संस्कृत विश्वविद्यालय के वीसी से अभद्रता, FIR: श्रीसाधु बेला संस्कृत महाविद्यालय के प्रवक्ता डॉ संजय पर आरोप, चीफ प्रॉक्टर ने दी तहरीर – Varanasi News h3>
सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यालय में घुसकर अभद्रता का मामला सामने आया है। इस संबंध में विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर दिनेश कुमार गर्ग ने तहरीर देकर चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। अभद्रता करने का आरोप श्रीसाधु ब
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इस तहरीर पर चेतगंज पुलिस ने बीएनएस की धारा 132, 352 और 356 (3) में मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है।
कुलसचिव से की प्रवक्ता ने अभद्रता इस संबंध में संस्कृत विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर दिनेश कुमार गर्ग ने बताया- डॉ संजय त्रिपाठी; श्री साधु बेला संस्कृत महाविद्यालय, वाराणसी में प्रवक्ता साहित्य के पद पर कार्यरत है। संजय त्रिपाठी वाट्सएप एवं सोशल मीडिया पर झूठा आरोप लगाकर कुलपति, कुलसचिव और विश्वविद्यालय को बदनाम करने का प्रयास किया गया। जिसे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है। इसके अलावा 2 जनवरी को विश्वविद्यालय के कुलसचिव के कार्यालय में घुसकर उनसे अभद्रता की।
कुलपति से भी अभद्रता चीफ प्रॉक्टर ने आरोप लगाया है कि – इसके बाद 4 जनवरी डॉ संजय त्रिपाठी कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा के कार्यालय में पहुंचे और उनसे ऊंची आवाज में मर्यादा के विपरीत बात की और अभद्र शब्दों का प्रयोग किया। इसका संज्ञान कुलपति द्वारा लिया गया है। उनके निर्देश के क्रम में चेतगंज थाने में तहरीर दी गयी है।
सोशल मीडिया पर कर रहे हैं छवि धूमिल इसके अलावा विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं विश्वविद्यालय के छवि को खराब करने के लिए डॉ संजय कुमार त्रिपाठी द्वारा भ्रामक खबर सोशल मीडिया व समाचार पत्र में प्रकाशित / Circulate किया गया। तथा इनके द्वारा कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारियों को दबाव में लेकर कार्य करने के लिए बाध्य करने का प्रयास किया गया। जिससे सरकारी कार्य करने में बाधा उत्पन्न हो रही है।
जानिए डॉ संजय कुमार त्रिपाठी ने किस मामले का खुलासा सोशल मीडिया पर किया था…
डॉ संजय कुमार त्रिपाठी ने 11 जनवरी को एक पोस्ट अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर की थी। इसमें उन्होंने लिखा था ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ आबाज उठाई और भ्रष्टाचार का विरोध किया तो पद के मद में चूर सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलसचिव श्रीमान राकेश कुमार IAS अपने पद और आई ए एस का रौब दिखाकर आज ये नोटिस दिया गया है सत्य की आबाज को दबाया जा रहा। लेकिन सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नही। यहॉ वही कहावत चरितार्थ हो रही है की चोरी की चोरी ऊपर से सीना जोरी’
इसके साथ उन्होंने तीन डाक्यूमेंट भी संलग्न किए हैं। इसमें वाराणसी के टेढ़ी नीम स्थित हरदेव दास नथमल बैरोलिया आदर्श अग्रवाल संस्कृत महाविद्यालय की दस सदस्यीय प्रबंध समिति में मृत व्यक्ति को सदस्य बनाने का मामला उजागर किया गया था। संजय का आरोप है कि उक्त सदस्य की 2022 में ही मौत हो चुकी है। उसके बावजूद उसे समिति में शामिल किया और कुलपति ने उसका अनुमोदन भी किया था। इसपर शिकायत की थी।