सपा दलितों के नाम पर कर रही सियासत: मायावती का आरोप सपा नेताओं के उग्र बयानबाज़ी और कार्यक्रमों से बढ़ रहा तनाव का माहौल – Uttar Pradesh News

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सपा दलितों के नाम पर कर रही सियासत:  मायावती का आरोप सपा नेताओं के उग्र बयानबाज़ी और कार्यक्रमों से बढ़ रहा तनाव का माहौल – Uttar Pradesh News

सपा दलितों के नाम पर कर रही सियासत: मायावती का आरोप सपा नेताओं के उग्र बयानबाज़ी और कार्यक्रमों से बढ़ रहा तनाव का माहौल – Uttar Pradesh News

मायावती ने सपा पर लगाया समाज में तनाव पैदा करने का अरोप।

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आज सपा पर जोरदार हमला बोला। कहा कि सपा दलितों के नाम पर सिर्फ सियासत कर रही है। सपा नेताओं के उग्र बयानबाजी और कार्यक्रमों से सिर्फ तनाव का माहौल बढ़ रहा है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जहां एक ओर देश भर म

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राणा सांगा के बाद तीन दिन पहले सुमन ने कहा था कि गड़े मुर्दे मत उखाड़ो, भारी पड़ेगा:हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ है। अखिलेश के सामने दो-दो हाथ होंगे।

मायावती का इशारा सपा के राज्य सभा सांसद रामजी लाल सुमन की ओर है। रामजी लाल सुमन द्वारा राज्यसभा में राणा सांगा पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद से पूरे देश के क्षत्रिय समाज में आक्रोश है। सपा नेता रामजी लाल सुमन सहित राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उनके समर्थन में लगातार बयान दे रहे हैं, जिससे तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

मायावती ने गुरुवार को सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर कहा कि सपा नेताओं द्वारा दिए गए बयानों और उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में बार-बार ऐसी बातें सामने आ रही हैं जो समाज को बांटने की दिशा में इशारा करती हैं। मायावती ने आरोप लगाया कि यह सपा की संकीर्ण स्वार्थ-आधारित राजनीति का ही हिस्सा है, जिसमें दलितों को केवल वोट बैंक के तौर पर देखा जा रहा है।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने नेताओं को विवादित बयानबाजी बंद करने की बजाय उसका समर्थन कर रहे हैं, ऐसा मायावती ने आरोप लगाया है।

दलितों के नाम पर वोट की राजनीति, मुस्लिम व पिछड़े वर्ग भी निशाने पर!

दरअसल सपा एक रणनीति के तहत दलितों के साथ-साथ पिछड़े वर्गों और मुस्लिम समाज को भी अपने उग्र बयानों और भावनात्मक अपीलों के ज़रिए प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। मायावती ने कहा कि समाज के इन वर्गों को अब जागरूक रहना होगा और किसी भी राजनीतिक बहकावे में आकर खुद को ऐसे हथकंडों का शिकार नहीं बनने देना चाहिए।

“इतिहास पर टिप्पणी से पहले अपने महानायकों को जानें”

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि ऐसी पार्टियों से जुड़े अवसरवादी दलित नेताओं को दूसरों के इतिहास पर टीका-टिप्पणी करने की बजाय यदि वे अपने समाज के सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों की अच्छाईयों एवं उनके संघर्ष के बारे में बताएं तो यह उचित होगा, जिनके कारण ये लोग किसी लायक़ बने हैं।

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