शहीद स्मारक की भूमि के लिए ग्रामीणों ने लगाया जाम: मणिपुर में तैनात था जवान, कार्डियक अरेस्ट से हुई थी मौत – Etah News h3>
शहीद स्मारक की भूमि के लिए ग्रामीणों ने सड़क जाम करके प्रदर्शन किया।
एटा जिले के अवागढ़ क्षेत्र के नगला केसरी गांव में गुरुवार की सुबह बीएसएफ जवान रमेश चंद्र का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा। जवान का शव तिरंगे में लिपटा हुआ था और उसे देखकर परिवार सहित ग्रामीणों का दिल टूट गया। जैसे ही शव गांव पहुंचा, भारी संख्या
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शहीद के शव के साथ करुण क्रंदन
शहीद का शव घर पहुंचते ही परिजनों में करुण क्रंदन मच गया। उनकी पत्नी मीरा देवी और दोनों बेटों कुलदीप और मोहित का रो-रोकर बुरा हाल था। जवान का शव देखने के बाद परिवार और रिश्तेदारों ने शहीद के सम्मान में शोक व्यक्त किया। इस दौरान मथुरा से बीएसएफ के जवान भी शव लेकर पहुंचे थे। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का भी मौके पर पहुंचना हुआ, और वे शहीद के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में जुट गए।
स्मारक निर्माण को लेकर सड़क जाम
इस दौरान शहीद के परिवार और गांव वालों ने ग्राम समाज की भूमि पर शहीद के स्मारक निर्माण की मांग की। परिजनों ने एसडीएम से लिखित रूप में भूमि आवंटन की मांग की, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि यह एक प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। इस पर गुस्साए परिजनों और गांववासियों ने सड़क जाम कर दी। काफी मान-मनोव्वल के बाद जाम खोला गया और फिर शहीद का अंतिम संस्कार हुआ।
सड़क पर लगा लंबा जाम
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
शहीद बीएसएफ जवान रमेश चंद्र का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक संजीव दिवाकर और प्रशासनिक अधिकारियों सहित शहीद के परिजनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद के बड़े बेटे ने मुखाग्नि दी, और परिवार और गांववाले भारत माता की जय के नारों के साथ शहीद को विदाई दी।
ग्रामिणों ने लगाया जाम
बीएसएफ जवान की शहादत का दुखद कारण
जानकारी के अनुसार, बीएसएफ जवान रमेश चंद्र मणिपुर के थोवल में तैनात थे। मंगलवार को उनकी तबियत अचानक बिगड़ी और उन्हें डिस्ट्रिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उनकी हालत गंभीर होने के कारण इम्फाल के रिम्स अस्पताल रेफर किया गया। यहां कार्डियक अरेस्ट के कारण उनकी मौत हो गई। जवान की उम्र 54 वर्ष थी और वे 1991 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। उनकी शहादत के बाद परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है।
राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार
रमेश चंद्र के परिवार में पत्नी मीरा देवी, दो बेटे कुलदीप और मोहित, और दो बेटियां हैं। एक बेटी का विवाह तय हो चुका है, जबकि बड़े बेटे की शादी केवल डेढ़ माह पहले हुई थी। परिवार में शोक की लहर है और उनका परिवार शहीद जवान के बलिदान को नमन कर रहा है।
इस मौके पर एसडीएम भावना विमल, तहसीलदार राकेश कुमार, थाना प्रभारी कपिल नैन और क्षेत्रीय विधायक संजीव दिवाकर सहित कई प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।