शरद पवार की मदद से राज्यसभा जाएंगे गुलाम नबी आजाद? मुलाकात के बाद लग रहीं अटकलें h3>
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के साथ गुरुवार देर रात हुई मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में तेजतर्रार अटकलों को हवा दे दी है। दोनों की यह मुलाकात राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले हुई है।
वह इससे पहले राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। बीते साल उनका कार्यकाल समाप्त हुआ था। फिलहल वह दोनों में से किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। आजाद कांग्रेस पार्टी में परिवर्तन चाहने वाले समूह यानी जी-23 के नेता हैं। ऐसे में इस बात की संभावना कम है कि उनकी अपनी पार्टी, उन्हें राज्यसभा सांसद बनने का मौका फिर से दे। आपको बता दें कि आजाद और पवार की बैठक दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास से कुछ ही दूरी पर हुई है।
अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक्स टाइम्स से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, “मैं शरद पवार जी से मिलता रहता हूं। वास्तव में मैं अक्सर अपने कई राजनीतिक सहयोगियों से मिलता हूं। पवार जी और मैंने 40 से अधिक वर्षों तक एक साथ काम किया है। कांग्रेस कार्य समितियों के साथ-साथ पीवी नरसिम्हा राव सरकार और यूपीए सरकार के मंत्रिमंडलों में भी हम दोनों साथ थे।” उन्होंने आगे कहा, ”कांग्रेस और राकांपा वैसे भी पहले चचेरे भाई हैं। पवार जी से मिलकर हमेशा अच्छा लगता है। यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी।”
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दोनों बड़े नेताओं की यह बैठक अपने समय के साथ-साथ व्यापक राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए महत्व रखती है। हाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार ने गांधी परिवार के नेतृत्व को और हिला दिया है। पार्टी के परिवर्तन चाहने वालों ने एक सामूहिक और समावेशी कांग्रेस नेतृत्व का आह्वान किया है। कांग्रेस से भाजपा विरोधी विपक्षी दलों के समन्वय के लिए पहल करने की मांग की और जोर दिया कि वे अपने फैसले की जल्द घोषणा करें।
बैठक से सिर्फ दो दिन पहले दिल्ली में एनसीपी की युवा शाखा ने पवार को यूपीए प्रमुख बनाने का आह्वान किया। एक ऐसा आह्वान जिसे बाद में एनसीपी ने खुद से दूर कर लिया। इस बीच अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने एक बड़ी विपक्षी बैठक का आह्वान किया है।
गुलाम नबी आजाद ने अतीत में लोकसभा में दो बार महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया था। महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में भी पवार-आज़ाद की बैठक पर लोगों की नज़र है। यहां सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी राज्यसभा की कुछ सीटें जीतने की स्थिति में है। इसके लिए जल्द ही चुनाव होंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के साथ गुरुवार देर रात हुई मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में तेजतर्रार अटकलों को हवा दे दी है। दोनों की यह मुलाकात राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले हुई है।
वह इससे पहले राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। बीते साल उनका कार्यकाल समाप्त हुआ था। फिलहल वह दोनों में से किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। आजाद कांग्रेस पार्टी में परिवर्तन चाहने वाले समूह यानी जी-23 के नेता हैं। ऐसे में इस बात की संभावना कम है कि उनकी अपनी पार्टी, उन्हें राज्यसभा सांसद बनने का मौका फिर से दे। आपको बता दें कि आजाद और पवार की बैठक दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास से कुछ ही दूरी पर हुई है।
अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक्स टाइम्स से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, “मैं शरद पवार जी से मिलता रहता हूं। वास्तव में मैं अक्सर अपने कई राजनीतिक सहयोगियों से मिलता हूं। पवार जी और मैंने 40 से अधिक वर्षों तक एक साथ काम किया है। कांग्रेस कार्य समितियों के साथ-साथ पीवी नरसिम्हा राव सरकार और यूपीए सरकार के मंत्रिमंडलों में भी हम दोनों साथ थे।” उन्होंने आगे कहा, ”कांग्रेस और राकांपा वैसे भी पहले चचेरे भाई हैं। पवार जी से मिलकर हमेशा अच्छा लगता है। यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी।”
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बैठक से सिर्फ दो दिन पहले दिल्ली में एनसीपी की युवा शाखा ने पवार को यूपीए प्रमुख बनाने का आह्वान किया। एक ऐसा आह्वान जिसे बाद में एनसीपी ने खुद से दूर कर लिया। इस बीच अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने एक बड़ी विपक्षी बैठक का आह्वान किया है।
गुलाम नबी आजाद ने अतीत में लोकसभा में दो बार महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया था। महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में भी पवार-आज़ाद की बैठक पर लोगों की नज़र है। यहां सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी राज्यसभा की कुछ सीटें जीतने की स्थिति में है। इसके लिए जल्द ही चुनाव होंगे।