विधायक रिश्वतकांड- टोडाभीम-MLA घनश्याम महर भी सवालों के घेरे में: चुनाव लड़ चुके बीजेपी प्रत्याशी बोले- बीएपी विधायक को आगे कर चला रहा था ब्लैकमेलिंग का खेल – Rajasthan News h3>
20 लाख रुपए की रिश्वत लेते एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के हत्थे चढ़े बागीदौरा (बांसवाड़ा) विधायक जयकृष्ण पटेल के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
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भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक पटेल खुद की विधानसभा क्षेत्र से 600 किलोमीटर दूर करौली जिले की टोडाभीम विधानसभा में सोप स्टोन का खनन करने वाली टालकोस इंडिया एलएलपी कंपनी को ब्लैकमेल कर रहे थे।
ये कंपनी टोडाभीम से साल 2023 में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले बीजेपी के प्रत्याशी रामनिवास मीणा और उनके बेटे रविंद्र मीणा की है।
कंपनी के मालिक रामनिवास मीणा ने NEWS4SOCIALको बताया कि विधायक जयकृष्ण पटेल पिछले 2 महीने से उन्हें और उनके बेटे रविंद्र मीणा को ब्लैकमेल कर धमका रहे थे। विधायक ने प्रश्न हटाने की एवज में 10 करोड़ की डिमांड की थी, लेकिन डील 2.5 करोड़ में हुई।
रामनिवास मीणा ने आरोप लगाया कि इस ब्लैकमेल कांड के पीछे कांग्रेस विधायक टोडाभीम विधायक घनश्याम महर असली खिलाड़ी है। पढ़िए ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट-
रविवार को एसीबी की टीम ने विधायक जयकृष्ण पटेल को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया, इसके बाद एसीबी मुख्यालय लेकर गई।
2 महीने पहले सवाल लगाया, शुरू किया ब्लैकमेल करना इस रिश्वत कांड के शिकायतकर्ता रामनिवास मीणा ने बताया कि ब्लैकमेल के लिए सबसे पहले विधायक जयकृष्ण ने 11 जुलाई 2024 को विधानसभा में वन विभाग के लिए 5998 नंबर अतारांकित सवाल लगाया था।
इस सवालों का विभाग ने दिया था ये जवाब..
1. जी हां, विधानसभा क्षेत्र टोडाभीम के गांव मोरड़ा, गड़ी, कमालपुर राजौली, धवान, गुढ़ाचंद्राजी गांवों मे स्थित पहाड़ों पर विभाग की ओर से चार खनन पट्टे 48.7 हैक्टेयर भूमि पर स्वीकृत किए हुए हैं, खनन पट्टों का विवरण परिशिष्ट-01 पर उपलब्ध है।
2. विधानसभा क्षेत्र टोडाभीम के गांव मोरड़ा, गड़ी, कमालपुर राजौली, धवान, गुढ़ाचंद्राजी गांवों मे स्थित पहाड़ों पर अवैध खनन के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इस संबंध में 29 जुलाई 2024 मौका जांच करवाई गई। उक्त गांवों में कोई अवैध खनन /परिवहन होना नहीं पाया गया। मौका रिपोर्ट परिशिष्ट-02 पर उपलब्ध है।
3. मौका रिपोर्ट 29 जुलाई 2024 के अनुसार उक्त गांवों में स्वीकृत खनन पट्टों में अथवा खनन पट्टा क्षेत्र में कोई भी फार्म हाउस बना हुआ नहीं पाया गया ।
उप वन संरक्षक, करौली की ओर से अवगत कराया गया है कि उक्त गांवों में वन भूमि और पहाड़ों पर कब्जा कर लोगों ने किसी भी प्रकार के फार्म हाउस नहीं बनाए हुए हैं। गांव राजौली के पास पहाड़ी पर एक प्राचीन मंदिर बना हुआ है। जिसमें लोगों की ओर से कुछ कमरों का निर्माण किया गया है। इन्हें हटाने के लिए वन विभाग की ओर से नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
4. उप वन संरक्षक, करौली की ओर से अवगत कराया गया है की उक्त गांवों में पहाड़ों पर अवैध फार्म हाउस बनाकर वन्यजीवों को नहीं रखा जा रहा है।
रामनिवास मीणा बोले- असली खिलाड़ी घनश्याम महर, खुद विधायक जयकृष्ण पटेल ने बताई बात रामनिवास मीणा ने बताया कि गुढ़ाचंद जी बालघाट में हमारी दो सोपस्टोन की लीज है, लेकिन अब तक हम विधायक पटेल के सवाल लगाने का खेल नहीं समझ पाए थे। इसके बाद हाल ही में विधायक पटेल ने विधानसभा में इसी से जुड़ा 950 नंबर अतारांकित सवाल और लगा दिया, हालांकि वो अभी टेबल नहीं हो पाया। इस बीच दो महीने पहले विधायक जयकृष्ण पटेल ने आगे से हमसे संपर्क किया।
विधायक ने बताया कि टोडाभीम से कांग्रेस विधायक घनश्याम महर और कुछ दूसरे पॉलिटिकल लोग आपकी लीज बंद करवाना चाहते हैं। उनके कहने पर ही मैंने ये सवाल लगाए हैं। अगर आप मुझे 10 करोड़ रुपए दे देंगे तो मैं अपना सवाल वापस ले लूंगा, नहीं तो आपकी लीज बंद करवा दूंगा।
मेरे बेटे रविंद्र मीणा ने उससे कई बार मुलाकात की और समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं माना। आखिर में ढाई करोड़ रुपए में डील फाइनल की थी। इससे पहले रविंद्र ने 4 अप्रैल को राजस्थान एसीबी में इसकी शिकायत दे दी। अब विधायक पटेल 20 लाख रुपए लेते हुए रंगे हाथ ट्रैप होकर गिरफ्तार हो गए।
रामनिवास मीणा ने आरोप लगाया कि इस ब्लैकमेलिंग और रिश्वतकांड के खेल में BAP विधायक जयकृष्ण पटेल के पीछे टोडाभीम कांग्रेस विधायक घनश्याम महर है। वो ही जयकृष्ण पटेल को आगे कर हमें ब्लैकमेल कर रहा था। वहीं इसमें कुछ और भी बड़े नेता शामिल है, जिनके नाम आगे सामने आ जाएंगे।
परिवादी रविंद्र मीणा ने अपने इंस्टा प्रोफाइल पर खुद को टालकोस और प्रेम निकेतन का मालिक बता रखा है। रविंद्र मीणा वकील भी है।
घनश्याम महर बोले- मैंने हराया, इसलिए पॉलिटिकल वजह से घसीट रहे बीजेपी नेता और इस मामले में परिवादी रविंद्र मीणा ने आरोपों पर हमने विधायक घनश्याम महर से बात की। उन्होंने आरोपों को नकारते हुए कहा कि रामनिवास मीणा के बेटे रविंद्र ने BAP विधायक जयकृष्ण पटेल को फंसाया है। मैंने उन्हें हराया है, इसलिए मेरा नाम तो पॉलिटिकल वजह से घसीट रहे हैं। वो इतनी जल्दी इतनी दौलत कैसे कमा रहा है? ये भी कांड जल्दी सामने आएंगे।
हालांकि जब मुझे इस मामले की जानकारी लगी तो पता चला कि रामनिवास मीणा की ही लीज पर रहने वाले मानसिंह और एक दूसरे लड़के ने ये सवाल बागीदौरा MLA जयकृष्ण पटेल से लगवाए थे। कोई 55 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला है।
आखिर में रविंद्र मीणा की जुबानी, कैसे चल रहा था पूरा घटनाक्रम
तीसरा सवाल लगाया तो चला पता कंपनी मालिक के बेटे रविंद्र मीणा ने बताया- हमारी कंपनी को लेकर फरवरी के आस-पास में विधायक ने तीसरा सवाल लगाया था। तब डिपार्टमेंट के लोगों ने ही मुझे बताया था कि इनका विधानसभा क्षेत्र करौली से 600 किलोमीटर दूर है, पर ये क्यों आपके पीछे पड़े हैं। इनसे बात कीजिए। तब तक हम ये मानकर चल रहे थे कि हम यहां अवैध खनन को लेकर लोगों के खिलाफ जो केस करवाते हैं, उसके रिवेंज में कोई करवा रहा होगा। हमने 7-8 मुकदमे करवा रखे थे।
ऐसे में हमने विधायक जयकृष्ण पटेल से बात करने की सोची। डिपार्टमेंट वाले भी हम पर प्रेशर दे रहे थे कि पता करो कि इन्हें क्यों दिक्कत हो रही है। ऐसे में फरवरी महीने मैं इनसे बात करने गया था। तब इन्होंने मुझे बोला कि मुझे कोई गलतफहमी हो गई थी। अब ऐसा नहीं करूंगा। तब मुझे इन्होंने बताया था कि आपकी विधानसभा के ही आपके दुश्मन ने मुझे ये जानकारी दी। विधायक जयकृष्ण पटेल ने तब मुझे कहा था कि मैं आपको बुलाऊंगा और उस दिन आप अकेले आ जाना।
दोबारा सवाल लगाया तो मिलने गया रविंद्र मीणा ने बताया- इसके बाद इन्होंने दुबारा से एक नया सवाल लगा दिया। वहीं उसी दिन विधानसभा में टोडाभीम के विधायक घनश्याम महर ने इसी विषय पर बोला था। इस बार डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने मुझे बताया कि उन्होंने ऐसा सवाल लगाया है कि जिसका जवाब देना लगभग असंभव है। डिपार्टमेंट में तो उसका डेटा ही नहीं है। ये माइंस ब्रिटिश काल से चल रही थी और इन्होंने 1958 से डेटा मांगा था। तब से लेकर अब तक इस लीज का एरिया कम हो गया है।
इस बार मैं फिर विधायक पटेल के पास गया तो इन्होंने मुझे कहा कि तुम मुझसे मिलने नहीं आए। इस पर मैंने उन्हें कहा कि साहब आपने मुझे बुलाया ही नहीं। तब उन्होंने मुझे जगतपुरा में एक लोकेशन पर बुलाया और कहा कि तुम बड़े बदतमीज हो, मैंने ढाई का मैसेज तुम्हे भेजा था न। मैंने उन्हें बताया कि मुझे मैसेज मिला ही नहीं था। वो मुझ पर नाराज थे। मैंने उन्हें कहा कि आप अब बता दीजिए। तब से मैं उनकी रिकॉर्डिंग कर रहा था।
मुझे ब्लैकमेल कर रहे थे रविंद्र मीणा ने बताया- इसके बाद मुझे पता चला कि ये मुझ से पहले भी अलग-अलग एरिया के सवाल लगाकर लोगों से रुपए ऐंठने का काम कर रहे हैं। ये मुझे ब्लैकमेल करने के साथ ही डिपार्टमेंट के अधिकारियों को भी धमका रहा था। इसके बाद मैं एसीबी चला गया। उन लोगों ने इसकी डिमांड दोबारा से वेरिफाई की। बांसवाड़ा में मैं इनसे मिलने गया। तब तक मैं मान रहा था कि शायद इन्हे 2 से ढाई लाख रुपए चाहिए। लेकिन उस दिन पटेल ने मुझे कहा कि मैं तो दस करोड़ रुपए लेता, लेकिन तुम लोग ईआरसीपी में बढ़िया काम कर रहे हो, इसलिए ढाई करोड़ रुपए ही लूंगा। मैं तुम्हे रिलीफ दे रहा हूं।
पैसे लेकर महर ही भागा रविंद्र मीणा ने बताया- मैंने उन्हें बताया कि साहब इतनी कमाई नहीं है तो पटेल ने मुझे कहा कि मैं अपर्णा अरोड़ा को जानता हूं। ये महेश जोशी को मैंने ही फंसाया था। हम लोग विधानसभा में सब मामले उठाते हैं। इसके बाद एसीबी ने सब कुछ वेरिफाई कर ट्रैप की कार्रवाई एग्जिक्यूट कर दी। विधायक पटेल के यहां से ट्रैप कार्रवाई के दौरान जो लड़का रुपए लेकर भागा है, वो भी महर है।
एसीबी ने विधायक जयकृष्ण पटेल को उनके घर से रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
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