सतनाः मस्टर श्रमिक के 'ईगो' का विवाद, निगम कार्यालय में जूतम पैजार | Satna: Dispute over worker's 'ego', fight in corporation office | News 4 Social

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सतनाः मस्टर श्रमिक के 'ईगो' का विवाद, निगम कार्यालय में जूतम पैजार | Satna: Dispute over worker's 'ego', fight in corporation office | News 4 Social


सतनाः मस्टर श्रमिक के 'ईगो' का विवाद, निगम कार्यालय में जूतम पैजार | Satna: Dispute over worker's 'ego', fight in corporation office | News 4 Social

सतना। नगर निगम कार्यालय में डेढ़ बजे के लगभग तब स्थिति हंगामाई हो गई जब एक मस्टर श्रमिक कीर्ति सिंह ने नगर निगम के फायर ऑफीसर और अतिक्रमण दस्ता प्रभारी आरपी परमार की न केवल कालर पकड़ी बल्कि उनके साथ धक्का मुक्की कर दी। यह स्थिति देख उनके साथ मौजूद अन्य लोगों ने कीर्ति सिंह की जमकर धुनाई कर दी। धुनाई करने वालों में फायर ऑफिसर का चालक संदीप विश्वकर्मा भी शामिल रहा। हालांकि बाद में यहां मौजूद लोगों ने बीच बचाव कर मामले को शांत किया। घटना के बाद दोनों पक्षों ने सिटी कोतवाली थाने को शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना के पीछे का मूल कारण कीर्ति सिंह का वर्दी नहीं पहनना और मस्टर श्रमिक के पदीय दायित्वों को स्वीकार नहीं कर पाना है तो दूसरी ओर संदीप विश्वकर्मा की आदेशात्मकर रवैया भी एक कारण है।

इस तरह शुरू हुआ विवाद

नगर निगम के फिल्टर प्लांट में जहां पर निगम का फायर स्टेशन भी है वहां प्रतिदिन फायर कर्मियों और अतिक्रमण दस्ता के कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज की जाती है। इसके बाद इनकी फोटो वाट्सएप ग्रुप में डाली जाती है। फिर फायर ऑफिसर व अतिक्रमण दस्ता प्रभारी आरपी परमार दलों को कार्य आवंटित कर उन्हें काम पर भेजते हैं। शुक्रवार की सुबह 10 बजे के लगभग हाजिरी चल रही थी। हाजिरी लेने का काम संदीप विश्वकर्मा प्रतिदिन की भांति कर रहा था। तभी बुलेट से कीर्ति सिंह यहां आते हैं। लेकिन संदीप कीर्ति की हाजिरी लगाने से यह कहते हुए इंकार कर देता है कि परमार साहब का आदेश है कि बिना वर्दी वालों की हाजिरी नहीं लगेगी और ग्रुप में फोटो भी नहीं डलेगी। कीर्ति को यह नागवार गुजरता है। इसके बाद गाली गलौज शुरू होती है जो झूमा झटकी तक पहुंच जाती है। कथित तौर पर यहां मारपीट भी होती है। तभी वहां परमार भी पहुंच जाते हैं। मामला शांत हो जाता है।

नगर निगम में यह हुई घटना

सुबह की घटना के बाद अतिक्रमण दस्ता प्रभारी परमार पतेरी में चल रहे निर्माण कार्य में बाधा डालने की जानकारी मिलने पर वहां चले जाते हैं। डेढ़ बजे के लगभग वहां से लौट कर जब निगम कार्यालय पहुंचते हैं तो पहले से ताक पर खड़ा कीर्ति सिंह यहां उनसे अभद्रता करने लगता है। परमार की कॉलर पकड़ता है और उनसे झूमा झटकी शुरू कर देता है। यह देख वहीं मौजूद परमार का चालक संदीप भी आ जाता है। उसके साथ अतिक्रमण दस्ते के अन्य लोग भी मौजूद होते हैं। ये सब मिलकर कीर्ति सिंह के साथ हाथा पाई शुरू कर देते हैं। तभी यहां मौजूद लोग पहुंच कर बीच-बचाव कर मामला शांत करवा देते है। हालांकि इसके बाद भी कीर्ति सिंह काफी देर तक तल्ख अंदाज में यहां हंगामाई रवैया अपनाए रहते हैं।

यह है घटना की वजह

कीर्ति सिंह मूल रूप से नगर निगम में मस्टर कर्मचारी हैं और अतिक्रमण दस्ते में शामिल हैं। लेकिन उनका कार्य व्यवहार अतिक्रमण दस्ते के मस्टर श्रमिकों जैसा नहीं है। अफसरी रुआब में अक्सर नजर आते हैं। नगर निगम ने इस बार अतिक्रमण दस्ते के लिए खाकी रंग की विशेष ड्रेस तैयार करवाई और उसे सभी के लिए अनिवार्य किया। बकौल अतिक्रमण दस्ता प्रभारी कीर्ति सिंह यह ड्रेस नहीं पहनते और अतिक्रमण दस्ते के डग्गे में भी नहीं चढ़ते। हालांकि कीर्ति के इस इगो को देखते हुए परमार ने उन्हें दल प्रमुख की जिम्मेदारी देते हुए उनके हिस्से में कुछ श्रमिक दे दिए। लेकिन वे कुछ दिन काम करने के बाद इस काम को भी गंभीरता से नहीं निभा रहे थे। इस पर 6 फरवरी को उन्हें सेवा से पृथक करने की चेतावनी का नोटिस भी जारी किया गया। दरअसल कीर्ति चाहते थे कि उन्हें वर्दी पहनने का दबाव न दिया जाए और अन्य मस्टर श्रमिकों से इतर विशिष्ट श्रेणी में रहने दिया जाए।

निगम परिसर में दुर्व्यवहार की जानकारी सामने आई है। इसकी वजह पता की जा रही है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।” – अभिषेक गहलोत, निगमायुक्त