वायु देगी बिजली, अब पवन ऊर्जा पर जोर | Wind will give electricity, now emphasis on wind power | Patrika News

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वायु देगी बिजली, अब पवन ऊर्जा पर जोर | Wind will give electricity, now emphasis on wind power | Patrika News

वायु देगी बिजली, अब पवन ऊर्जा पर जोर | Wind will give electricity, now emphasis on wind power | Patrika News

हालांकि इसे कंपनियों के लिए ऑब्लिगेटरी छोड़ दिया गया था। देश के अलग-अलग हिस्सों में वितरण कंपनियों ने इसे 9 से 17 फीसदी तक ही पूरा किया। अब सरकार इसे बाध्यकारी बना कर लक्ष्य हासिल करने पर विचार कर रही है। सरकार का मानना है कि आरपीओ को बाध्यकारी बनाकर सौर, पवन और पनबिजली परियोजनाओं में निवेश को बढ़ाया जा सकेगा। यह कदम उठाने पर ऐसे समय विचार कर रही है जब बड़ी कंपनियां नवीकृत ऊर्जा के क्षेत्र में विस्तारीकरण योजना बना रही हैं। इसके लिए उसे देशी-विदेशी बैंकों, पूंजी बाजार या विदेशी संस्थानों से वित्तीय मदद की जरूरत है।

वैश्विक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की वजह से अपनी उम्र पूरी कर चुके ताप बिजली घरों पर धन खर्च करने की बजाय सरकार नवीकरण ऊर्जा स्रोतों को तेजी से विकसित करना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों हुए जलवायु सम्मेलन में अपनी ऊर्जा जरूरतों की आधी ऊर्जा नवीकृत स्रोतों से हासिल करने वचनबद्धता दोहराई थी। समझा जा रहा है कि उसे पूरा करने की दिशा में कई कानूनी बदलाव किए जा सकते हैं।

दुनिया में सिर्फ 29 फीसदी नवीकृत ऊर्जा
बिजली सबसे ज्यादा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन करने वाला क्षेत्र है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आइईए) के अनुसार, पेरिस समझौते के तहत धरती के बढ़ते तापमान को 1.5 डिग्री तक सीमित रखने के लिए 2040 तक इस क्षेत्र के कार्बन उत्सर्जन शून्य करना आवश्यक है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बिजली खपत में 2030 तक प्रतिवर्ष 20 फीसदी हिस्सेदारी नवीकृत ऊर्जा की बढ़ानी होगी। नवीकृत ऊर्जा में रेकॉर्ड बढ़ोतरी के बावजूद सौर-पवन ऊर्जा का अपेक्षित उत्पादन नहीं किया जा पा रहा है। रेकॉर्ड मांग के बावजूद सिर्फ 29 फीसदी ऊर्जा ही सौर-पवन से हासिल की जा रही है।

एक चौथाई देशों में खपत का 10वां हिस्सा ग्रीन एनर्जी – 10.3त्न हुई थी दुनिया में पहली बार सौर-पवन ऊर्जा की हिस्सेदारी 2021 में। 2020 में यह 9.3त्न थी।
– 2015 के पेरिस जलवायु समझौते के बाद यह हिस्सेदारी से तुलनात्मक रूप से दोगुनी हो गई है।
– 50 देश (26त्न) अपनी ऊर्जा जरूरतों का दसवां हिस्सा सौर-पवन ऊर्जा से हासिल कर रहे हैं।
– 02 फीसदी पीछे है भारत उन 26 फीसदी देशों के मुकाबले ग्रीन एनर्जी में

कर्ज देने में भारतीय बैंक पीछे
मार्च 2020 तक वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 8% कर्ज ही दिए।
सबसे ज्यादा कर्ज पंजाब में 17% तो सबसे कम ओडिशा में 0.1% दिए गए।
सरकारी बैंकों (5.2%) की अपेक्षा निजी बैंकों ने ज्यादा (14.8%) कर्ज बांटे।
2030 तक कुल खपत का 50% नवीकृत ऊर्जा से हासिल करना। कार्बन उत्सर्जन एक अरब टन तक नीचे लाना

राजस्थान
वित्तीय वर्ष 2021-22 में राजस्थान का आरपीओ टारगेट 18% है। इसमें 8.50% सोलर और 8.90 % विंड एनर्जी और बाकी बायोमॉस है। लक्ष्य के अनुपात में 14.06 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा ही ले पाए। 2020-21 में 15.85% लक्ष्य दिया, लेकिन 12.31% नवीकरणीय ऊर्जा ले पाए।



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