विदेशी बाजारों में तेजी से तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

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विदेशी बाजारों में तेजी से तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

विदेशी बाजारों में तेजी से तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और सरकार द्वारा कुछ तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाये जाने के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल सहित अधिकांश तेल-तिलहनों की कीमतें सुधार दर्शाती बंद हुईं। बाकी तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

बाजार सूत्रों ने बताया कि शिकॉगो एक्सचेंज लगभग 1.5 प्रतिशत तेज था, जबकि मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट का रुख होने के बावजूद खाद्य तेलों के भाव तेज बने हुए हैं।

सूत्रों ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2022-23 के खरीफ (गरमी) की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की है और इसमें विभिन्न तिलहन फसलों के मूल्य में भी वृद्धि की गई है। यह सरकार का सराहनीय कदम है और इससे तिलहन उत्पादन बढ़ने की संभावना बनती है। इस वृद्धि के तहत सोयाबीन का एमएसपी 350 रुपये या नौ प्रतिशत बढ़ाया गया है। सूरजमुखी का एमएसपी 385 रुपये क्विंटल यानी छह प्रतिशत, मूंगफली का एमएसपी पांच प्रतिशत यानी 300 रुपये बढ़ाया गया है। इसके अलावा भी अन्य फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है। इससे न केवल तिलहन उत्पादन में देश आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ेगा बल्कि खाद्य तेलों के आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी।

मंडियों में सरसों की आवक निरंतर घट रही है। आयातित तेलों की कमी को पूरा करने के लिए सरसों का रिफाइंड बनाने के लिए इसकी चौतरफा मांग है लेकिन जिस तरह से सरसों रिफाइंड की खपत हो रही है, उसे देखते हुए आगे जाकर सरसों की कमी होना निश्चित है और इस कमी को आयात शुल्क कम करके या अन्य देशों से आयात कर पूरा नहीं किया जा सकता। सरसों का कोई विकल्प भी नहीं है। सरकार को सरसों रिफाइंड बनाने पर रोक लगाने के बारे में सोचना होगा नहीं तो बरसात और जाड़े के दिनों में सरसों की भारी दिक्कत पैदा हो सकती है। इसके अलावा सरसों के अधिकतम खुदरा मूल्य पर भी कड़ी निगरानी रखे जाने की आवश्यकता है।

विदेशी बाजारों में तेजी के कारण सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में मजबूती रही।

बुधवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,590-7,640 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,865 – 7,000 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,100 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,685 – 2,875 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,425-2,505 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,465-2,570 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 16,520 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,920 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,910 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 14,520 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 15,200 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 15,920 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 14,810 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 7,000-7,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 6,700- 6,800 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये प्रति क्विंटल।

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