विकास के लिए ऊंची-ऊंची इमारतें नहीं, ईकोसेंसेटिव डेवलपमेंट प्लान चाहिए | No buildings for development, ecosensitive development plan is needed | Patrika News

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विकास के लिए ऊंची-ऊंची इमारतें नहीं, ईकोसेंसेटिव डेवलपमेंट प्लान चाहिए | No buildings for development, ecosensitive development plan is needed | Patrika News

विकास के लिए ऊंची-ऊंची इमारतें नहीं, ईकोसेंसेटिव डेवलपमेंट प्लान चाहिए | No buildings for development, ecosensitive development plan is needed | Patrika News

इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स इंडिया के 70वें राष्ट्रीय सम्मेलन में बोले विशेषज्ञ-

भोपाल

Published: April 16, 2022 01:21:09 am

भोपाल. इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स इंडिया यानी आईटीपीआई के 70वें राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य वक्ता के तौर पर भोपाल पहुंचे अहमदाबाद सेप्ट यूनिवर्सिटी के शास्वत बंधोपाध्याय का कहना है कि भोपाल का ईकोसेंसेटिव डेवलपमेंट प्लान बने। यहां वर्टिकल या होरिजोंटल डेवलपमेंट जैसी बातें करना ही बेमानी है। उन्होंने कहा कि भोपाल का मुख्य मुद्दा वन और तालाब क्षेत्र होने से इकोलॉजी भोपाल की डीएनए है।

विकास के लिए ऊंची-ऊंची इमारतें नहीं, ईकोसेंसेटिव डेवलपमेंट प्लान चाहिए

इसके साथ छेड़छाड़ करना भोपाल को खत्म करने जैसा है। उनका कहना है कि हमने भोपाल का पूरा अध्ययन किया है और निष्कर्ष ये निकला है कि भोपाल का विकास मेनहट्टम, हांगकांग जैसा ऊंचे ईमारतें या बड़े निर्माण करने से नहीं हो सकता। भोपाल का ईकोसेंसिटिव डेवलपमेंट ही होना चाहिए। यहां का जो वनक्षेत्र है, पानी के स्रोत हैं, बड़ा तालाब है, इसको साथ लेकर ही चलने पर भोपाल की ग्रोथ होगी।

वंधोपाध्याय के अनुसार वास्तव में भोपाल गार्डन सिटी है, ये नेचर सिटी है। इसे मेंटेन रखना चाहिए। ये दूसरा बांबे या इसी तरह का कोई मेट्रोपोलिटन शहर नहीं बनना चाहिए। सम्मेलन के पहले दिन के दूसरे सत्र में बंधोपाध्याय ने रि- इमेजिङ्क्ग दि इंडिया अर्बन फ्यूचर पर अपना प्रजेंटेशन दिया। उनके साथ ही एनआईटी केलिकट के प्रोफेसर पीपी अनिलकुमार, जीएनडीयू अमृतसर के प्रोफेसर अश्विनी लुथरा ने भी अपना प्रजेंटेशन दिया।

हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर यादव बोले, बीआरटीएस को लेकर बेहतर प्लानिंग की जरूरत
यहां सम्मेलन में मप्र हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर भरत यादव ने भोपाल बीआरटीएस को लेकर अपनी बात रखी। उनका कहना था कि बीआरटीएस का बेहतर उपयोग हो सकता है। इसके लिए और अधिक बेहतर प्लानिंग की जरूरत है। अभी इसका पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है। जिस उद्देश्य के साथ इसे बनाया था, उसे प्राप्त करने प्लानिंग की जरूरत है। उन्होंने यहां कहा कि हर शहर की अपनी खासियत और स्थिति होती है, ऐसे में शहर के अनुसार ही प्रोजेक्ट बने तो लोगों को पूरा लाभ मिलेगा।

मंत्री ने किया शुभारंभ, 18 वक्ता देंगे प्रजेंटेशन
सम्मेलन का शुभारंभ मंत्री प्रभुराम चौधरी, पीएस शहरी आवास एवं विकास मनीष ङ्क्षसह की उपस्थिति में हुआ। यहां आईटीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. डीएस मेश्राम, सचिव प्रदीप कपूर, उपाध्यक्ष डॉ. जगदीश ङ्क्षसह भी उपस्थित रहे। यहां आईटीपीआई मप्र चैप्टर के अध्यक्ष सुभाशीष बैनर्जी ने सहयोग के लिए सबका धन्यवाद दिया। शुक्रवार को सम्मेलन के पहले दिन दिल्ली एसपीए के डीन डॉ. अशोक कुमार, सेंट्रल यूनिवर्सिटी जयपुर के वाइस चांसलर प्रोफेसर नीरज गुप्ता, वीएनआईटी नागपुर के प्रोफेसर डॉ. विजय कापसे ने अर्बन इंडिया 75 स्पेशल प्लाङ्क्षनग इनिशिएटिव विषय पर अपने प्रजेंटेशन दिए।

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