वाराणसी में सपा के खिलाफ करणी सेना का प्रदर्शन: प्रदेशाध्यक्ष ने CP से शिकायत कर मांगी कार्रवाई, करणी सेना का वाद कोर्ट में खारिज – Varanasi News

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वाराणसी में सपा के खिलाफ करणी सेना का प्रदर्शन:  प्रदेशाध्यक्ष ने CP से शिकायत कर मांगी कार्रवाई, करणी सेना का वाद कोर्ट में खारिज – Varanasi News

वाराणसी में सपा के खिलाफ करणी सेना का प्रदर्शन: प्रदेशाध्यक्ष ने CP से शिकायत कर मांगी कार्रवाई, करणी सेना का वाद कोर्ट में खारिज – Varanasi News

वाराणसी में शुक्रवार को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सपा नेताओं के खिलाफ लामबंदी करते हुए प्रदर्शन किया। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह रघुवंशी ने बनारस पहुंचकर पुलिस कमिश्नर से मामले की शिकायत की। उन्होंने पुलिस आयुक्त कार्यालय पर ज्ञापन देक

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बताया कि करणी सेना के कार्यकर्ताओं का गुस्सा समाजवादी पार्टी के नेता हरीश मिश्रा और संदीप मिश्रा के कथित विवादित बयानों को लेकर है। राकेश रघुवंशी ने सपा नेताओं पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, रामजीलाल सुमन का बयान अब सपा को भी नुकसान देगा।

कहा, हमें जलाने की धमकी दी गई अगर हमें जिंदा जलाने से राष्ट्र का विकास होता है तो हम बलिदान देने को तैयार हैं। अगर अखिलेश यादव चाहते तो विवाद बहुत पहले खत्म हो जाता। वोट बैंक की राजनीति के चलते दलित बनाम ठाकुर का माहौल बनाया गया है। सपा नेता हरीश मिश्रा के DNA की जांच होनी चाहिए। इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

राज्य सभा सांसद के खिलाफ करणी सेना का परिवाद खारिज

संसद में राणा सांगा पर टिप्पणी करने वाले मामले में राज्य सभा सांसद रामजी लाल सुमन को वाराणसी कोर्ट से राहत मिल गई। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (चतुर्थ)/एमपी-एमएलए कोर्ट नीरज कुमार त्रिपाठी की अदालत ने करणी सेना की ओर से दाखिल परिवाद को खारिज कर दिया। वाद को सुनवाई के बाद पोषणीय नहीं मानते हुए निरस्त कर दिया। अदालत में राज्य सभा सांसद की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव कोर्ट में दलील पेश की।

वादी के वकील ने कोर्ट में बताया कि राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के वाराणसी इकाई के जिलाध्यक्ष एवं पार्वती नगर कॉलोनी निवासी आलोक कुमार सिंह ने अदालत में परिवाद दाखिल किया था। आरोप था कि समाजवादी पार्टी के राज्य सभा सांसद एवं राष्ट्रीय महासचिव ने 21 मार्च 2025 को दोपहर 2.10 बजे सदन में परिवाद के पूर्वज राणा सांगा को गद्दार और क्षत्रिय कौम को गद्दार की औलाद बताया गया।

विपक्षी के इस अशोभनीय स्पीच को सभापति ने डिलीट करने का आदेश पारित किया। बावजूद इसके राज्य सभा सांसद रामजी लाल सुमन ने सदन के बाहर भी आकर उक्त स्पीच को मीडिया में बयान दिया। इससे क्षत्रिय समाज को काफी ठेस पहुंची है और इससे वह एवं क्षत्रिय समाज अपमानित महसूस कर रहा है। ऐसे में अदालत ने राज्यसभा सांसद को तलब कर दंडित किए जाने की कोर्ट से मांग की गई थी।

अदालत ने मामले में स्पष्ट किया कि बयान राज्य सभा में दिए गए वक्तव्य के संबंध में है, उसे अनुच्छेद 105 (2) भारतीय संविधान का संरक्षण प्राप्त होने के कारण परिवाद दर्ज किए जाने योग्य नहीं है। अदालत ने कहा कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत तीन वीडियो क्लिप विपक्षी द्वारा न्यूज चैनलों में दिए गए साक्षात्कार की रिकॉर्डिंग है। जिनमें ऐसी कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है, जिसके आधार पर विपक्षी के विरुद्ध केस चलाया जाए

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