विष्णुनगरी में लगातार सुविधाओं के साथ बढ़ रहे पिंडदानी

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विष्णुनगरी में लगातार सुविधाओं के साथ बढ़ रहे  पिंडदानी

विष्णुनगरी में लगातार सुविधाओं के साथ बढ़ रहे पिंडदानी

विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले का स्वरूप दिनोंदिन बड़ा होता जा रहा है। विष्णुनगरी में पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए आने वाले पिंडदानियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। तीर्थयात्रियों के साथ सुविधाएं भी बढ़ रही हैं। पिछले साल करीब 10 लाख पिंडदानी आए थे। इस साल 30 से 40 फीसदी तक संख्या बढ़ सकती है। बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन, गयापाल और समाजसेवियों की ओर से पिंडदानियों की सेवाएं बढ़ायी जा रही हैं। सरकार व जिला प्रशासन की ओर से हर हाल नयी-नयी व्यवस्थाओं से गयाधाम को लैस किया जा रहा है। केंद्र सरकार की हृदय और प्रसाद योजना से पिंडदान के लिए महत्वपूर्ण देवघाट, संगत घाट, गजाधर घाट का सौंदर्यीकरण किया गया। स्थायी शेड और हाई मास्ट लाइट लगायी गईं। पारंपरिक के साथ वर्तमान समय की डिमांड के अनुसार सुविधाएं बढ़ायी जा रही है।

दो साल पहले सबसे महत्वपूर्ण रबर डैम और घाटों का किया गया विस्तार

छोटी-बड़ी सुविधाओं के बीच दो साल फल्गु रबर डैम की सुविधाएं देना ऐतिहासिक कदम है। डैम के कारण पितृपक्ष में पिंडदानियों को फल्गु में डुबकी लगाने से लेकर तर्पण करना आसान हो गया है। डैम पर बने पुल से सीताकुंड जाना सुलभ हो गया। डैम के बाद देवघाट से लेकर डैम तक घाटों का विस्तार किया गया। इस वजह से पिंडदानियों को बैठकर पिंडदानी करने की जगह की किल्लत दूर हो गयी। इस साल 2024 में बाइपास पुल से लेकर देवघाट पाथवे का निर्माण कराया गया। सात सितंबर को मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया। सीताकुंड के विकास के बाद यहां व रामकुंड में आकर्षक श्रीराम कथा वाली मिथिला पेंटिंग करायी गई।

गांधी मैदान के टेंट सिटी में आवासन व भोजन से लेकर भजन संध्या का होगा आयोजन

निजी तौर पर गयापाल की व्यवस्था, होटल व धर्मशालाओं के अलावा सरकारी स्तर पर पिंडदानियों को ठहराने की व्यवस्था में इजाफा किया जा रहा है। विद्यालयों के अलावा दो साल पहले गांधी मैदान में टेंट सिटी की सुविधा बढ़ायी गई। यहां भी फ्री में आवासन के साथ अन्य व्यवस्था रहेंगी। समाजसेवी शिवकैलाश डालमिया की ओर से पिंडदानियों को नि:शुल्क नाश्ता,चाय व भोजन के अलावा भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। इस बार भी तैयारी है।

2014 में राजकीय मेला घोषित होने के बाद से बढ़ रहीं सुविधाएं

लंबे इंतजार के बाद 2014 में पितृपक्ष मेले को राजकीय मेला घोषित किया गया। इसी साल से सुविधाओं में वृद्धि ने रफ्तार पकड़ी है। इसी वर्ष छह भाषाओं में पितृपक्ष स्मारिका का प्रकाशन हुआ। पहली बार ई-समाधान के तहत 24 घंटे की हेल्प लाइन और कॉल सेंटर की सुविधा दी गयी। मेले के दौरान अस्वस्थ पिंडदानियों के लिए विष्णुपद मंदिर तक जाने के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था की गयी।

कोरोना काल के बाद से लगातार बढ़ रहे पिंडदानी : गयापाल

श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल, सचिव गजाधार लाल पाठक ने बताया कि प्रसिद्ध गयापाल महेश लाल गुपुत ने बताया कि 10 वर्षों में जरूरी सुविधाओं के साथ-साथ पिंडदानी की संख्या में दोगुना वृद्धि हुई है। आवासन औ सुरक्षा व्यवस्था बढ़ने से मेले की रौनक बढ़ी है। महेश लाल गुपुत ने बताया कि कोरोना काल के पिंडदानी बढ़ रहे हैं। 10 साल में दोगुना है। सरकारी स्तर पर सुविधाएं बढ़ी हैं। नया बाइपास-देवघाट पाथवे से पिंडदानियों को घाट पर आने सीताकुंड जाने में लाभ मिलेगा। बताया कि इस बार भी पिछले साल से 20 फीसदी से अधिक पिंडदानियों के आने का अनुमान है।

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