श्मशान घाट के लाकर से चोरी हो गईं अस्थियां: पुलिस ने शुरू की जांच; विसर्जन न कर पाने से परिवार तलाश रहा दूसरे विकल्प – Gorakhpur News h3>
श्मशान घाट के कमरे में स्थि कलश के लिए बना लाकर।
गोरखपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है। राप्ती नदी के किनारे राजघाट पर स्थित श्मशान घाट मुक्तिधाम के लाकर में रखा अस्थिकलश (फूला) चोरी हो गया। परिजनों ने इस मामले में पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इधर परिजनों का कहना है कि आत्
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मृतक राहुल कुशवाहा की फाइल फोटो।
12 अप्रैल को पहुंचे तो गायब था कलश राहुल का 15 अप्रैल को 10वां है। उससे पहले परिवार के लोग उनकी अस्थियां विसर्जित करना चाहते थे। भाई अजय कुमार व रिश्तेदार अरुण कुमार 12 अप्रैल को अस्थियां लेने वहां पहुंचे तो लाकर खुला था और अस्थिकलश गायब था। उन्होंने परिजनों को सूचना दी तो वे भी वहां पहुंच गए। ट्रांसपोर्टनगर पुलिस चौकी से दरोगा भी मौके पर पहुंच गए। 112 नंबर पर भी सूचना दी गई। काफी देर की मशक्कत के बाद राजघाट थाना में परिवार के लोगों ने तहरीर दी। कमरे के भीतर है लाकर, वहीं रहता है गार्ड अस्थि कलश रखने के लिए 9 लाकर बनाए गए हैं। पंजीकरण काउंटर के बगल में बने कमरे में सभी लाकर हैं। वहीं गार्ड विनोद सोता भी है। लेकिन जब अस्थि कलश चोरी हुआ तो उसे भी पता नहीं चला। पुलिस ने उससे भी पूछताछ की है। अब जानिए क्या कह रहे हैं परिजन राहुल के बड़े पिता सतीश चंद्र ने बताया कि अभी भी लाकर की चाबी उनके पास है। हमारे यहां परंपरा है कि 10वां से पहले फूला विसर्जित कर दिया जाए। 12 तारीख को वाराणसी जाकर विसर्जन की तैयारी थी लेकिन हमारा फूला ही चोरी हो गया। हमने 1 नंबर लाकर में चाबी रखी थी। भतीजे की अकाल मृत्यु हुई है, ऐसे में फूला का विसर्जन अनिवार्य था। अब क्या करें, पूरा परिवार नहीं समझ पा रहा। इस बारे में पंडित जी से बात हुई है। उन्होंने अलग से पूजा कराकर शांत करने की बात कही है।
मृतक राहुल के बड़े पिता सतीश चंद्र।
जता रहे संभावना-गलती से कोई और ले गया होगा फूला गार्ड विनोद का कहना है कि मैं कमरे में ही सोता हूं। कोई चाबी लेकर आया होगा और उसकी चाबी 1 नंबर में लग गई होगी। चोरी होना संभव नहीं। पुलिस ने भी जांच शुरू की है। 8 व 9 नंबर लाकर में अभी फूला है। हालांकि सभी लाकर पर नंबर अंग्रेजी में लिखे हैं। परिजनों ने सीसीटीवी दिखाने को कहा था तो पता चला कि कैमरा काफी पहले पुलिस ले गई है। अब जिसका फूला लाकर में पड़ा है, उससे संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।