वैज्ञानिक का कत्ल: मामा उठो… चलो मेरे साथ खेलने, भांजी ने जैसे ही कहे ये शब्द, आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा h3>
मामा उठो चलो मेरे साथ खेलने… श्मशान घाट में शैय्या पर डॉ. अभिषेक की छोटी बहन पृथा की बेटी अक्षदा ने जैसे ही यह शब्द कहे तो आंसुओं का सैलाब टूट पड़ा। होता भी क्यों न, अक्षदा पहली बार अपने मामा को देख रही थी, वह भी उनकी अंतिम विदाई के समय। आंसुओं का यह सैलाब अब रोजाना उमड़ता है।
उस घर में जहां कुछ दिन पहले डॉ. अभिषेक स्वर्णकार देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण टेक्नॉलाजी सेमीकंडक्टर पर रिसर्च पेपर लिखा करते थे। चाहे अभिषेक की बड़ी बहन श्वेता कुमारी और छोटी बहन पृथा, पिता बासुकी नाथ स्वर्णकार, मां मालती देवी, सभी अपने घर में अपने लाडले को तलाशते रहते हैं।
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सीसीटीवी में कैद हुई घटना।
– फोटो : संवाद
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) के वैज्ञानिक अभिषेक स्वर्णकार देश के लिए किफायती ढंग से सेमीकंडक्टर बनाने पर रिसर्च कर रहे थे। इस विषय पर उनका एक पेपर उसी दिन स्वीकार किया गया था, जिस दिन उनकी मौत हुई थी।
उनकी मौत की खबर से न सिर्फ आयशर में उनका डिपार्टमेंट सन्न है बल्कि अब आयशर भी चाहता है कि वैज्ञानिकों की सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया जाए। डॉ. अभिषेक के गाइड उज्ज्वल गौतम ने बताया कि डॉ. अभिषेक एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक थे।
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इसी बाइक को लेकर झगड़ा हुआ।
– फोटो : अमर उजाला
पांच से छह रिसर्च पेपर्स में उनका योगदान था। उन्होंने कहा कि अभिषेक तो बेहद सीधे सादे और गंभीर व्यक्तित्व वाले थे। उनका ध्यान सिर्फ अपनी स्टडी पर ही रहता था। आयशर के डायरेक्टर डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि डॉ. अभिषेक ने काफी ज्यादा रिसर्च वर्क पर अपना ध्यान केंद्रित किया हुआ था। उन्होंने कहा कि हमेशा अभिषेक का ध्यान स्टडी की ओर ही रहता था। आयशर के स्टूडेंट्स को उनकी कमी काफी खल रही है।
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वैज्ञानिक अभिषेक स्वर्णकार के पिता
– फोटो : अमर उजाला
अब कर रहे थे पोस्ट पीएचडी
डॉ. अभिषेक ने पीएचडी तो पहले ही कर ली थी। वह पोस्ट पीएचडी करने में जुटे थे। उनका विषय सेमीकंडक्टर था। जिसका एक रिसर्च पेपर उसी दिन सबमिट हुआ, जिस दिन उनकी मौत हुई थी। वह वर्ष 2017 में लिंडाऊ नोबल लारेट मीटिंग में भी प्रतिभागी थे। इस मीटिंग की प्रतिभागी डायरेक्टरी में उनके बारे में लिखा गया है।
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वैज्ञानिक अभिषेक स्वर्णकार की बहन
– फोटो : अमर उजाला
यह थे अभिषेक के विषय
डॉ. अभिषेक के विषय में सिंथेसिस, नैनोफैब्रिकेशन, सोलर सेल्स, एलईडी, एक्सरे डिफ्रेक्शन, इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोपी, कैलोरीमेट्री, थर्मल एनालिसिस, क्वांटम डाट्स, थिन फिल्मस आदि शामिल रहे थे।
पन्ना खोलते ही रो पड़ीं बड़ी बहन
वैज्ञानिक अभिषेक के सेक्टर-66 स्थित घर में उनकी पीएचडी की थीसिस को जब खोला गया तो उसमें भीतर पढ़ने पर पता चला कि यह थीसिस उन्होंने अपनी बड़ी बहन को समर्पित की थी। शनिवार को जैसे ही यह पन्ना खोला गया तो उनकी बहन फूट फूटकर रोने लगीं।
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