वार्ष्णेय समाज ने कृष्ण और अक्रूरजी की रथयात्रा स्थगित की: महाकुंभ में भगदड़ के चलते लिया निर्णय, अब 14 फरवरी को मथुरा से जाएगी रथयात्रा – Mathura News h3>
3 दिवसीय अक्रूर जी रथयात्रा महोत्सव ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मीटिंग कर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की
वार्ष्णेय समाज द्वारा अक्रूर रथयात्रा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह रथयात्रा 31 जनवरी को मथुरा से प्रयागराज के लिए शुरू होनी थी। लेकिन महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद अक्रूर समाज ने निर्णय लिया कि अब 31 जनवरी को नहीं यह रथयात्रा 14 फरवरी को निकाली
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भगवान कृष्ण,बलराम और अक्रूर जी की होगी रथयात्रा 3 दिवसीय रथयात्रा 14 जनवरी को श्री कृष्ण जन्मस्थान से शुरू होगी। इसमें दो रथ निकाले जाएंगे। जिसमें एक रथ पर भगवान कृष्ण बलराम होंगे तो दूसरे रथ पर अक्रूर जी की प्रतिमा विराजमान रहेगी। श्री कृष्ण जन्मस्थान से शुरू होने वाली यह रथयात्रा प्रयागराज जाएगी।
रथयात्रा श्री कृष्ण जन्मस्थान से शुरू होगी।
रास्ते में समाज के लोग करेंगे स्वागत यात्रा का आयोजन कर रहे राजू वार्ष्णेय चावल वालों ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मस्थान से शुरू हो कर रथ यात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए पुराना बस स्टैंड के पास पहुंचेगी। जहां से समाज के करीब एक हजार लोग बसों के माध्यम से महाकुंभ में स्नान के लिए प्रयागराज जायेंगे। इस दौरान रास्ते में पड़ने वाले शहरों में समाज के लोग यात्रा का स्वागत करेंगे।
3 दिन का है कार्यक्रम अक्रूर जी रथयात्रा महोत्सव ट्रस्ट द्वारा आयोजित यह रथयात्रा का कार्यक्रम 3 दिवसीय रहेगा। इसमें रथयात्रा मथुरा से शुरू होकर प्रयागराज पहुंचेगी। जहां भगवान कृष्ण,बलराम और अक्रूर जी की प्रतिमाओं को संगम में स्नान कराया जाएगा। इसके बाद यात्रा अयोध्या धाम पहुंचेगी। जहां भगवान कृष्ण और प्रभु राम का मिलन होगा।
रथयात्रा के बारे में जानकारी देते आयोजक।
यह रहे उपस्थित यात्राओं की तैयारी को लेकर अक्रूर जी रथयात्रा महोत्सव समिति द्वारा एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें अमित वार्ष्णेय,विकास वार्ष्णेय,जगदीश प्रसाद गुप्ता चुनमुन,भगवान दास,ज्ञानेश वार्ष्णेय,जुगल,डॉक्टर पुनीत वार्ष्णेय आदि मौजूद रहे। सभी ने तय किया कि समाज के लोग मथुरा से एक साथ प्रयागराज जायेंगे।