सड़क पर फेंकी रोटियां खाने को मजबूर थे बच्चे: बंधक बनाए मासूसों की चमड़ी निकलने लगी, महीनों से नहाए नहीं थे – Rajasthan News

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सड़क पर फेंकी रोटियां खाने को मजबूर थे बच्चे:  बंधक बनाए मासूसों की चमड़ी निकलने लगी, महीनों से नहाए नहीं थे – Rajasthan News

सड़क पर फेंकी रोटियां खाने को मजबूर थे बच्चे: बंधक बनाए मासूसों की चमड़ी निकलने लगी, महीनों से नहाए नहीं थे – Rajasthan News

महीनों से नहाए नहीं। शरीर पर जगह-जगह घाव। भूख लगती तो सड़क पर पड़ी धूल से सनी रोटियां झाड़कर खाने को मजबूर।

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ये दर्द है जयपुर के करणी विहार इलाके के एक मकान में बंधक बनाकर रखे गए मासूम बच्चों का। करणी विहार थाना पुलिस ने शनिवार को बंधक बनाने वाली आरोपी महिला को गिरफ्तार किया तो मामले का खुलासा हुआ।

जिस महिला ने बच्चों को बंधक बना रखा था, उसने रेस्क्यू करने वाली टीम को भी धमकी दी थी। बच्चों का रेस्क्यू तो नवंबर माह में ही कर लिया गया था। उसके बाद से महिला बार बार दबाव बनाकर बच्चों को कस्टडी में लेने की कोशिश कर रही थी।

मामले में दो महीने बाद महिला की गिरफ्तारी हुई है। फिलहाल महिला को जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच वैशाली नगर थाने से हुई है।

इसी मकान में महिला ने तीनों बच्चों को बंधक बना रखा था।

2-3 महीने में एक बार रात के वक्त आती आरोपी महिला

महिला ने नाबालिग रेप पीड़िता को 8 साल तक नौकरानी के तौर पर बंधक बनाकर रखा। वह उससे घरेलू काम करवाती थी। विरोध करने पर डंडे और जंजीर (चेन) से मारपीट करती थी। 16 साल की नाबालिग रेप पीड़िता के अलावा दो बच्चे भी बंधक थे, जिनकी उम्र 5-6 साल है। आरोपी महिला काफी समय से मकान पर नहीं आई थी।

रेस्क्यू करने वाली चाइल्ड लाइन की टीम की कोऑर्डिनेटर रुखसाना ने बताया कि काउंसलिंग में सामने आया कि बच्चे तीन सौ वर्ग गज के मकान में अकेले रह रहे थे। इनकी सार संभाल के लिए वहां कोई नहीं था।

मधु अग्निहोत्री नाम की जो महिला इन बच्चों को यहां बंधकर बनाकर रख रही थी, वह दो तीन महीने में एक बार रात के समय ही मकान पर आती थी। कुछ देर रुकती और चली जाती थी। इस दौरान बच्चों से कोई गलती हुई होती तो उनके साथ मारपीट करती थी।

दरअसल, महिला के बेटे के खिलाफ रेप का मामला दर्ज है। इस मामले में महिला भी संदिग्ध थी। जब पुलिस ने उसके हीरापुरा रजनीविहार वाले मकान पर दबिश दी तो वह मकान के पीछे की तरफ वाली दीवार कूदकर भाग गई थी। इसके बाद से महिला इस मकान पर नहीं आती थी।

बच्चे ही इस मकान में जैसे तैसे रह रहे थे। महिला पड़ोसियों और रिश्तेदारों को यही बताती थी कि वह शेल्टर होम चलाती है और बच्चों की देखभाल करती है। इन तीनों बच्चों को भी वह शेल्टर होम में रखने का ही बताकर लेकर आई थी।

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी मधु।

सड़क पर फेंकी रोटियां उठाकर खाते थे बच्चे

चाइल्ड हेल्पलाइन कोऑर्डिनेटर रुखसाना ने बताया कि बच्चों को समय पर खाना तक नसीब नहीं हो रहा था। दो छोटे बच्चे तो कई बार घर से बाहर निकलकर सड़क पर पड़ी रोटियां तक खा जाते थे।

काउंसलिंग में बालिका ने बताया कि उसे मालकिन ने एक दुकान बता रखी थी। वह उस दुकान पर जाती थी, जहां से उसे कुछ दिन का राशन मिल जाता था। मालकिन ही दुकानदार को बताती थी कि राशन कितना देना है और क्या देना है। इसके बाद वही लाकर खाना बनाती थी। राशन खत्म हो जाता तो फिर कई दिन भूखे रहना पड़ता।

रेस्क्यू टीम ने आस-पड़ोस के लोगों से बात की तो सामने आया कि महिला कभी कभार ही यहां आती थी। बच्चे ही रहते थे। कुछ समय पहले बालिका के घर वाले भी बालिका को लेने आए थे। महिला ने बालिका से उन्हें मिलने तक नहीं दिया। उल्टा डरा धमकाकर घरवालों को वापस भेज दिया।

बालिका के परिवार वाले काफी गरीब हैं। बालिका सात साल की थी उस समय उसे मधु, इलाज और पढ़ाई का नाम लेकर अपने साथ लेकर आई थी। आठ साल तक बालिका को नौकरानी बनाकर रखा। मधु ने बालिका को इतना डरा धमका भी रखा था कि शुरुआत में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थी। विश्वास में लेने के बाद उसने टीम को आपबीती बताई।

रेस्क्यू करने वाली चाइल्डलाइन की टीम को भी कॉल कर महिला ने धमकी दी थी।

फटे कपड़ो में थे बच्चे, स्किन डेमेज, दो महीने से नहाए नहीं

जब बच्चों का रेस्क्यू किया गया, उनकी हालत काफी खराब थी। सर्दी के बचाव के कपड़े तक नहीं थे। जो पहन रखे थे, वो भी फटे पुराने। बालिका ही इन दोनों बच्चों का जैसे तैसे ध्यान रख रही थी। मधु ने दिखावे के लिए बालिका का स्कूल में दाखिला करा दिया था लेकिन स्कूल भेजती नहीं थी।

एक बच्चे के पैर में काफी फुंसियां हो रही थी। दूसरे की स्किन डेमेज थी। बच्चे दो महीने से नहाए तक नहीं थे। एक बच्चे के सिर में चोट का निशान मिला। पता करने पर सामने आया कि मधु ने बच्चे से गलती होने पर उसे डंडा मारा था।

नवंबर में हुआ था रेस्क्यू, दो महीने से महिला कस्टडी की कर रही थी कोशिश

चाइल्ड लाइन टीम ने बताया कि इन बच्चों का नवंबर में रेस्क्यू किया गया था। करीब पंद्रह बीस दिन बाद महिला को इस रेस्क्यू के बारे में पता लगा। इसके बाद से वह बार बार बच्चों की कस्टडी लेने की कोशिश कर रही थी।

वह करणी विहार थाने तक भी पहुंच गई थी। बच्चों को खुद का बताते हुए वापस दिलवाने को लेकर पुलिस से भी बहस करती रही। इसी दौरान उसने रेस्क्यू करने वाली टीम की सदस्य रुखसाना को भी कॉल कर धमकाया था।

दोनों बच्चे कौन और कहां से लाए-इसकी जानकारी नहीं

बालिका के साथ दो बच्चे जो मिले हैं, उनके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। आरोपी मधु दोनों बच्चों की कस्टडी लेने की भी कोशिश कर रही थी। मधु सीडब्लूसी के समक्ष देवकी नाम की महिला को भी लेकर गई थी। उसने बताया कि दोनों छोटे बच्चे देवकी की है। हालांकि कोई दस्तावेज नहीं होने से कुछ पुख्ता नहीं हुआ।

मामले की जांच कर रही वैशाली नगर थाने की एसआई हेमलता ने बताया कि आरोपी महिला ने बालिका को बंधक बनाकर ही नौकरानी का काम करवा रही थी।

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