संस्कृत विजयताम के जयघोष से गूंजा संस्कृत विवि

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संस्कृत विजयताम के जयघोष से गूंजा संस्कृत विवि

संस्कृत विजयताम के जयघोष से गूंजा संस्कृत विवि

दरभंगा। संस्कृत दिवस के अवसर पर कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय संस्कृत विजयताम के जयघोष…

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाThu, 31 Aug 2023 09:50 PM

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दरभंगा। संस्कृत दिवस के अवसर पर कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय संस्कृत विजयताम के जयघोष से गूंज उठा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ओर से सुबह में प्रभातफेरी निकाली गई। उसके बाद विवि मुख्यालय में उपाकर्म सह पूजन-हवन आदि कार्यक्रम आयोजित किए गए। श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष की तरह इस बार भी संस्कृत विश्वविद्यालय में धूमधाम से संस्कृत दिवस मनाया गया। प्रात: सत्र में विवि के शिक्षक व छात्र-छात्राओं ने प्राच्य परंपरा के अनुसार संस्कृत भाषा एवं विद्या के प्रचार-प्रसार एवं संवर्धन के लिए प्रभातफेरी निकाली। छात्र-छात्राओं ने संस्कृत को कंप्यूटर एवं विज्ञान के साथ जोड़ते हुए समाज एवं राष्ट्र के लिए संस्कृत को उपयोगी बताया तथा अपने नारों से संस्कृत को सृष्टि की मूलभाषा बताते हुए जन-जन में संस्कृत के प्रति उत्साह का प्रदर्शन किया। डॉ. सत्यवान कुमार के संयोजन एवं डॉ. विनय कुमार मिश्र की अध्यक्षता में निकली झांकी सह प्रभातफेरी में ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा, डॉ. पुरेन्द्र वारिक, डॉ. साधना शर्मा, डॉ. रीतेश कुमार चतुर्वेदी, डॉ. शंभू शरण तिवारी, छात्र विभव कुमार झा, शंकर झा, मनोरंजन कुमार आदि सक्रिय रहे। विवि मुख्यालय के मुख्य आनंद भवन में इस अवसर पर उपाकर्म सह पूजन-हवन का अनुष्ठान किया गया। इस अनुष्ठान में कुलपति प्रो. शशिनाथ झा मुख्य यजमान की भूमिका में रहे। विवि के पीआरओ निशिकांत ने बताया कि प्राच्य परंपरानुसार उपाकर्म अध्ययन के सत्रारंभ के रूप में मनाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि वेदादि प्राचीन शास्त्रों के अध्ययन के लिए संस्कृत दिवस अर्थात श्रावणी पूर्णिमा के दिन ही सत्रारंभ किया जाता है। उपाकर्म में आचार्य अपने शिष्यों को शास्त्रों के महत्व व उद्देश्य बताते हुए अध्ययन का आरंभ कराते हैं तथा शिष्य इस दिन शास्त्रों के अध्ययन के लिए व्रत एवं संकल्प लेते हैं। उपाकर्म का आयोजन डॉ. विनय कुमार मिश्र के संयोजन में हुआ। इसमें स्नातकोत्तर विभागों के आचार्यों एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस उपाकर्म में संस्कृत के शास्त्रों के संरक्षण सह प्रचार-प्रसार के लिए संकल्प लिया गया। संस्कृत दिवस पर संपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन डीएसडब्ल्यू डॉ. शिवलोचन झा के निर्देशन में संपन्न हुआ।

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