विदेशी बाजारों में गिरावट पामोलीन, सोयाबीन तेल के दाम गिरे

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विदेशी बाजारों में गिरावट पामोलीन, सोयाबीन तेल के दाम गिरे

विदेशी बाजारों में गिरावट पामोलीन, सोयाबीन तेल के दाम गिरे

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बावजूद दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सरसों तेल-तिलहन में साधारण सुधार देखने को मिला। जबकि वैश्विक बाजारों में कमजोरी की वजह से पामोलीन और सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट आई।

बाजार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में लगभग 3.5 प्रतिशत की गिरावट थी जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में लगभग एक प्रतिशत की गिरावट रही।

सूत्रों ने कहा कि विदेशी तेलों विशेषकर कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के दाम काफी महंगे हैं और इसके लिवाल नहीं हैं। इन तेलों की कमी फिलहाल सरसों से पूरी हो रही है। पिछले सालों में किसानों को तिलहन का अच्छा दाम मिलने से इस बार सरसों के उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि हुई है। सरसों की खपत बढ़ रही है और बृहस्पतिवार को मंडियों में सरसों की आवक लगभग 10 लाख बोरी की हुई।

सूत्रों ने कहा कि सहकारी संस्था- हाफेड और नेफेड को बाजार भाव से सरसों की खरीद कर स्टॉक कर लेना चाहिये जो कठिनाई के दिनों में देश के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। जब आयातित तेल महंगे बिक रहे हों, तो ऐसे में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरसों की खरीद करना मुश्किल होगा, इसलिए बाजार भाव पर इसकी खरीद करने की जरूरत है। आयातित तेलों के महंगा होने के कारण इसकी कमी को फिलहाल सरसों और मूंगफली के जरिये पूरा किया जा रहा है। ज्यादा दबाव सरसों पर है और पैदावार अधिक होने के कारण ज्यादातर स्थानों पर इसका रिफाइंड बनाया जा रहे है।

सूत्रों ने कहा कि सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल- तिलहन और बिनौला तेल के भाव पूर्ववत रहे। जबकि विदेशी बाजारों में गिरावट के कारण सोयाबीन तेल कीमतें हानि के साथ बंद हुईं।

सूत्रों ने कहा कि तेल कीमतों की घटबढ़ और आयात पर निर्भरता कम करने का स्थायी एवं सुरक्षित उपाय, देश में तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाना ही हो सकता है। आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए किसानों को प्रोत्साहन दिये जाने की आवश्यकता है क्योंकि वे उत्पादन बढ़ाने की क्षमता रखते हैं, जो इस बार सरसों का उत्पादन बढ़ने से साबित होता है। इसके लिए सरकार की ओर किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्वित करने का आश्वासन देना होगा।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 7,550-7,600 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली – 6,550 – 6,645 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,350 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,540 – 2,730 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,410-2,485 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,460-2,560 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 16,200 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,950 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,750।

सीपीओ एक्स-कांडला- 14,200 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,850 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 15,700 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 14,450 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना – 7,525-7,575 रुपये।

सोयाबीन लूज 7,225-7,325 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये।

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