विधानसभा में फूट-फूटकर रोये नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, कहा- क्या दुख नहीं होता, मन में रहम नहीं है? h3>
Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में सरकारी नौकरी के लिए मेहनत करने वाले गरीब प्रतिभागियों की पीड़ा बताते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भावुक हो उठे। नकल विरोधी विधेयक पर बहस के दौरान सदन में उन्होंने कोचिंग सेंटर्स को भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी की जड़ बताया और कहा पिछली भर्तियों की जांच कराओ तो आधे फर्जी निकलेंगे।
हाइलाइट्स
राजस्थान विधानसभा में फूट-फूटकर रोये नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया
सदन में नकल विरोधी विधेयक पर चर्चा हो रही थी
कटारिया ने कहा कि सिर्फ कानून बनाने से कुछ नहीं होगा
रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: राजस्थान विधानसभा (rajasthan vidhansabha) में गुरुवार 24 मार्च को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (gulabchand kataria) फूट फूट कर रो पड़े। सदन में नकल विरोधी विधेयक पर चर्चा हो रही थी। कई सदस्यों ने अपने अपने विचार रखे। जब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बोलने की बारी आई तो वे बोलते बोलते रो पड़े। कटारिया ने कहा कि सिर्फ कानून बनाने से कुछ नहीं होने वाला। क्योंकि कानून को धारा 302 का भी बना हुआ है जिसमें उम्रकैद और फांसी के प्रावधान है। इसके बावजूद भी हत्या की वारदातें होती है। ऐसे में सिर्फ नकल विरोधी कानून बनाने से कुछ नहीं होगा। सरकार को भर्ती परीक्षाओं के सिस्टम को सुधारना होगा। सिस्टम सुधरेगा तभी गरीब के बच्चे को नौकरी मिल सकेगी। वरना अमीरों की औलादें नकल और पेपर लीक गिरोह वालों से पेपर खरीदकर नौकरी हथियाते रहेंगे। गौरतलब है कि गुरुवार को सदन में नकल विरोधी विधेयक पास हुआ था। कोचिंग सेंटर में हैं गड़बड़ी की जड़ नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पेपर लीक और नकल गैंग के तार कोचिंग सेन्टर से जुड़े हैं। अगर सरकार को वार करना है तो यहां करें। सिर्फ कानून बनाने की औपचारिकता करके सरकार 16 लाख बेरोजगारों और उनके परिजनों पर महरम लगाना चाहती है जो कि उचित नहीं है। कटारिया ने कहा कि गरीब का बच्चा खेत बेच कर पढाई करने के लिए शहर में आता है लेकिन ये पैसे वाले पेपर आउट करके नौकरी लग जाते हैं। गरीब आदमी के बच्चे को मुंह लटका कर वापस लौटना पड़ता है। राजस्थान में शिक्षा के नाम पर हुआ बड़ा घोटाला, करोड़ों के लेन देन के आरोप में फंस गई सरकार, पढ़े डिटेल्स पिछली भर्तियों की जांच कराओ, आधे फर्जी निकलेंगे कटारिया ने कहा कि पिछले 8 सालों में जो भी भर्ती परीक्षाएं हुई। सरकार को उनकी जांच करानी चाहिए। कटारिया ने दावा करते हुए कहा कि अगर जांच हुई तो आधे से मामले ज्यादा फर्जी पाए जाएंगे। उन्होंने टेबल ठोकते हुए कहा कि पैसे वाले लोगों के पास आपने सारी सरकारी नौकरियों को बेच दिया, उस गरीब का क्या होगा जो खेत बेच कर अपने बच्चों को पढाते हैं। गरीब के बच्चे का सलेक्शन नहीं होता है तो वह जहर खाकर मर जाता है, कोई उसकी पीड़ा समझने वाला नहीं है। इतना कहते कहते कटारिया फफक फफक कर रो पड़े। उनसे बोला भी नहीं जा रहा था। आखिर उन्होंने कहा कि अब इस पर बोलने की उनकी इच्छा नहीं है। CM गहलोत ने SC-ST वर्ग को साथ लाने के लिए खेला मास्टरस्ट्रोक, जानिए क्या है 1000 करोड़ के फंड का फार्मूला 1992 में बन चुका था नकल विरोधी कानून, उसी में कर सकते थे संसोधन उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में नकली विरोधी कानून पहले से बना हुआ है। 1992 में तत्कालीन राज्य सरकार नकल विरोधी कानून बना चुकी थी। सरकार वास्तव में ही अगर ठोस कार्रवाई करने की मंशा रखती है तो उसी कानून में संसोधन कर सकती थी लेकिन लोगों को भ्रमित करने या दिखावा करने के लिहाज से ये नया विधेयक लेकर आई है ताकि वाह वाही लूट सके। जबकि हकीकत में इस नए कानून से होने वाला कुछ नहीं है। प्रतियोगिता परीक्षाओं के सिस्टम में सरकार को सुधार करना चाहिए ताकि परीक्षाओं में पारदर्शिता हो और नकल नहीं हो। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सुझाव दिया कि प्रतियोगिता परीक्षाएं केवल सरकारी स्कूलों में ही करवाई जानी चाहिए। भले ही दो के बजाय 25 तरह के पेपर बनाने पड़ जाए। अलग अलग दिन एग्जाम होने चाहिए और परीक्षा के दौरान केवल सरकारी कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगाई जानी चाहिए।
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Web Title : gulabchand kataria became emotional during rajasthan assembly debates over aspirants who hope to get a government job Hindi News from Navbharat Times, TIL Network
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