शीश महल में होंगे प्रभु श्रीराम के दर्शन: इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर में थ्री-लेयर दर्शन व्यवस्था; 20 से ज्यादा कूलर भी लगाए – Indore News h3>
इंदौर के प्राचीन रणजीत हनुमान मंदिर को इस बार शीश महल के रूप में सजाया गया है।
रामनवमी पर शहर के प्रमुख राम मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है। कई स्थानों से धार्मिक यात्राएं भी निकलेंगी। खास आकर्षण शहर का प्राचीन रणजीत हनुमान मंदिर है। जिसे इस बार शीश महल का रूप में सजाया गया है। प्रभु श्रीराम शीश महल में अपने भक्तों को दर्शन
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रणजीत हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पं.दीपेश व्यास ने बताया कि कलाकारों द्वारा मंदिर को महल के रूप में सजाया जा रहा है। विशेष रूप से प्रभु श्रीराम के महल की कलाकृति को शीश के झरोखे, झूमर, पर्दे और डिजाइनर आर्टिकल का इस्तेमाल किया गया है।
महल तैयार करने के लिए लगभग 7 हजार रनिंग फीट लकड़ी और 600 से 700 मीटर कपड़े का इस्तेमाल किया गया है। विभिन्न प्रकार के कांच के कट पीस से कलात्मक डिज़ाइन तैयार की गई है। इसे सुंदरता देने के लिए डिजाइनर आर्टिकल का इस्तेमाल किया गया है।
रणजीत हनुमान मंदिर में रामनवमी का उत्सव धूमधाम से किया जा रहा है।
थ्री स्टेप में होंगे भगवान के दर्शन
मंदिर में सुबह से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। हजारों भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं। भक्तों को दर्शन करने में परेशानी न हो और जल्द दर्शन हो सके इसके लिए थ्री स्टेप में व्यवस्था की गई है, ताकि एक बार में कई भक्त एक साथ दर्शन कर सके।
मंदिर परिसर को शीश महल के रूप में सजाया गया है।
कूलर और एलईडी के साथ पानी की व्यवस्था
मंदिर परिसर में 10 बाय 16 की एक एलईडी भी लगाई जाएगी। जिस पर लाइव दर्शन भक्त कर सकेंगे। इसके अलावा 20 से ज्यादा कूलर मंदिर परिसर में लगाए जाएंगे। भक्तों के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था भी यहां की जाएगी। 200 से ज्यादा भक्त मंडल के सदस्य व्यवस्थाओं को संभालेंगे। साथ ही 30 सुरक्षा गार्ड भी यहां लगाए जाएंगे।
पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक रूप में सजाया है।
सुबह भगवान का अभिषेक
मंदिर के मुख्य पुजारी पं.दीपेश व्यास ने बताया कि सुबह 6 बजे सात दिवसीय अखंड रामायण की स्थापना की जाएगी। 7.30 बजे भगवान श्रीराम का अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद सुबह 9 बजे भगवान का शृंगार शुरू होगा। दोपहर 12 बजे भगवान की जन्मोत्सव आरती की जाएगी।
शीश महल की तरह मंदिर को सजाया है। भक्तों के दर्शन की भी विशेष व्यवस्था की गई है।