विदेशी कोरोना वैक्सीन का भारत आने का रास्ता हुआ आसान, अब लोकल ट्रायल से मिली छूट h3>
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में टीकाकरण में तेजी लाने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। भारत की दवा नियामक संस्था यानी डीजीसीआई ने अब फाइजर और मॉडर्ना जैसी विदेशी वैक्सीन को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए इनके अलग से ट्रायल कराने की शर्तों को हटा दिया है। सीधे-सीधे समझें तो जिन वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन या अमेरिकी एफडीए से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी होगी, उन्हें भारत में ट्रायल से नहीं गुजरना होगा।
इस संबंध में डीजीसीआई चीफ वीजी सोमानी ने नोटिस भी जारी कर दिया है।
नोटिस के मुताबिक, हाल ही में कोरोना के मामलों की तेज रफ्तार के बीच भारत में बढ़ती टीके की मांग को देखते हुए NEGVAC के सुझावों के आधार पर अब उन वैक्सीन को भारत में ट्रायल से नहीं गुजरना होगा जिन्हें पहले से ही यूएस एफडीए, EMA, UK MHRA, PMDA जापान या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी जा चुकी है।
DCGI chief VG Somani issued notice over Guidance for approval COVID19 vaccines in India for restricted use in emergency situation which are already approved for restricted use by US FDA & other countries or which are listed in WHO Emergency Use Listing (EUL) pic.twitter.com/aGOOSdK9jU
— ANI (@ANI) June 2, 2021
फाइजर और मॉडर्ना उन विदेशी कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने सरकार से क्षतिपूर्ति और स्थानीय ट्रायलों से छूट देने की बात की थी। हालांकि, सरकार ने अभी तक किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव के लिए मुआवजे से क्षतिपूर्ति या दायित्व पर कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन भारत में ट्रायल न करने की बात मान ली गई है।
डीजीसीआई के नोटिस के मुताबिक, अब अगर विदेशी वैक्सीन को किसी अन्य देश में या किसी स्वास्थ्य संस्था से मंजूरी मिली हुई है, तो भारत में उसकी गुणवत्ता और असर जांचने के लिए ट्रायल किए जाने की जरूरत नहीं होगी।
हालांकि, इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि इन टीके के पहले 100 लाभार्थियों पर सुरक्षा के मद्देनजर 7 दिन तक निगरानी होगी।
कोविन साइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, देशभर में अब तक 21 करोड़ 43 लाख 56 हजार 767 लोगों को कोरोना टीका दिया गया है। इनमें से सिर्फ 4 करोड़ 36 लाख 78 हजार 226 ही ऐसे लाभार्थी हैं जिन्हें टीके की दूसरी खुराक दी गई है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि वह जुलाई-अगस्त से हर दिन 1 करोड़ लोगों को टीका लगाएगी और दिसंबर 2021 तक देश की व्यस्क आबादी का टीकाकरण पूरा हो जाएगा। हालांकि, इस लक्ष्य को पूरा करने में सबसे बड़ी बाधा टीके की किल्लत भी है। ऐसे में विदेशी टीकों के आयात से देश में टीके की कमी को दूर किया जा सकता है।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में टीकाकरण में तेजी लाने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। भारत की दवा नियामक संस्था यानी डीजीसीआई ने अब फाइजर और मॉडर्ना जैसी विदेशी वैक्सीन को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए इनके अलग से ट्रायल कराने की शर्तों को हटा दिया है। सीधे-सीधे समझें तो जिन वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन या अमेरिकी एफडीए से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी होगी, उन्हें भारत में ट्रायल से नहीं गुजरना होगा।
इस संबंध में डीजीसीआई चीफ वीजी सोमानी ने नोटिस भी जारी कर दिया है।
नोटिस के मुताबिक, हाल ही में कोरोना के मामलों की तेज रफ्तार के बीच भारत में बढ़ती टीके की मांग को देखते हुए NEGVAC के सुझावों के आधार पर अब उन वैक्सीन को भारत में ट्रायल से नहीं गुजरना होगा जिन्हें पहले से ही यूएस एफडीए, EMA, UK MHRA, PMDA जापान या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी जा चुकी है।
DCGI chief VG Somani issued notice over Guidance for approval COVID19 vaccines in India for restricted use in emergency situation which are already approved for restricted use by US FDA & other countries or which are listed in WHO Emergency Use Listing (EUL) pic.twitter.com/aGOOSdK9jU
— ANI (@ANI) June 2, 2021
फाइजर और मॉडर्ना उन विदेशी कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने सरकार से क्षतिपूर्ति और स्थानीय ट्रायलों से छूट देने की बात की थी। हालांकि, सरकार ने अभी तक किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव के लिए मुआवजे से क्षतिपूर्ति या दायित्व पर कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन भारत में ट्रायल न करने की बात मान ली गई है।
डीजीसीआई के नोटिस के मुताबिक, अब अगर विदेशी वैक्सीन को किसी अन्य देश में या किसी स्वास्थ्य संस्था से मंजूरी मिली हुई है, तो भारत में उसकी गुणवत्ता और असर जांचने के लिए ट्रायल किए जाने की जरूरत नहीं होगी।
हालांकि, इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि इन टीके के पहले 100 लाभार्थियों पर सुरक्षा के मद्देनजर 7 दिन तक निगरानी होगी।
कोविन साइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, देशभर में अब तक 21 करोड़ 43 लाख 56 हजार 767 लोगों को कोरोना टीका दिया गया है। इनमें से सिर्फ 4 करोड़ 36 लाख 78 हजार 226 ही ऐसे लाभार्थी हैं जिन्हें टीके की दूसरी खुराक दी गई है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि वह जुलाई-अगस्त से हर दिन 1 करोड़ लोगों को टीका लगाएगी और दिसंबर 2021 तक देश की व्यस्क आबादी का टीकाकरण पूरा हो जाएगा। हालांकि, इस लक्ष्य को पूरा करने में सबसे बड़ी बाधा टीके की किल्लत भी है। ऐसे में विदेशी टीकों के आयात से देश में टीके की कमी को दूर किया जा सकता है।