सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट, एक टीम दिल्ली रवाना: प्रयागराज इंडसइंड बैंक से 20 खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर हुए ठगी के 1.30 करोड़ – Gwalior News

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सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट, एक टीम दिल्ली रवाना:  प्रयागराज इंडसइंड बैंक से 20 खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर हुए ठगी के 1.30 करोड़ – Gwalior News

सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट, एक टीम दिल्ली रवाना: प्रयागराज इंडसइंड बैंक से 20 खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर हुए ठगी के 1.30 करोड़ – Gwalior News

उज्जैन नागदा से पकड़े गए सभी आरोपी, इसमें बंधन बैंक का असिस्टेंट मैनेजर व महिला कैशियर शामिल थी।

ग्वालियर में अब तक के सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट में सबसे बड़ी ठगी की राशि 1.30 करोड़ रुपए यूपी के प्रयागराज स्थित इंडसइंड बैंक के खाते में गई थी। यहां पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम को पता लगा है कि यह 1.30 करोड़ रुपए तत्काल आठ राज्यों के 20 से ज्यादा बैंक अक

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नागदा से पकड़ी गई बंधन बैंक की महिला कैशियर

तुषार ने कुबूल किया कि 60 चेक के जरिए निकाले तीन करोड़ उज्जैन के नागदा में बंधन बैंक के असिस्टेंट मैनेजर, महिला कैशियर सहित पकड़े गए सभी आरोपियों ने कुबूल किया है कि उनके गिरोह का सरगना उदयराज है। इसी को वह कैश निकालकर देते थे। उदयराज ही कैश को डिजिटल करेंसी में कन्वर्ट कर ठगों तक पहुंचाता था। पुलिस पूछताछ में पता लगा है कि उदय का राइट हैंड तुषार गोमे है। यह अभी पुलिस कस्टडी में है। तुषार ने पुलिस के सामने कुबूल किया है कि बंधन बैंक के कई अकाउंट से पिछले कुछ महीने में 60 चेक के माध्यम से तीन करोड़ से ज्यादा रुपए निकालकर वह उदयराज को दे चुका है। तुषार और अन्य साथियों को हर राशि पर निश्चित कमीशन मिलता था। असली रकम उदयराज के पास जाती और वह इसे ठगों तक पहुंचा देता था। अब पुलिस की एक टीम उदयराज की तलाश में रवाना हो गई है। अभी तक यह पकड़े गए हैं ग्वालियर पुलिस की एसआईटी ने नागदा, उज्जैन व रतलाम में दबिश देकर छह लोगों को पकड़ा है। जिनमें अकाउंट होल्डर सब्जी वाला राहुल कहार (22), तुषार गोमे (26), किशोर विनाज्ञा (19), शुभम सिंह राठौर (23), बैंक में असिस्टेंट मैनेजर रतलाम का विश्वजीत बर्मन (46) और उज्जैन की बंधन बैंक की महिला कैशियर काजल जैसवाल (27) शामिल है। ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट की घटना में से सिर्फ 10 लाख रुपए इस अकाउंट में ट्रांसफर हुए थे। जिसकी तहकीकात करते हुए जब ग्वालियर पुलिस नागदा बंधन बैंक पहुंची तो पता लगा कि ग्वालियर का सिर्फ एक ट्रांजेक्शन था, लेकिन उस अकाउंट में लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन पिछले कुछ महीनों में हो चुका है, जबकि अकाउंट होल्डर के पास न तो पासबुक है न ही एटीएम कार्ड। उसको इतना पैसा आने का पता भी नहीं है। वह तो सिर्फ सब्जी का ठेला लगाता है। उसे इस अकाउंट को खुलवाने के बदले 5 हजार रुपए महीने मिलते थे। 1.30 करोड़ 20 अलग-अलग बैंक अकाउंट में हुए ट्रांसफर ग्वालियर में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर ठगे गए 2.53 करोड रुपए की बंदरबांट देश के कई राज्यों के 50 से ज्यादा बैंक खातों में हुई है, पर सबसे बड़ी राशि 1.30 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर के इंडसइंड बैंक के करंट अकाउंट में ट्रांसफर की गई है। इस खाते के बारे में जब पुलिस ने जानकारी जुटाई है तो पता लगा है कि यह अकाउंट किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है बल्कि शैल कंपनी (फर्म) के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस को कंपनी का नाम व पता मिल गया है। वहां पुलिस की टीम पहुंच गई है। अब पुलिस को पता लगा है कि इंडसइंड बैंक में पहुंचे 1.30 करोड़ रुपए को ठगों ने तत्काल आठ राज्यों के 20 से ज्यादा बैंक अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर किया है। अब पुलिस इन 20 अकाउंट की डिटेल निकालने में जुट गई है। साथ ही जिस अकाउंट में 1.30 करोड रुपए पहुंचे थे उसके अकाउंट होल्डर का पता लगा रही है। 10 राज्यों के 50 से ज्यादा बैंक अकाउंट पुलिस के टारगेट ग्वालियर की सबसे बड़ी डिजिटल अरेस्ट की वारदात की पड़ताल में पुलिस टीम को पता लगा है कि ठगी गई रकम पहले कुछ मुख्य बैंक खातों में गई है। उसके बाद 10 से ज्यादा राज्यों के लगभग 50 बैंक खातों में यह राशि ट्रांसफर कर निकाली गई है। देश के मणिपुर, केरल, उत्तराखंड, असम, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के बैंक खातों की तलाश में अब ग्वालियर पुलिस, क्राइम ब्रांच व साइबर एक्सपर्ट की टीम लग गई है।

ऐसे समझिए पूरा मामला शहर के थाटीपुर निवासी सुप्रदिप्तानंद रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव हैं। 17 मार्च 2025 को वह ऑफिस का काम देख रहे थे तभी उनके पास मोबाइल नंबर 9730742847 से वाॅट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को नासिक (महाराष्ट्र) पुलिस का इंस्पेक्टर बताया। साथ ही बताया कि उनके खिलाफ नासिक पुलिस थाने में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में एफआईआर दर्ज है। जब पूछा कि किस मामले में तो कॉल करने वाले ने बताया कि नरेश गोयल को आप जानते हैं, जब उन्होंने इनकार किया तो कथित इंस्पेक्टर ने बताया कि नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में पकड़ा गया था और उसके पास से जो अकाउंट मिला है, वह आपके नाम पर है।

कथित इंस्पेक्टर ने उसे कैनरा बैंक का एक अकाउंट बताया जो कि सुुप्रदिप्तानंद के नाम पर था और उसके आधार कार्ड से संचालित था। जिसमें करीब बीस करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ था। इसकी पीडीएफ व स्टेटमेंट की कॉपी उनके वॉट्सएप पर भेजी, जिसे देखने के बाद उन्होंने खाता नहीं होने और इस तरह की गतिविधि में शामिल नहीं होने की बात कही। इस पर उनकी तथा उनके परिवार की पूरी जानकारी ली और साथ ही धमकी दी कि अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया तो उन्हें कुछ ही घंटों में अरेस्ट कर लिया जाएगा। यह सारी कार्रवाई गोपनीय है और बिना अनुमति आप कहीं नहीं जाएंंगे, जो चर्चा आपसे हो रही है, उसकी जानकारी सीनियर या परिवारजन को नहीं बताएंगे, यदि जानकारी लीक हुई तो 3 से 7 साल की सजा अथवा 5 लाख रुपये या फिर दोनों की सजा से दण्डित किया जाएगा एवं प्रत्येक 1 घंटे में आप मुझे अपनी लोकेशन अपनी सेल्फी के साथ वॉट्सएप पर सेंड करेंगे। इसके बाद 26 दिन में तीन बैंक खातों में 2.53 करोड़ रुपए ठग लिए।

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