विपक्षी एकता की बैठक में शामिल नहीं होंगे मांझी, बोले- हम रहें न रहें, हमारे नेता नीतीश हैं ना! h3>
जीतन मांझी को 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की आशा थी। उन्होंने महागठबंधन से 5 सीटों की मांग की थी। वो इस बात को लेकर काफी आशान्वित थे कि उनके दबाव बनाने पर उन्हें महागठबंधन से 5 सीटें मिलेंगी। लेकिन अब मांझी ने कह दिया कि वो लोकसभा का चुनाव ही नहीं लड़ेंगे।
हाइलाइट्स
- 23 जून की विपक्षी एकता की बैठक में शामिल नहीं होंगे जीतन राम मांझी
- जीतन राम मांझी बोले- हर आदमी को आशावादी होना चाहिए
- मांझी बोले- बैठक में नहीं रहेंगे तो क्या हुआ, हमारे नीतीश कुमार तो हैं न
पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी 23 तारीख को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में शामिल नहीं रहेंगे। इस बात को उन्होंने खुद ही स्वीकार लिया है। मगर उन्होंने ये भी कहा कि विपक्षी एकता की मुहिम जो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुरू की है, वो मुकाम तक जरूर पहुंचेगी। बताते चलें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और नीतीश कुमार के सहयोगी दल के संरक्षक जीतन राम मांझी ने कहा कि आगामी 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में शामिल नहीं रहेंगे। लेकिन उनके नेता यानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की मुहिम आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उन्हें जरूर सफलता मिलेगी। जो रास्ता नीतीश कुमार ने चुना है, उस रास्ते पर उन्हें सफलता जरूर मिलेगी।
एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे चुनाव: मांझी
5 सीटों की मांग करने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह भी साफ कर दिया है कि वह एक भी सीट पर चुनाव लड़ने नहीं जा रहे हैं। माना जा रहा है इसी से नाराज होकर 23 तारीख को होने वाली बैठक में जीतन मांझी हिस्सा नहीं लेने वाले हैं। बता दें, लंबे समय से यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि जीतन राम मांझी जेडीयू से अलग होकर बीजेपी को साधने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसका नतीजा है कि वह 23 तारीख को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने से इनकार कर रहे हैं।
हर आदमी को आशा वादी होनी चाहिए: मांझी
विपक्षी पार्टियों की बैठक में शामिल होने से इनकार करते हुए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने अपनी आशा का भी जिक्र कर दिया। उन्होंने कहा कि ‘हर आदमी को आशावादी होना चाहिए।’ आशावादी होने की बात कर उन्होंने इशारों ही इशारों में ये जता दिया कि उनकी आशा महागठबंधन में पूरी नहीं हो पा रही है। इसका नतीजा है कि अब वो सर्वदलीय विपक्षी एकता की बैठक में हिस्सा नहीं लेने वाले हैं। अब उनकी एक आशा कमजोर होती नजर आ रही है। जीतन मांझी ने एक आशा को छोड़ दूसरी आशा की तरफ बढ़ने का मन बना चुके हैं। जिसका नतीजा है कि वो बीजेपी को नाराज करते नजर नहीं आना चाहेंगे। बीजेपी के साथ जाने और केंद्र में मंत्री पद की आशा लिए जीतन मांझी ने नीतीश कुमार की ओर से बुलाई जा रही सर्वदलीय बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है।
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जीतन मांझी को 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की आशा थी। उन्होंने महागठबंधन से 5 सीटों की मांग की थी। वो इस बात को लेकर काफी आशान्वित थे कि उनके दबाव बनाने पर उन्हें महागठबंधन से 5 सीटें मिलेंगी। लेकिन अब मांझी ने कह दिया कि वो लोकसभा का चुनाव ही नहीं लड़ेंगे।
हाइलाइट्स
- 23 जून की विपक्षी एकता की बैठक में शामिल नहीं होंगे जीतन राम मांझी
- जीतन राम मांझी बोले- हर आदमी को आशावादी होना चाहिए
- मांझी बोले- बैठक में नहीं रहेंगे तो क्या हुआ, हमारे नीतीश कुमार तो हैं न
एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे चुनाव: मांझी
5 सीटों की मांग करने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह भी साफ कर दिया है कि वह एक भी सीट पर चुनाव लड़ने नहीं जा रहे हैं। माना जा रहा है इसी से नाराज होकर 23 तारीख को होने वाली बैठक में जीतन मांझी हिस्सा नहीं लेने वाले हैं। बता दें, लंबे समय से यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि जीतन राम मांझी जेडीयू से अलग होकर बीजेपी को साधने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसका नतीजा है कि वह 23 तारीख को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने से इनकार कर रहे हैं।
हर आदमी को आशा वादी होनी चाहिए: मांझी
विपक्षी पार्टियों की बैठक में शामिल होने से इनकार करते हुए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने अपनी आशा का भी जिक्र कर दिया। उन्होंने कहा कि ‘हर आदमी को आशावादी होना चाहिए।’ आशावादी होने की बात कर उन्होंने इशारों ही इशारों में ये जता दिया कि उनकी आशा महागठबंधन में पूरी नहीं हो पा रही है। इसका नतीजा है कि अब वो सर्वदलीय विपक्षी एकता की बैठक में हिस्सा नहीं लेने वाले हैं। अब उनकी एक आशा कमजोर होती नजर आ रही है। जीतन मांझी ने एक आशा को छोड़ दूसरी आशा की तरफ बढ़ने का मन बना चुके हैं। जिसका नतीजा है कि वो बीजेपी को नाराज करते नजर नहीं आना चाहेंगे। बीजेपी के साथ जाने और केंद्र में मंत्री पद की आशा लिए जीतन मांझी ने नीतीश कुमार की ओर से बुलाई जा रही सर्वदलीय बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है।
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