सभी दलों ने टांग खींचा, JDU-BJP साथ या पीछे पता नहीं, लालू की तारीफ; क्या बोल गए MP देवेशचंद्र ठाकुर? h3>
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विवादित बयानों को लेकर कई बार सुर्खियों में आ चुके जदयू के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर का एक और ऐसा बयान सामने आया है जो उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड और सहयोगी भारतीय जनता पार्टी को चुभने वाली है। सीतामढ़ी सांसद ने कहा कि चुनाव में सभी दलों ने मेरा टांग खींच लेकिन जनता से बेहतर रिश्ते के कारण जीत हुई। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू यादव की तारीफ में जमकर कसीदे काढ़े। बीजेपी ओर जदयू पर इशारों में सहयोग नहीं देने का आरोप लगाया। सीतामढ़ी में सीटिंग जेडीयू एमपी और बीजेपी से जदयू में गए सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर उन्हें एनडीए का उम्मीदवार बनाया गया था। घोषणा के बाद जदयू के कई नेताओं ने उनकी उम्मीदवारी का खुलकर विरोध किया था।
दरअसल देवेश चंद्र ठाकुर तिरहुत स्नातक एमएलसी चुनाव में जदयू के प्रत्याशी अभिषेक झा के पक्ष में हाजीपुर में आयोजित एक सभा में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त सभी दलों ने मेरा टांग खींचा। बिहार में कोई दल ऐसा नहीं है जिसके खिलाफ मैंने चुनाव नहीं लड़ा। शायद इसी वजह से हर दल के लोगों ने टांग खींचने का काम किया। उन्होंने कहा कि जेडीयू और बीजेपी हमारे साथ थी या पीछे, यह भी पता नहीं चला। लेकिन 20 सालों से मैं जानता की जो सेवा की और उनसे व्यक्तिगत रिश्ता बना, उसकी बदौलत जीत हुई।
यादव मुसलमान वाले बयान पर देवेश चंद्र ठाकुर का यू-टर्न, बोले- ना किसी को रोका, ना काम को मना किया
देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि आरजेडी तो मेरे सामने थी लेकिन जेडीयू मेरे साथ थी या पीछे इसका मुझे ख्याल नहीं है। इसी तरह भाजपा भी मेरे साथ थी या पीछे थी यह भी ख्याल नहीं है। हकीकत यही है जरा इशारों को समझिए। दार्शनिक अंदाज में देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि लोगों के काम करवाना मेरा स्वभाव है। ऐसा मैं चुनाव या वोट के चलते नहीं करता लेकिन, चुनाव लड़ने पर इसका फायदा मिलता है। उस समय हुए लोग जाति या पार्टी नहीं देखते।
यादव मुसलमान, कुशवाहा का…, बोलकर बुरे फंसे देवेश चंद्र ठाकुर, मुजफ्फरपुर में केस दायर
देवेश चंद्र ठाकुर ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राजद सुप्रीमो लालू यादव की जमकर तारीफ की। उन्होंने उन दोनों को याद किया जब पहली बार विधान परिषद का चुनाव लड़ने 2002 में आए थे और लालू यादव के हाथों में बिहार की सत्ता थी। देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि तब भी उनसे मेरे बेहतर रिश्ते थे। 2002 में लालू प्रसाद यादव ने मुझे एमएलसी चुनाव जीतने में सहयोग किया जबकि राजद की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के उम्मीदवार के खिलाफ में चुनाव लड़ रहा था। उन्होंने यह भी दावा किया कि आज भी लालू प्रसाद यादव से काफी करीबी और मधुर संबंध है। उन्होंने तिरहुत स्नातक उम्मीदवार अभिषेक झा को भी सबसे अच्छे रिश्ते कायम रखने की सीख दी।
देवेश चंद्र ठाकुर सीतामढ़ी लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर पहली बार सांसद बने हैं। इससे पहले चार बार तिरहुत स्नातक क्षेत्र में विधान पार्षद रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव में उनकी जीत मात्र 51000 वोटो से हुई। इसका दर्द छलक जाता है। इसीलिए सीतामढ़ी चुनाव में अपने लोगों से सहयोग नहीं मिलने का जिक्र वह अक्सर करते रहते हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि यादव, कुशवाहा और मुस्लिम समाज के लोगों ने बीजेपी की सहयोगी पार्टी से आने के कारण सीतामढ़ी चुनाव में वोट नहीं दिया। इसलिए उन लोगों से सिर्फ चाय नाश्ता का रिलेशन रखेंगे, कभी उनका काम नहीं करेंगे। हालांकि बाद में देवेश चंद्र ठाकुर अपने स्टैंड से पीछे हट गए।
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विवादित बयानों को लेकर कई बार सुर्खियों में आ चुके जदयू के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर का एक और ऐसा बयान सामने आया है जो उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड और सहयोगी भारतीय जनता पार्टी को चुभने वाली है। सीतामढ़ी सांसद ने कहा कि चुनाव में सभी दलों ने मेरा टांग खींच लेकिन जनता से बेहतर रिश्ते के कारण जीत हुई। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू यादव की तारीफ में जमकर कसीदे काढ़े। बीजेपी ओर जदयू पर इशारों में सहयोग नहीं देने का आरोप लगाया। सीतामढ़ी में सीटिंग जेडीयू एमपी और बीजेपी से जदयू में गए सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर उन्हें एनडीए का उम्मीदवार बनाया गया था। घोषणा के बाद जदयू के कई नेताओं ने उनकी उम्मीदवारी का खुलकर विरोध किया था।
दरअसल देवेश चंद्र ठाकुर तिरहुत स्नातक एमएलसी चुनाव में जदयू के प्रत्याशी अभिषेक झा के पक्ष में हाजीपुर में आयोजित एक सभा में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त सभी दलों ने मेरा टांग खींचा। बिहार में कोई दल ऐसा नहीं है जिसके खिलाफ मैंने चुनाव नहीं लड़ा। शायद इसी वजह से हर दल के लोगों ने टांग खींचने का काम किया। उन्होंने कहा कि जेडीयू और बीजेपी हमारे साथ थी या पीछे, यह भी पता नहीं चला। लेकिन 20 सालों से मैं जानता की जो सेवा की और उनसे व्यक्तिगत रिश्ता बना, उसकी बदौलत जीत हुई।
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देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि आरजेडी तो मेरे सामने थी लेकिन जेडीयू मेरे साथ थी या पीछे इसका मुझे ख्याल नहीं है। इसी तरह भाजपा भी मेरे साथ थी या पीछे थी यह भी ख्याल नहीं है। हकीकत यही है जरा इशारों को समझिए। दार्शनिक अंदाज में देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि लोगों के काम करवाना मेरा स्वभाव है। ऐसा मैं चुनाव या वोट के चलते नहीं करता लेकिन, चुनाव लड़ने पर इसका फायदा मिलता है। उस समय हुए लोग जाति या पार्टी नहीं देखते।
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देवेश चंद्र ठाकुर ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राजद सुप्रीमो लालू यादव की जमकर तारीफ की। उन्होंने उन दोनों को याद किया जब पहली बार विधान परिषद का चुनाव लड़ने 2002 में आए थे और लालू यादव के हाथों में बिहार की सत्ता थी। देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि तब भी उनसे मेरे बेहतर रिश्ते थे। 2002 में लालू प्रसाद यादव ने मुझे एमएलसी चुनाव जीतने में सहयोग किया जबकि राजद की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के उम्मीदवार के खिलाफ में चुनाव लड़ रहा था। उन्होंने यह भी दावा किया कि आज भी लालू प्रसाद यादव से काफी करीबी और मधुर संबंध है। उन्होंने तिरहुत स्नातक उम्मीदवार अभिषेक झा को भी सबसे अच्छे रिश्ते कायम रखने की सीख दी।
देवेश चंद्र ठाकुर सीतामढ़ी लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर पहली बार सांसद बने हैं। इससे पहले चार बार तिरहुत स्नातक क्षेत्र में विधान पार्षद रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव में उनकी जीत मात्र 51000 वोटो से हुई। इसका दर्द छलक जाता है। इसीलिए सीतामढ़ी चुनाव में अपने लोगों से सहयोग नहीं मिलने का जिक्र वह अक्सर करते रहते हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि यादव, कुशवाहा और मुस्लिम समाज के लोगों ने बीजेपी की सहयोगी पार्टी से आने के कारण सीतामढ़ी चुनाव में वोट नहीं दिया। इसलिए उन लोगों से सिर्फ चाय नाश्ता का रिलेशन रखेंगे, कभी उनका काम नहीं करेंगे। हालांकि बाद में देवेश चंद्र ठाकुर अपने स्टैंड से पीछे हट गए।