संजीव मुखिया को दो दिन की रिमांड पर लेगी EOU: सिविल कोर्ट ने दी अनुमति, बेऊर से लाया जाएगा; CBI की दिल्ली टीम भी पहुंची पटना – Patna News h3>
संजीव मुखिया से फिर पूछताछ करेगी EOU।
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को अंतरराज्यीय परीक्षा माफिया संजीव मुखिया उर्फ लूटन मुखिया के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। सिविल कोर्ट ने ईओयू की अपील स्वीकार करते हुए संजीव मुखिया को दो दिन की पुलिस रिमांड पर लेने की अनुमति दे दी है।
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अब ईओयू की टीम बेऊर जेल जाकर संजीव को रिमांड पर लेगी। गहन पूछताछ करेगी, ताकि प्रकरण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाई जा सकें।
पिछले 36 घंटे के चल रही थी पूछताछ
संजीव मुखिया उर्फ लूटन मुखिया से आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने 36 घंटे तक पूछताछ के बाद रविवार को जेल भेज दिया था। पूछताछ में संजीव ने बिहार और अन्य राज्यों में हुए कई पेपर लीक कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। ईओयू ने पूछा- सरकारी नौकरी में रहते हुए पेपर लीक जैसे अपराध में शामिल होने की क्या वजह है। तो संजीव ने कहा- सर, पत्नी को एक बार एमपी या एमएलए बनाना है। चुनाव लड़ने में बहुत खर्च होता है।
पेपर लीक से ही इतना पैसा आ सकता है। संजीव ने बताया कि 2020 में उसकी पत्नी ने हरनौत विधानसभा से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गई थी। संजीव ने बताया कि अब वह पत्नी को लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहता है।
झारखंड सीजीएल पेपर लीक में भी संलिप्तता की आशंका
रविवार को झारखंड पुलिस ने भी संजीव मुखिया से कई घंटे तक पूछताछ की। गौरतलब है कि पिछले साल झारखंड सीजीएल (समान्य स्नातक परीक्षा) प्रश्नपत्र लीक मामले में भी संजीव मुखिया की संलिप्तता सामने आई है। रांची, देवघर और हजारीबाग में उसके गिरोह के कई सदस्य सक्रिय हैं।
सीबीआई दिल्ली की टीम पटना पहुंची
पेपर लीक कांड से जुड़े सवालों पर संजीव से अलग-अलग टीमों ने पूछताछ की है। सीबीआई पटना की टीम संजीव से पूछताछ कर चुकी है। अब सीबीआई दिल्ली की टीम भी पटना पहुंच गई है। जल्द ही रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
इओयू और संजीव के बीच में बातचीत के पूरे अंश को पढ़िए
ईओयू नीट पेपर लीक में तुम्हारी क्या भूमिका है?
संजीव ने कहा सर, इसके बारे में मुझे ज्यादा नहीं मालूम है। इस बारे में मेरा बेटा डॉ. शिव और भतीजा अश्विनी रंजन ही सबकुछ जानते हैं। वहीं, दोनों बिहार में सबकुछ मैनेज कर रहे थे। शिव का दोस्त डॉ शुभम को भी इसकी जानकारी होगी।
(डॉ. शिव को ईओयू सिपाही बहाली प्रश्नपत्र लीक मामले में पिछले साल उज्जैन से गिरफ्तार की थी। फिलहाल वह जमानत पर बाहर है। नए तथ्य आने के बाद अब ईओयू फिर शिव को तलाश रही हैं।)
ईओयू – नीट का प्रश्नपत्र किससे सॉल्व कराते हो?
संजीव ने कहा- सर, डॉक्टर सॉल्वर के तौर पर काम करते थे। मेरे और मेरे बेटे डॉ. शिव के संपर्क में बिहार, झारखंड और राजस्थान के लगभग 200 डॉक्टर हैं। इन्हीं डॉक्टरों को पेपर सॉल्व करने का काम दिया जाता था। उन्हें इसके लिए 8-10 लाख देते थे।
(ईओयू को संजीव की मेल आईडी, मोबाइल और डायरी से पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स पटना और केएमसीएच सहित कई मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों के नाम मिले हैं। इसके सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है।
ईओयू- तुम्हारे पास इतनी संपत्ति कहां से आई?
संजीव सर मेरे पास कहां संपत्ति है। जो है भी वो पत्नी, बच्चे और पिता के नाम है। पत्नी ने 2020 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था। लोजपा से टिकट मिला था। मेरा सारा पैसा चुनाव लड़वाने में खर्च हो गया। मेरे पास कुछ नहीं है।
(संजीव पर आय से अधिक संपत्ति का भी केस है। उसकी संपत्ति घोषित आय से 144% अधिक है, जिसकी अनुमानित राशि 1 करोड़ 75 लाख है। वह संपत्तियां रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर कर रहा है ताकि जब्त ना हों।