शिक्षा विभाग की नई योजना, हर एक को मुफ्त में पढ़ाएगे | New scheme of education department, will teach everyone for free | Patrika News h3>
नवसाक्षर अभियान चलाया, सर्वे में सामने आए हजारों निरक्षर
इंदौर
Published: April 21, 2022 07:50:45 pm
भूपेन्द्र सिंह@इंदौर. मोबाइल के जमाने में आज भी एक वर्ग ऐसा है जो कि बिल्कुल भी पढ़ा-लिखा नहीं है। आधुनिक दौर में ये स्थिति चिंता का विषय है। शिक्षा विभाग ने नवसाक्षर अभियान के तहत अपने सर्वे में 12 हजार लोगों को चिन्हित किया है जो कि बिल्कुल भी पढ़ना-लिखना नहीं जानते हैं। वर्तमान में सर्वे जारी है कि अधिकारियों ने अनुसार संख्या 20 हजार के आसपास जा सकती है। ऐसे हर एक को नि:शुल्क पढ़ना-लिखना सिखाया जा रहा है। इस संख्या में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की है।
शिक्षा विभाग की नई योजना, हर एक को मुफ्त में पढ़ाएगे
दरअसल, शिक्षा विभाग पढ़ना-लिखना अभियान चलाता है। इसके तहत 15 वर्ष से बुजुर्ग तक को चिन्हित किया जाता है, जो बिल्कुल भी पढ़ना-लिखना नहीं जानते। वर्ष 2019 से अभियान बंद है, अब फिर से इसे शुरू किया गया है। अभियान के तहत एक माह पहले 12 हजार लोगों को चिन्हित किया गया। उन्हें स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा देना शुरू की गई है। अभियान को नई शिक्षा नीति के तहत नवसाक्षर अभियान में मर्ज किया गया है। 12 हजार के साथ नए लोगों को भी इसमें जोड़ा जाएगा। बताया जाता है कि यह संख्या 20 हजार तक पहुंच सकती है।
90 प्रतिशत महिलाएं, पढ़ने का उत्साह भी इन्हीें में
कुल निराक्षर लोगों में 90 प्रतिशत महिलाएं सामने आई हैं, इन्हीें में सबसे ज्यादा साक्षर होने का उत्साह देखा जा रहा है। महिलाएं पढ़ने-लिखने के लिए आगे आ रही हैं। कई महिलाओं में सुधार भी आया है। अभियान से बड़ी उम्र के लोग भी जुड़ रहे हैं। पढ़ाई पूरी तरह नि:शुल्क है। विभाग की ओर से हर एक को एक स्लेट और चॉक भी दिया जा रहा है।
ग्रुप बनाकर सिखाएंगे कलम चलाना
मार्च में प्राथमिक तौर पर पढ़ाना शुरू किया गया। अब इसे वृहद स्तर पर शुरू किया जाएगा। अभियान जिले के ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही शहरी क्षेत्र में चलेगा। संबंधित क्षेत्र के स्कूल को नोडल बनाया जाएगा। गांव के ही पढ़े-लिखे युवक-युवतियां या पढ़े लिखे अन्य व्यक्तियों की मदद ली जाएगी। ग्रुप बनाकर पढ़ाई शुरू होगी। ग्रुप में शामिल लोगों के हिसाब से कक्षा का समय तय किया जाएगा। कक्षाओं की निगरानी राज्य शिक्षा केंद्र करेगा।
प्राथमिक साक्षरता प्रमाण-पत्र भी मिलेगा
पढ़ाने वाले से लेकर पढ़ने वालों की जानकारी और रजिस्ट्रेशन प्रौढ़ शिक्षा ऐप पर होगा। हर स्तर की मॉनिटरिंग ऐप से की जाएगी। साल में भी तीन बार परीक्षा होगी। पढ़ना-लिखना और हस्ताक्षर सिखाने के बाद हर एक को साक्षरता प्रमाण-पत्र दिया जाएगा, जो इस बात का सबूत होगा कि संबंधित पढ़ना-लिखना जानता है।
शत-प्रतिशत साक्षर करने का लक्ष्य
जिले में पहले चरण में निराक्षरों को प्राथमिक शिक्षा देने का काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही नई शिक्षा नीति के तहत नवसाक्षर अभियान के तहत कक्षाएं चलेगी। जो तीन साल तक संचालित होगी। 2011 की जनगणना के अनुसार जिले का साक्षरता प्रतिशत 84 प्रतिशत है। जिले के शत-प्रतिशत लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य है।
– अक्षय सिंह राठौड़, जिला परियोजना समन्वयक
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नवसाक्षर अभियान चलाया, सर्वे में सामने आए हजारों निरक्षर
इंदौर
Published: April 21, 2022 07:50:45 pm
भूपेन्द्र सिंह@इंदौर. मोबाइल के जमाने में आज भी एक वर्ग ऐसा है जो कि बिल्कुल भी पढ़ा-लिखा नहीं है। आधुनिक दौर में ये स्थिति चिंता का विषय है। शिक्षा विभाग ने नवसाक्षर अभियान के तहत अपने सर्वे में 12 हजार लोगों को चिन्हित किया है जो कि बिल्कुल भी पढ़ना-लिखना नहीं जानते हैं। वर्तमान में सर्वे जारी है कि अधिकारियों ने अनुसार संख्या 20 हजार के आसपास जा सकती है। ऐसे हर एक को नि:शुल्क पढ़ना-लिखना सिखाया जा रहा है। इस संख्या में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की है।
शिक्षा विभाग की नई योजना, हर एक को मुफ्त में पढ़ाएगे
दरअसल, शिक्षा विभाग पढ़ना-लिखना अभियान चलाता है। इसके तहत 15 वर्ष से बुजुर्ग तक को चिन्हित किया जाता है, जो बिल्कुल भी पढ़ना-लिखना नहीं जानते। वर्ष 2019 से अभियान बंद है, अब फिर से इसे शुरू किया गया है। अभियान के तहत एक माह पहले 12 हजार लोगों को चिन्हित किया गया। उन्हें स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा देना शुरू की गई है। अभियान को नई शिक्षा नीति के तहत नवसाक्षर अभियान में मर्ज किया गया है। 12 हजार के साथ नए लोगों को भी इसमें जोड़ा जाएगा। बताया जाता है कि यह संख्या 20 हजार तक पहुंच सकती है।
90 प्रतिशत महिलाएं, पढ़ने का उत्साह भी इन्हीें में
कुल निराक्षर लोगों में 90 प्रतिशत महिलाएं सामने आई हैं, इन्हीें में सबसे ज्यादा साक्षर होने का उत्साह देखा जा रहा है। महिलाएं पढ़ने-लिखने के लिए आगे आ रही हैं। कई महिलाओं में सुधार भी आया है। अभियान से बड़ी उम्र के लोग भी जुड़ रहे हैं। पढ़ाई पूरी तरह नि:शुल्क है। विभाग की ओर से हर एक को एक स्लेट और चॉक भी दिया जा रहा है।
ग्रुप बनाकर सिखाएंगे कलम चलाना
मार्च में प्राथमिक तौर पर पढ़ाना शुरू किया गया। अब इसे वृहद स्तर पर शुरू किया जाएगा। अभियान जिले के ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही शहरी क्षेत्र में चलेगा। संबंधित क्षेत्र के स्कूल को नोडल बनाया जाएगा। गांव के ही पढ़े-लिखे युवक-युवतियां या पढ़े लिखे अन्य व्यक्तियों की मदद ली जाएगी। ग्रुप बनाकर पढ़ाई शुरू होगी। ग्रुप में शामिल लोगों के हिसाब से कक्षा का समय तय किया जाएगा। कक्षाओं की निगरानी राज्य शिक्षा केंद्र करेगा।
प्राथमिक साक्षरता प्रमाण-पत्र भी मिलेगा
पढ़ाने वाले से लेकर पढ़ने वालों की जानकारी और रजिस्ट्रेशन प्रौढ़ शिक्षा ऐप पर होगा। हर स्तर की मॉनिटरिंग ऐप से की जाएगी। साल में भी तीन बार परीक्षा होगी। पढ़ना-लिखना और हस्ताक्षर सिखाने के बाद हर एक को साक्षरता प्रमाण-पत्र दिया जाएगा, जो इस बात का सबूत होगा कि संबंधित पढ़ना-लिखना जानता है।
शत-प्रतिशत साक्षर करने का लक्ष्य
जिले में पहले चरण में निराक्षरों को प्राथमिक शिक्षा देने का काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही नई शिक्षा नीति के तहत नवसाक्षर अभियान के तहत कक्षाएं चलेगी। जो तीन साल तक संचालित होगी। 2011 की जनगणना के अनुसार जिले का साक्षरता प्रतिशत 84 प्रतिशत है। जिले के शत-प्रतिशत लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य है।
– अक्षय सिंह राठौड़, जिला परियोजना समन्वयक
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