सचिन पायलट ने मंच पर किसके पैर छुए, सियासी मायने क्या हैं? h3>
Rajasthan Politics: सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देकर गुटबाजी की लड़ाई को आर-पार तक पहुंचा दिया है। चुनाव से पहले पायलट का यह कदम ऐसे ही नहीं उठा, सियासी गलियारों में इसके पीछे भी कई ताकतों का हाथ बताया जा रहा है। कई नेताओं को पायलट का साथ मिला है। ऐसे ही एक नेता के आगे पायलट हजारों लोगों आगे नतमस्तक हुए तो तस्वीर वायरल हो गई।
हाइलाइट्स
- कांग्रेस नेता सचिन पायलट हजारों की भीड़ के सामने मंच नतमस्तक हुए
- जिस नेता के पैर छूए, उसके जरिए पायलट ने दिया बड़ा संदेश
- यह भी कहा, मैं किसी एक धर्म या समाज का नहीं हूं। मैं 36 कौम का बेटा हूं
- यहां पढ़ें जिस नेता के आगे नतमस्तक हुए पायलट वो कौन है?
जयपुर: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोमवार 15 मई को जन संघर्ष यात्रा के समापन के अवसर पर आमसभा का आयोजन किया। जयपुर के भांकरोटा स्थित कमला नेहरू नगर पुलिया के पास हुई इस आमसभा हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। 28 विधायक, मंत्री, पूर्व मंत्रियों सहित कई बोर्डों के अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस और जिला कांग्रेस के पदाधिकारी और पंचायत स्तर के सैंकड़ों जनप्रतिनिधि शामिल हुए। सचिन पायलट ने हजारों की भीड़ के सामने मंच पर एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस वरिष्ठ नेता ने पायलट को आशीर्वााद दिया और जनता से आह्वान किया कि वे पायलट साहब का कंधा से कंधा मिलाकर साथ दें। दरअसल, इसी मंच से पायलट ने कहा कि ‘लोग कहते हैं सचिन पायलट एक समाज से आता, एक जाति का नेता है। लोग यह सुन लें कि मुझे किसी सीमा में न बांधें, मैं किसी एक धर्म या समाज का नहीं हूं। मैं 36 कौम का बेटा हूं। राजस्थान का बेटा हूं।’ पायलट ने इस सभा के मंच से चौधरी नारायण सिंह के पैर छूकर यह भी बताने की कोशिश की है कि उन्हें सिर्फं गुर्जर समाज का नहीं ब्लकि जाट समाज का भी साथ मिल रहा है। साथ ही यह संदेश भी देना चाहा कि बरसों तक कांग्रेस संगठन को जिन लोगों ने सींचा है वो लोग उनके साथ हैं।
कौन है ये वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, पायलट ने पैर क्यों छूए?
जिस वयोवृद्ध नेता के पैर सचिन पायलट ने छूए। उन्हें शेखावाटी का भीष्म पितामह कहा जाता है। शेखावाटी के सबसे मजबूत जाट नेता रहे 89 वर्षीय चौधरी नारायण सिंह हैं, जो छह बार विधायक और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे। प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे हैं। चौधरी नारायण सिंह ने अपना पहला चुनाव पंचायत समिति स्तर पर वर्ष 1954 में लड़ा था। इनका जन्म सीकर जिले के दांता रामगढ़ तहसील के तुलसीरामपुरा गांव में हुआ। चौधरी नारायण सिंह के पिता का नाम पन्नाराम और दादा का नाम तुलसीराम बुरड़क था। दादा के नाम पर इनके गांव का नामकरण हुआ। चौधरी नारायण सिंह ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 21 वर्ष की आयु में ही कर ली थी। उन्होंने पंचायत स्तर पर चुनाव लड़ा था। 17 साल तक पंचायत और जिला स्तर पर राजनीति करते रहे।
6 बार विधायक, पीसीसी चीफ और मंत्री भी रहे
चौधरी नारायण सिंह ने वर्ष 1972 में कांग्रेस के टिकट पर दाता रामगढ़ सीट से पहला चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंच गए। इसके बाद कांग्रेस के टिकट पर वे 5 बार और विधायक बने। 1980, 1985, 1993, 2003 और 2013 में वे दांता रामगढ़ से विधायक बने थे। वर्ष 1988 और 1989 तक वे राज्य सरकार में मंत्री भी रहे। चौधरी नारायण सिंह वर्ष 2005 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। 90 के दशक में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। अब इनके पुत्र वीरेन्द्र सिंह दांता रामगढ़ से कांग्रेस के विधायक हैं, जो सचिन पायलट के प्रबल समर्थक हैं।
युवाओं से आह्वान, पायलट का साथ दें
15 मई को जन संघर्ष यात्रा के समापन के अवसर पर आयोजित आमसभा में चौधरी नारायण सिंह भी मौजूद रहे। इस दौरान सचिन पायलट ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। चौधरी ने अपने संबोधन में प्रदेश के नौजवानों से आह्वान किया कि वे सचिन पायलट का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दें। उन्होंने कहा कि किसी को यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि वे अकेले चुनाव जीत जाएंगे। कर्नाटक में अमित शाह भी भ्रम में था कि उनकी पार्टी चुनाव जीत रही है। यहां भी सरकार के मुखिया कहते हैं कि सरकार रिपीट करेंगे लेकिन इतनी बड़ी तादाद में जनता सचिन पायलट के साथ है। इन्हें नजरअंदाज करके चुनावी जीतने की उम्मीद करना बेमानी है। उन्होंने कहा कि समझदारी इसी में है कि पायलट का साथ दें। रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़
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Rajasthan Politics: सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देकर गुटबाजी की लड़ाई को आर-पार तक पहुंचा दिया है। चुनाव से पहले पायलट का यह कदम ऐसे ही नहीं उठा, सियासी गलियारों में इसके पीछे भी कई ताकतों का हाथ बताया जा रहा है। कई नेताओं को पायलट का साथ मिला है। ऐसे ही एक नेता के आगे पायलट हजारों लोगों आगे नतमस्तक हुए तो तस्वीर वायरल हो गई।
हाइलाइट्स
- कांग्रेस नेता सचिन पायलट हजारों की भीड़ के सामने मंच नतमस्तक हुए
- जिस नेता के पैर छूए, उसके जरिए पायलट ने दिया बड़ा संदेश
- यह भी कहा, मैं किसी एक धर्म या समाज का नहीं हूं। मैं 36 कौम का बेटा हूं
- यहां पढ़ें जिस नेता के आगे नतमस्तक हुए पायलट वो कौन है?
कौन है ये वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, पायलट ने पैर क्यों छूए?
जिस वयोवृद्ध नेता के पैर सचिन पायलट ने छूए। उन्हें शेखावाटी का भीष्म पितामह कहा जाता है। शेखावाटी के सबसे मजबूत जाट नेता रहे 89 वर्षीय चौधरी नारायण सिंह हैं, जो छह बार विधायक और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे। प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे हैं। चौधरी नारायण सिंह ने अपना पहला चुनाव पंचायत समिति स्तर पर वर्ष 1954 में लड़ा था। इनका जन्म सीकर जिले के दांता रामगढ़ तहसील के तुलसीरामपुरा गांव में हुआ। चौधरी नारायण सिंह के पिता का नाम पन्नाराम और दादा का नाम तुलसीराम बुरड़क था। दादा के नाम पर इनके गांव का नामकरण हुआ। चौधरी नारायण सिंह ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 21 वर्ष की आयु में ही कर ली थी। उन्होंने पंचायत स्तर पर चुनाव लड़ा था। 17 साल तक पंचायत और जिला स्तर पर राजनीति करते रहे।
6 बार विधायक, पीसीसी चीफ और मंत्री भी रहे
चौधरी नारायण सिंह ने वर्ष 1972 में कांग्रेस के टिकट पर दाता रामगढ़ सीट से पहला चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंच गए। इसके बाद कांग्रेस के टिकट पर वे 5 बार और विधायक बने। 1980, 1985, 1993, 2003 और 2013 में वे दांता रामगढ़ से विधायक बने थे। वर्ष 1988 और 1989 तक वे राज्य सरकार में मंत्री भी रहे। चौधरी नारायण सिंह वर्ष 2005 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। 90 के दशक में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। अब इनके पुत्र वीरेन्द्र सिंह दांता रामगढ़ से कांग्रेस के विधायक हैं, जो सचिन पायलट के प्रबल समर्थक हैं।
युवाओं से आह्वान, पायलट का साथ दें
15 मई को जन संघर्ष यात्रा के समापन के अवसर पर आयोजित आमसभा में चौधरी नारायण सिंह भी मौजूद रहे। इस दौरान सचिन पायलट ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। चौधरी ने अपने संबोधन में प्रदेश के नौजवानों से आह्वान किया कि वे सचिन पायलट का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दें। उन्होंने कहा कि किसी को यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि वे अकेले चुनाव जीत जाएंगे। कर्नाटक में अमित शाह भी भ्रम में था कि उनकी पार्टी चुनाव जीत रही है। यहां भी सरकार के मुखिया कहते हैं कि सरकार रिपीट करेंगे लेकिन इतनी बड़ी तादाद में जनता सचिन पायलट के साथ है। इन्हें नजरअंदाज करके चुनावी जीतने की उम्मीद करना बेमानी है। उन्होंने कहा कि समझदारी इसी में है कि पायलट का साथ दें। रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़
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