शिमला में सपा सांसद रामजीलाल सुमन का पुतला जलाया: सचिवालय के बाहर प्रदर्शन; क्षत्रिय संगठन ने 12 को आगरा कूच की दी चेतावनी – Shimla News h3>
शिमला के सचिवालय के बाहर राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के पुतले को जलाते हुए देवभूमि क्षत्रिय संगठन के पदाधिकारी
शिमला में देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ प्रदर्शन किया। छोटा शिमला सचिवालय के बाहर क्षत्रिय संगठन ने सांसद का पुतला जलाया और 12 अप्रैल को शिमला से बड़ी संख्या में आगरा कूच की चेतावनी दी।
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दरअसल, राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके विरोध में शिमला में आज उनका पुतला दहन किया गया। इसके बाद पुतले के ऊपर जूतों की माला जलाई गई।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया। मगर प्रदर्शनकारियों ने वाहन में लाए गए पुतले को जलाने की चेतावनी दी। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई।
शिमला के सचिवालय के बाहर राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के पुतले को जलाते हुए प्रदर्शनकारी
योद्धाओं का अपमान नहीं सहेंगे- रुमित
देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर ने कहा कि वीर योद्धाओं के सम्मान में संगठन सड़कों पर उतरा है। जिनका कोई इतिहास नहीं है, वे योद्धाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। क्षत्रिय समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, 12 अप्रैल को आगरा में होने वाले प्रदर्शन में हिमाचल से भी बड़ी संख्या में देवभूमि क्षत्रिय संगठन के कार्यकर्ता भाग लेंगे।
छोटा शिमला के सचिवालय के बाहर गाड़ी से पुतले को बाहर निकालते हुए क्षत्रिय संगठन के पदाधिकारी
राजपूत योद्धा पर दिया था विवादित बयान
बता दें कि रामजीलाल सुमन ने राजपूत योद्धा राणा सांगा की तुलना बाबर से की थी। इसके बाद पूरे देश में उनका विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा, इतिहास को लेकर मतभेद हो सकते हैं, जिसे बैठकर समाधान कराया जा सकता है।
इस बयान पर रामजीलाल सुमन कह चुके हैं कि उनके बयान को लेकर इतना विवाद पैदा हुआ है। उनके 50 वर्ष से अधिक समाजवादी राजनीतिक जीवन में एक भी ऐसा उदाहरण नहीं, जहां पर उन्होंने किसी समुदाय, वर्ग अथवा किसी महापुरुष के लिए अपमानजनक शब्द कहे हो। किसी की भी भावनाओं को आहत करने की मेरी मंशा नहीं थी और न है।
बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप
सपा सांसद कह चुके हैं कि बीजेपी अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए इतिहास के गढ़े मुर्दों को पुनर्जीवित करने का काम कर रही है। हमें इतिहास से सीख ले कर एक अच्छे समाज के निर्माण की दिशा में काम करना चाहिए। इतिहास की घटनाओं अथवा उसके नकारात्मक पहलू को हमें आज के अपने राजनीतिक एवं सामाजिक व्यवहार का आधार या मापदंड नहीं बनाना चाहिए ।