वाराणसी गैंगरेप केस में मुख्य आरोपी अनमोल की जमानत निरस्त: वकील की दलील, पुलिस कैफे पर फ्री खाती-पीती, साजिशन बनाया मुल्जिम – Varanasi News

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वाराणसी गैंगरेप केस में मुख्य आरोपी अनमोल की जमानत निरस्त:  वकील की दलील, पुलिस कैफे पर फ्री खाती-पीती, साजिशन बनाया मुल्जिम – Varanasi News

वाराणसी गैंगरेप केस में मुख्य आरोपी अनमोल की जमानत निरस्त: वकील की दलील, पुलिस कैफे पर फ्री खाती-पीती, साजिशन बनाया मुल्जिम – Varanasi News

वाराणसी में युवती से गैंगरेप के मुख्य आरोपी अनमोल गुप्ता की जमानत याचिका को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज कुलदीप सिंह ने निरस्त कर दिया। अभियोजन के वकील मनोज कुमार गुप्ता की दलील पर कोर्ट ने सुनवाई के बाद उसे जमानत योग्य नहीं माना। हालांकि इससे पहले अवर न्

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अनमोल गुप्ता की जमानत रद होने से उसके सह आरोपियों को भी झटका लगा है, सभी उसकी जमानत मंजूर होने का इंतजार कर रहे थे। अभियोजन के वकील की दलीलों के बीच कोर्ट ने जमानत अर्जी देने से इनकार कर दिया। वहीं उसकी आपराधिक पृष्ठभूमिक और कृत्य को गलत बताते हुए अपील को रद योग्य बताया।

वहीं, अनमोल के वकील ने पूरे मामले में वाराणसी की पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया। वकील ने बताया कि मलदहिया कॉन्टिनेंटल कैफे में वाराणसी पुलिस के लोग जबरन खाते पीते और पैसे नहीं देते। कई बार अनमोल ने विरोध किया तो पुलिस ने गैंगरेप में नाम लिखकर फंसा दिया। उस केस में आरोपी शामिल ही नहीं है।

देह व्यापार में जेल जा चुका है अनमोल

मंगलवार को लालपुर खजुरी क्षेत्र की निवासी युवती से गैंगरेप के मुख्य आरोपी अनमोल गुप्ता की जमानत याचिका पर दोपहर को सुनवाई हुई। उसकी अर्जी पर सुनवाई के साथ ही जज ने अभियोजन से जवाब मांगा। तो अभियोजन के विद्वान अधिवक्ता मनोज गुप्ता ने याचिका खारिज करने की अपील की।

फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) कुलदीप सिंह की अदालत में अभियोजन ने बताया कि अनमोल गुप्ता पुत्र शरद गुप्ता ने जमानत के लिए अपील दायर की है। मीरापुर बसही, शिवपुर निवासी आरोपी अनमोल गुप्ता के खिलाफ देह व्यापार अधिनियम का केस कैंट में प्रचलित है।

आरोपी आपराधिक प्रवृत्ति का है और आरोपी ने साथियों के साथ मिलकर 31 मार्च 2025 को सिगरा स्थित कैफे के कमरे में पीड़िता को नशीला पदार्थ पिलाकर सामूहिक दुराचार किया।

अनमोल गुप्ता के सिगरा स्थित कॉन्टीनेन्टल कैफे का मालिक है और पहले से देह व्यापार केस में जेल जा चुका है। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता महेंद्र कुमार सिंह, प्रदीप कुमार, सतीश यादव व धनंजय यादव ने जमानत अर्जी का विरोध किया।

एडीजीसी मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ने आरोपी अनमोल गुप्ता की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। अभियोजन मजबूती से केस में पैरवी कर रहा है।

अनमोल के वकील बोले- वाराणसी पुलिस बिना रुपए दिए खाती-पीती

वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील ने पुलिस को कटघरे में खड़ा किया है। वकील ने दलील दी कि पूरी घटना में आरोपी का नाम साजिशन शामिल किया गया है। अनमोल गुप्ता के सिगरा स्थित कॉन्टीनेन्टल कैफे चलाता है, जहां पर वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस आती है, खाती पीती है लेकिन रुपये नहीं देती।

जब अनमोल ने कई इसका विरोध किया तो कार्रवाई की धमकी दी। ऐसा बार हुआ फिर पुलिस ने उसे फंसा दिया। गैंगरेप की तहरीर में अनमोल को साजिशन शामिल कर दिया गया, जबकि उसका कोई रोल नहीं है। कोर्ट से आरोपी को जमानत की गुहार लगाते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया।

ऐसे केस में विलंब सूचना का वजूद नहीं

जमानत अर्जी की सुनवाई में बचाव पक्ष ने केस दर्ज कराने में विलंब की दलील दी जिस पर कोर्ट ने कहा कि दुराचार जैसे मामलों में विलंब का कोई महत्व नही होता। इस मामले में आरोपी का कोई अपराधी इतिहास अभियोजन ने प्रस्तुत नहीं किया है।

लेकिन आरोपी के खिलाफ कैंट थाने में वर्ष 2022 में अनैतिक देह व्यापार का मामला लंबित है और आरोपी आपराधिक पृष्ठभूमि का है।

बता दें कि थाना लालपुर/पाण्डेयपुर में गैंगरेप समेत कई बड़े मामलो में आरोपी अनमोल गुप्ता समेत 12 नामजद और 11 अज्ञात के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी। प्रधानमंत्री ने भी केस का संज्ञान लिया था, वहीं जांच के बाद लापरवाही के आरोप में डीसीपी चंद्रकांत मीणा को हटा दिया गया था।

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