संकट से जूझ रही कांग्रेस के ‘हनुमान’ बनेंगे प्रशांत किशोर? सोनिया गांधी और दूसरे नेताओं के साथ चार घंटे की चुनावी चर्चा

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संकट से जूझ रही कांग्रेस के ‘हनुमान’ बनेंगे प्रशांत किशोर? सोनिया गांधी और दूसरे नेताओं के साथ चार घंटे की चुनावी चर्चा

संकट से जूझ रही कांग्रेस के ‘हनुमान’ बनेंगे प्रशांत किशोर? सोनिया गांधी और दूसरे नेताओं के साथ चार घंटे की चुनावी चर्चा

नई दिल्ली : एक के बाद एक कई राज्यों में हार के बाद शनिवार कांग्रेस की एक (Top Congress Leaders Meet) अहम बैठक हुई। यह बैठक इसलिए भी खास थी क्योंकि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इस बैठक (Political Strategist Prashant Kishor) में मौजूद थे और यहां उन्होंने कांग्रेस नेताओं के सामने प्रेजेंटेशन दिया। प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच यह बैठक हुई और 4 घंटे तक चली। प्रशांत किशोर इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के साथ बातचीत की थी हालांकि बात आगे नहीं बढ़ी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) ने अपने आवास पर यह बैठक बुलाई थी। सूत्रों के अनुसार प्रशांत किशोर के साथ बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, अजय माकन और केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी है।

पांच राज्यों में करारी हार के बाद, कांग्रेस प्रशांत किशोर के साथ बातचीत दोबारा फिर से शुरू कर रही है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे कांग्रेस के लिए एक झटका था क्योंकि वह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी संभावनाओं को और मजबूत करना चाहती थी। आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस से मिल रही चुनौती को कम करने के लिए अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

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कांग्रेस में प्रशांत किशोर के शामिल होने की अटकलों के बीच पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पीके (प्रशांत किशोर) को कांग्रेस में शामिल होने के बजाय एक सलाहकार की भूमिका निभाते हुए देखा जा सकता है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की राज्य विधानसभा चुनावों में जीत के बाद प्रशांत किशोर और गांधी परिवार के बीच बातचीत टूट गई थी। इससे पहले प्रशांत किशोर 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ काम कर चुके हैं। उन्हें 2017 के पंजाब चुनाव में कांग्रेस और कैप्टन अमरिंदर सिंह को 117 में से 77 सीटें जीतने में मदद करने का श्रेय दिया गया।

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पिछले साल सितंबर में भी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और पीके के बीच बैठकों का दौर चला था। उस वक्‍त चर्चा थी कि पीके को पार्टी में सीनियर पोजिशन पर लाया जा सकता है। तब कई सीनियर कांग्रेसी पीके के खिलाफ थे। सोनिया गांधी के सामने यह साफ कर दिया गया था कि एक रणनीतिकार के रूप में तो उन्‍हें पीके मंजूर हैं, मगर टॉप पोजिशन देना ठीक नहीं होगा। G-23 के नेता भी पीके को पार्टी में शामिल करने के खिलाफ थे।

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प्रशांत किशोर की ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के साथ मतभेदों की खबरें पिछले महीने सामने आई थीं। दोनों के बीच भी तल्खी की चर्चा थी। पिछले साल पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की आईपैक ने ही सीएम ममता की पार्टी की चुनावी रणनीति तैयार की थी। हालांकि बाद में टीएमसी के बड़े नेताओं ने आईपैक के खिलाफ बयानबाजी की थी। जिससे प्रशांत किशोर और टीएमसी के रिश्तों में तल्खी के तौर पर देखा गया था। अब एक बार फिर पीके की कांग्रेस नेताओं संग बैठक से राजनीतिक गलियारों में उनको लेकर चर्चा तेज हो गई है।



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