श्रद्धालुओं ने नम आंखों से मां दुर्गा को दी विदाई h3>
दरभंगा में शारदीय नवरात्र का समापन हुआ। श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की प्रतिमाओं को पवित्र जल में विसर्जित किया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भक्ति गीतों का आयोजन हुआ। केवटी और तारडीह में भी…
Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाSun, 13 Oct 2024 07:48 PM
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दरभंगा/केवटी/तारडीह, हिटी। शारदीय नवरात्र का शनिवार को समापन हो गया। श्रद्धालुओं ने नम आंखों से मां दुर्गा को विदाई देते हुए प्रतिमाओं को पवित्र जलाशयों में विसर्जित किया। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। चारों ओर मां दुर्गा का जयघोष हो रहा था। इस दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी पूरी तरह चौकस थे। सभी पूजा पंडालों के पास पुलिस बल की व्यवस्था की गई थी। इससे पहले नवमी को महिलाओं ने माता के दरबार में हाजिरी लगाकर खोइंछा भरकर मन्नत मांगी। सभी ने मेले का भी जमकर लुत्फ उठाया। इस मौके पर कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था। कई जगहों पर नाटकों का मंचन भी किया गया। इस दौरान भजन-कीर्तन व भक्ति गीतों से माहौल भक्तिमय बना रहा।
उधर, केवटी प्रखंड के केवटी तथा रैयाम थाना क्षेत्र में कुल 14 जगहों पर प्रतिमा विसर्जन के साथ शारदीय नवरात्र शांति और सौहार्द वातावरण में संपन्न हुआ। इस दौरान केवटी थाना क्षेत्र के केवटी, पैगंबरपुर, लदारी, छतवन, दिघियार, ननौरा, कोयलास्थान, सोनहान आदि नौ जगहों पर तथा रैयाम थाना क्षेत्र के नयागांव के उतरबारी टोल, बिचला मध्य विद्यालय समीप, मोहनपुर तथा रजौड़ा डीह पांच जगहों पर शनिवार की देर रात से रविवार सुबह तक प्रतिमा विसर्जन शांतिपूर्ण और सौहार्द वातावरण में किया गया। इस दौरान केवटी, ननौरा तथा सोनहान में रावण का पुतला दहन किया गया। केवटी, कोयलास्थान तथा पैगंबरपुर में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों के हंगामा करने के प्रयास को पूजा समिति और पुलिस के प्रयास से विफल कर दिया गया।
उधर, तारडीह प्रखंड के आवाम, ककोढ़ा, शेरपुर, नारायणपुर, नदियामी आदि दुर्गा मंदिरों में आयोजित मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन गत 12 अक्तूबर को देर शाम कर दिया गया। विसर्जन के दौरान युवक-युवतियों ने रंग-बिरंगे पोशाक में मां दुर्गा की महिमा गाते, डीजे की धुन पर झूमते-नाचते, एक-दूसरे को रंग-गुलाब लगाते, पटाखे छोड़ते हुए प्रतिमा के साथ आकर्षक जुलूस निकाला। विभिन्न मार्गों से होते हुए प्रतिमाओं का तालाब व कमला नदी में विसर्जन कर
दिया गया।
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दरभंगा में शारदीय नवरात्र का समापन हुआ। श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की प्रतिमाओं को पवित्र जल में विसर्जित किया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भक्ति गीतों का आयोजन हुआ। केवटी और तारडीह में भी…
दरभंगा/केवटी/तारडीह, हिटी। शारदीय नवरात्र का शनिवार को समापन हो गया। श्रद्धालुओं ने नम आंखों से मां दुर्गा को विदाई देते हुए प्रतिमाओं को पवित्र जलाशयों में विसर्जित किया। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। चारों ओर मां दुर्गा का जयघोष हो रहा था। इस दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी पूरी तरह चौकस थे। सभी पूजा पंडालों के पास पुलिस बल की व्यवस्था की गई थी। इससे पहले नवमी को महिलाओं ने माता के दरबार में हाजिरी लगाकर खोइंछा भरकर मन्नत मांगी। सभी ने मेले का भी जमकर लुत्फ उठाया। इस मौके पर कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था। कई जगहों पर नाटकों का मंचन भी किया गया। इस दौरान भजन-कीर्तन व भक्ति गीतों से माहौल भक्तिमय बना रहा।
उधर, केवटी प्रखंड के केवटी तथा रैयाम थाना क्षेत्र में कुल 14 जगहों पर प्रतिमा विसर्जन के साथ शारदीय नवरात्र शांति और सौहार्द वातावरण में संपन्न हुआ। इस दौरान केवटी थाना क्षेत्र के केवटी, पैगंबरपुर, लदारी, छतवन, दिघियार, ननौरा, कोयलास्थान, सोनहान आदि नौ जगहों पर तथा रैयाम थाना क्षेत्र के नयागांव के उतरबारी टोल, बिचला मध्य विद्यालय समीप, मोहनपुर तथा रजौड़ा डीह पांच जगहों पर शनिवार की देर रात से रविवार सुबह तक प्रतिमा विसर्जन शांतिपूर्ण और सौहार्द वातावरण में किया गया। इस दौरान केवटी, ननौरा तथा सोनहान में रावण का पुतला दहन किया गया। केवटी, कोयलास्थान तथा पैगंबरपुर में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों के हंगामा करने के प्रयास को पूजा समिति और पुलिस के प्रयास से विफल कर दिया गया।
उधर, तारडीह प्रखंड के आवाम, ककोढ़ा, शेरपुर, नारायणपुर, नदियामी आदि दुर्गा मंदिरों में आयोजित मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन गत 12 अक्तूबर को देर शाम कर दिया गया। विसर्जन के दौरान युवक-युवतियों ने रंग-बिरंगे पोशाक में मां दुर्गा की महिमा गाते, डीजे की धुन पर झूमते-नाचते, एक-दूसरे को रंग-गुलाब लगाते, पटाखे छोड़ते हुए प्रतिमा के साथ आकर्षक जुलूस निकाला। विभिन्न मार्गों से होते हुए प्रतिमाओं का तालाब व कमला नदी में विसर्जन कर
दिया गया।