शराब के ग्राहकों के लिए बड़ी खबर, राजस्थान में आज से नई आबकारी नीति लागू लेकिन… h3>
Rajasthan News: राजस्थान में आज से नई आबकारी नीति लागू हो गई है। लेकिन शराब ठेकेरादों को यह नई पॉलिसी रास नहीं आई है। मुनाफे के इस कारोबार से ठेकेदार मुंह मोड़ने लगे हैं। अब तक 7665 में से करीब 2500 ठेकेदारों ने लाइसेंस रिन्यू कराने में दिलचस्पी जाहिर की है।
हाइलाइट्स
नई आबकारी नीति 1 अप्रैल 2022 से लागू हो गई है
शराब ठेकेरादों को रास नहीं आई नई आबकारी नीति
मुनाफे के इस कारोबार से मुंह मोड़ने लगे हैं शराब ठेकेदार
जयपुर: एक समय था जब शराब के कारोबार में करोड़ों रुपए की कमाई होती थी। लोग शराब का ठेका प्राप्त करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर देते थे लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि बड़े बड़े ठेकेदार भी शराब कारोबार से मुंह मोड़ रहे हैं। इसका कारण नई आबकारी नीति (new excise policy) है जिसकी वजह से शराब ठेकेदारों (rajasthan liquor traders) को भारी फीस और देनदारियां चुकानी होती है। राजस्थान में नई आबकारी नीति 1 अप्रेल 2022 से लागू हो गई है। इसके तहत पूराने लाइसेंसधारियों को ही लाइसेंस रिन्यू करने के अवसर दिए गए थे लेकिन अधिकतर लाइसेंस धारकों ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया। ऐसे में 1 अप्रेल से आधी के कम शराब की दुकानें ही खुल सकेंगी। पूर्व वित्त वर्ष में चल रही शराब की दुकानों के लाइसेंस रिन्यू करने के लिए विभाग की ओर से कई बार आग्रह किया लेकिन 70 फीसदी ठेकेदारों ने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया। Rajasthan Bijli Bill : अशोक गहलोत के ऐलान के बाद कितना कम होगा आपका बिजली बिल, जानिए डीटेल 7665 में से करीब 2500 ठेकेदारों ने ही कराया नवीनीकरण शराब कारोबार से मोहभंग की तस्वीरें लाइसेंस के नवीनीकरण से साफ देखी जा सकती है। प्रदेश में 7665 लाइसेंस धारियों में से करीब 2500 लाइसेंस होल्डर ने ही नवीनीकरण कराया है। अर्थात आधे से भी कम ठेकेदारों ने लाइसेंस का नवीनीकरण कराया है। सूत्रों के मुताबिक 1 अप्रेल को आधी से कम दुकानें ही खुली नजर आएंगी क्योंकि अधिकतर ठेकेदारों ने शराब का उठाव नहीं किया है। इसी के साथ शेष शराब की दुकानों को निलाम करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई थी लेकिन 5142 में से करीब 500 दुकानें ही निलाम हो सकी। विभाग की ओर से 4642 दुकानें निलामी का इंतजार कर रही है। राजस्थान: आज से सरकारी अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन, सीटी-स्कैन, MRI सहित सभी जांचें फ्री लाइसेंस फीस में बढोतरी और कम्पोजिट फीस पड़ रही भारी राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई आबकारी नीति में लाइसेंस फीस को 15 से बढाकर 30 फीसदी कर दिया गया था। माल खरीदने और नहीं खरीदने की चाहे जो स्थिति हो, लाइसेंस फीस चुकाना अनिवार्य होने के चलते ठेकेदार मुंह मोड़ रहे हैं। नई आबकारी नीति में अंग्रेजी शराब और देशी शराब के ठेकों को सम्मिलित कर दिए जाने से भी ठेकेदारों को नुकसान हो रहा है। हर जगह अग्रेजी शराब की उपलब्धता होने पर बिक्री पर असर पड़ा है। राजस्थान लिकर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष नीलेश छाबड़ा के मुताबिक 5 फीसदी कम्पोजिट फीस भी ठेकेदारों के लिए भारी पड़ रही है। रिन्यूअल पॉलिसी में दो साल तक दुकान चलाने की अनिवार्यता भी ठेकेदारों को रास नहीं आ रही है।Rajasthan Chiranjeevi Yojna Explainer: राजस्थान में अब ₹1000000 तक का मुफ्त इलाज, जानें- कैसे मिलेगा लाभ
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Web Title : new rules deter rajasthan liquor traders to renew licence after new excise policy of the government of rajasthan Hindi News from Navbharat Times, TIL Network
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