विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद खाद्य तेल-तिलहनों के भाव टूटे

88
विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद खाद्य तेल-तिलहनों के भाव टूटे

विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद खाद्य तेल-तिलहनों के भाव टूटे

नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बावजूद गमियों की कमजोर मांग की वजह से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल, बिनौला, सीपीओ, पामोलीन खाद्य तेल कीमतों में गिरावट आई। केवल सोयाबीन दाना और लूज के भाव जस के तस बने रहे।

बाजार के जानकार सूत्रों ने बताया कि इंडोनेशिया में निर्यात तो खोल दिया गया है पर वहां के तेल कारोबारियों से कहा गया है कि उनके द्वारा घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के बाद ही निर्यात की अनुमति दी जायेगी। सूत्रों ने कहा कि इस फैसले के कारण इंडोनेशिया का निर्यात, शर्तो पर निर्भर हो गया है और इस फैसले के साथ ही मलेशिया एक्सचेंज में तेजी लौट आई। ऊंचे भाव पर बिक्री प्रभावित होने से सीपीओ, पामोलीन और सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट आई।

आयातित तेलों के मंहगा होने के कारण सारा जोर सरसों पर है और अच्छी पैदावार के कारण इससे आयातित तेलों की कमी को पूरा किया जा रहा है। सरसों और मूंगफली जैसे स्थानीय तेलों की आपूर्ति बढ़ने से इनके तेल- तिलहनों के भाव में नरमी रही। पशु चारे में इस्तेमाल होने वाले डीआयल्ड केक (डीओसी) की मांग होने से सोयाबीन दाना और लूज के भाव स्थिर रहे।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 2.3 प्रतिशत की तेजी रही, जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में 0.2 प्रतिशत की तेजी है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को शुल्क कम ज्यादा करने से कहीं ज्यादा बाजार में थोक बिक्री मूल्य और खुदरा बिक्री मूल्य के बीच के भारी अंतर को कम करने के उपायों के बारे में सोचना चाहिये जिससे कि सोयाबीन, सरसों जैसे खाद्य तेलों में आई गिरावट का लाभ आम उपभोक्ताओं को मिल सके।

सूत्रों ने कहा कि थोक बिक्री मूल्य के हिसाब से खुदरा में सरसों तेल अधिकतम 158-165 रुपये लीटर तथा सोयाबीन तेल अधिकतम 170-172 रुपये लीटर मिलना चाहिये। खुदरा कारोबार में इन दामों को बढ़ाकर छापने और बेचने की शिकायतें मिली हैं जिसकी सतत जांच जरूरी है।

उन्होंने कहा कि आयात शुल्क कम ज्यादा करने की जगह सरकार को तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना होगा जो दूसरे देशों पर आयात की निर्भरता को खत्म करने में मदद करेगा।

बृहस्पतिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,465-7,515 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,660 – 6,795 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,6500 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,625 – 2,815 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,360-2,440 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,400-2,510 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 16,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,900 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 15,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 16,150 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 15,000 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 6,950-7,050 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 6,650- 6,750 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये प्रति क्विंटल।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News