांच की। घटना स्थल का मौका मुआयना कर गवाहों के बयान लिए। 25 फरवरी को 2017 को अभियुक्त को गिरफ्तार किया। पूछताछ कर घटना में प्रयुक्त लोहे की रॉड, लोहे का पेंचकस जब्त किया। इनकी मेडिकल ऑफिसर से जांच कराई। मेडिकल ऑफिसर डॉ. मुकेश डाबर और डॉ. भरत निनामा द्वारा पीएम रिपोर्ट में मृतक ताज मोहम्मद को सीने पर लोहे के पाइप व पेंचकस से हमला कर चोट लगने से मौत बताया।
दोनों पक्षों के बीच हुई थी फ्री फाइट
इस केस में दिलीप सिंह द्वारा भी दूसरे पक्ष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया था कि तालाब से मोटर चालू करने व मोटर जला देने की बात को लेकर विवाद किया। शहादत हुसैन, असलम नूर व शरीफ खान द्वारा लोहे के धारिए, लोहे की कटार से योगेंद्र सिंह, हितेंद्र सिंह पर प्राणघातक हमला किया। पुलिस ने दिलीप सिंह की रिपोर्ट पर शहादत हुसैन, असलम नूर व शरीफ खान के खिलाफ भी बिलपांक थाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 34 का केस दर्ज किया था। फ्री फाइट में एक पक्ष से एक की हत्या व दो व्यक्ति घायल हुए। जबकि दूसरे पक्ष से तीन लोग घायल हुए थे।
क्राॉस केस होने से दोनों प्रकरण सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव की न्यायालय में एक साथ चले। पैरवी अपर लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने की।