वीकेएसयू : स्नातक एडमिशन के शुल्क पर संबद्ध कॉलेजों को जारी किया गया फरमान h3>
-छात्राओं और एससी-एसटी छात्रों से किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लेने का निर्देश
-विवि ने कहा कि आदेश की अवहेलना की शिकायत पर विवि कार्रवाई को होगा बाध्य
आरा। निज प्रतिनिधि
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी की अध्यक्षता में विवि अंतर्गत आने वाले संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों और प्रभारी प्राचार्यों की बैठक सोमवार केा हुई। बैठक में स्नातक सेमेस्टर वन सत्र 2024-28 के नामांकन के शुल्क संबंधी एजेंडे पर चर्चा हुई। बैठक में विवि अंतर्गत आने वाले सभी 59 संबद्ध कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान विवि ने कॉलेजों से स्पष्ट तौर पर कहा कि राजभवन की ओर से निर्देशित शुल्क से अधिक राशि किसी भी विद्यार्थी से नहीं ली जाये। अगर कोई कॉलेज आदेश की अवहेलना करते हैं, तो उन पर विवि प्रशासन कार्रवाई को बाध्य होगा। राजभवन और राज्य सरकार के पत्र के आलोक में एडमिशन के दौरान छात्राओं और एससी व एसटी वर्ग के विद्यार्थियों से किसी भी प्रकार का एडमिशन शुल्क नहीं लिया जाये। एडमिशन शुल्क के अलावा पंजीयन को लेकर सिर्फ निर्धारित शुल्क ही लेना है। बैठक में छात्र कल्याण अध्यक्ष प्रो केके सिंह, कुलसचिव डॉ रणविजय कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
क्षतिपूर्ति के लिए सरकार और राजभवन से करें बात
विवि ने कहा कि छात्राओं और एससी व एसटी वर्ग के विद्यार्थियों से एडमिशन शुल्क नहीं लिए जाने पर राज्य सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति की राशि मुहैया करायी जाती है। इसलिए कॉलेज के प्रतिनिधि क्षतिपूर्ति के लिए सरकार और राजभवन से बात करें। विवि सरकार के आदेश का सख्ती से पालन कराने को ले संकल्पित है। अगर किसी भी प्रकार की शिकायत मिलती है तो विवि कार्रवाई को बाध्य होगा। विवि ने यह भी कहा कि पहली मेरिट से एडमिशन के दौरान अगर छात्राओं और एससी व एसटी छात्र से शुल्क लिया गया है, तो कॉलेज उसे वापस कर विवि को सूचित करे।
कॉलेजों का तर्क : आखिर कैसे होगा शिक्षकों और कर्मियों का भुगतान
बैठक में कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने भी खुलकर अपनी बातें रखीं। कहा कि संबद्ध कॉलेजों में विद्यार्थियों से लिये गये शुल्क से ही शिक्षक और कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया जाता है। इधर, विवि शुल्क नहीं लेने का फरमान जारी कर रहा है। अगर कॉलेज छात्राओं और एससी व एसटी छात्रों से शुल्क नहीं लेते हैं तो संबद्ध कॉलेज आखिर कैसे संचालित होंगे? विश्वविद्यालय की ओर से जारी पत्र के आलोक में सबसे अधिक महिला कॉलेजों को परेशानी होगी। यदि संबद्ध महिला कॉलेज शुल्क नहीं लेंगे तो उनको आखिरकार बंद करना पड़ेगा। सह शिक्षा वाले कॉलेज तो किसी तरह अपना अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद कर सकते हैं, लेकिन महिला कॉलेजो का तो खाता ही शून्य हो जायेगा। वैसे सह शिक्षा वाले अधिकतर कॉलेजों में 80 प्रतिशत नामांकन एससी व एसटी वर्ग के विद्यार्थियों और छात्राओं का ही होता है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों का आंतरिक स्त्रोत से वेतन मुगतान कर पाना नामुमकिन हो जायेगा। मालूम हो कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में कुल 59 संबद्ध कॉलेज है, जिनमें 12 महिला कॉलेज हैं। बैठक में प्रो जी राय, प्रो महेंद्र, सिंह, डॉ लाल बहादुर सिंह, डॉ सुनीता सिंह, डॉ ज्ञान प्रकाश सिन्हा सहित कुल 52 कॉलेजों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
आवेदन शुल्क की राशि की उठाई मांग
बैठक में संबद्ध कॉलेजों ने एडमिशन में ऑनलाइन आवेदन के दौरान लिए जाने वाले शुल्क की राशि में कॉलेज का हिस्सा देने की मांग उठाई। कहा कि आवेदन की कुल राशि 300 रुपये में से दो सौ रुपये प्रति नामांकित छात्र की दर से कॉलेज को दिये जायें। विवि ने कॉलेज की बातों को सुनकर इसमें से डेढ़ सौ रुपये प्रति छात्र लौटाने की बात कही।
सेकंड मेरिट जारी होने में अभी लगेगा समय
विवि में स्नातक सेमेस्टर सत्र 2024-28 की सेकंड मेरिट लिस्ट जारी होने में अभी और समय लगेगा। छात्र कल्याण अध्यक्ष ने बताया कि अभी तीन दिन और समय लगेगा। मेरिट जारी किए जाने से पूर्व नामांकन समिति की बैठक बुलाई जायेगी, ताकि इसमें किसी तरह की कोई त्रुटि नहीं रह सके।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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-छात्राओं और एससी-एसटी छात्रों से किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लेने का निर्देश
-विवि ने कहा कि आदेश की अवहेलना की शिकायत पर विवि कार्रवाई को होगा बाध्य
आरा। निज प्रतिनिधि
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी की अध्यक्षता में विवि अंतर्गत आने वाले संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों और प्रभारी प्राचार्यों की बैठक सोमवार केा हुई। बैठक में स्नातक सेमेस्टर वन सत्र 2024-28 के नामांकन के शुल्क संबंधी एजेंडे पर चर्चा हुई। बैठक में विवि अंतर्गत आने वाले सभी 59 संबद्ध कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान विवि ने कॉलेजों से स्पष्ट तौर पर कहा कि राजभवन की ओर से निर्देशित शुल्क से अधिक राशि किसी भी विद्यार्थी से नहीं ली जाये। अगर कोई कॉलेज आदेश की अवहेलना करते हैं, तो उन पर विवि प्रशासन कार्रवाई को बाध्य होगा। राजभवन और राज्य सरकार के पत्र के आलोक में एडमिशन के दौरान छात्राओं और एससी व एसटी वर्ग के विद्यार्थियों से किसी भी प्रकार का एडमिशन शुल्क नहीं लिया जाये। एडमिशन शुल्क के अलावा पंजीयन को लेकर सिर्फ निर्धारित शुल्क ही लेना है। बैठक में छात्र कल्याण अध्यक्ष प्रो केके सिंह, कुलसचिव डॉ रणविजय कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
क्षतिपूर्ति के लिए सरकार और राजभवन से करें बात
विवि ने कहा कि छात्राओं और एससी व एसटी वर्ग के विद्यार्थियों से एडमिशन शुल्क नहीं लिए जाने पर राज्य सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति की राशि मुहैया करायी जाती है। इसलिए कॉलेज के प्रतिनिधि क्षतिपूर्ति के लिए सरकार और राजभवन से बात करें। विवि सरकार के आदेश का सख्ती से पालन कराने को ले संकल्पित है। अगर किसी भी प्रकार की शिकायत मिलती है तो विवि कार्रवाई को बाध्य होगा। विवि ने यह भी कहा कि पहली मेरिट से एडमिशन के दौरान अगर छात्राओं और एससी व एसटी छात्र से शुल्क लिया गया है, तो कॉलेज उसे वापस कर विवि को सूचित करे।
कॉलेजों का तर्क : आखिर कैसे होगा शिक्षकों और कर्मियों का भुगतान
बैठक में कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने भी खुलकर अपनी बातें रखीं। कहा कि संबद्ध कॉलेजों में विद्यार्थियों से लिये गये शुल्क से ही शिक्षक और कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया जाता है। इधर, विवि शुल्क नहीं लेने का फरमान जारी कर रहा है। अगर कॉलेज छात्राओं और एससी व एसटी छात्रों से शुल्क नहीं लेते हैं तो संबद्ध कॉलेज आखिर कैसे संचालित होंगे? विश्वविद्यालय की ओर से जारी पत्र के आलोक में सबसे अधिक महिला कॉलेजों को परेशानी होगी। यदि संबद्ध महिला कॉलेज शुल्क नहीं लेंगे तो उनको आखिरकार बंद करना पड़ेगा। सह शिक्षा वाले कॉलेज तो किसी तरह अपना अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद कर सकते हैं, लेकिन महिला कॉलेजो का तो खाता ही शून्य हो जायेगा। वैसे सह शिक्षा वाले अधिकतर कॉलेजों में 80 प्रतिशत नामांकन एससी व एसटी वर्ग के विद्यार्थियों और छात्राओं का ही होता है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों का आंतरिक स्त्रोत से वेतन मुगतान कर पाना नामुमकिन हो जायेगा। मालूम हो कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में कुल 59 संबद्ध कॉलेज है, जिनमें 12 महिला कॉलेज हैं। बैठक में प्रो जी राय, प्रो महेंद्र, सिंह, डॉ लाल बहादुर सिंह, डॉ सुनीता सिंह, डॉ ज्ञान प्रकाश सिन्हा सहित कुल 52 कॉलेजों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
आवेदन शुल्क की राशि की उठाई मांग
बैठक में संबद्ध कॉलेजों ने एडमिशन में ऑनलाइन आवेदन के दौरान लिए जाने वाले शुल्क की राशि में कॉलेज का हिस्सा देने की मांग उठाई। कहा कि आवेदन की कुल राशि 300 रुपये में से दो सौ रुपये प्रति नामांकित छात्र की दर से कॉलेज को दिये जायें। विवि ने कॉलेज की बातों को सुनकर इसमें से डेढ़ सौ रुपये प्रति छात्र लौटाने की बात कही।
सेकंड मेरिट जारी होने में अभी लगेगा समय
विवि में स्नातक सेमेस्टर सत्र 2024-28 की सेकंड मेरिट लिस्ट जारी होने में अभी और समय लगेगा। छात्र कल्याण अध्यक्ष ने बताया कि अभी तीन दिन और समय लगेगा। मेरिट जारी किए जाने से पूर्व नामांकन समिति की बैठक बुलाई जायेगी, ताकि इसमें किसी तरह की कोई त्रुटि नहीं रह सके।
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