वाणिज्यिक कर विभाग की बड़ी कार्यवाई, 40 से 50 करोड़ की नियम विरूद्ध खरीदी-बिक्री उजागर | Big action of commercial tax department | Patrika News

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वाणिज्यिक कर विभाग की बड़ी कार्यवाई, 40 से 50 करोड़ की नियम विरूद्ध खरीदी-बिक्री उजागर | Big action of commercial tax department | Patrika News

वाणिज्यिक कर विभाग की बड़ी कार्यवाई, 40 से 50 करोड़ की नियम विरूद्ध खरीदी-बिक्री उजागर | Big action of commercial tax department | Patrika News

अधिकृत जानकारी के मुताबिक टैक्स रिसर्च एवं एनालिसिस विंग परिक्षेत्र इंदौर द्वारा व्यवसायियों का जीएसटी पोर्टल, ई-वे बिल, गेन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा का सूक्ष्म विश्लेषण किया गया। गोपनीय रूप से व्यवसायियों के वित्तीय व्यवहार और व्यवसायिक स्थल की जानकारी एकत्र की गई। इस रिपोर्ट के आधार पर एक साथ छापे की कार्रवाई की गई। जाँच में मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों विशेषकर छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र की फर्मो के विरुद्ध भी संदिग्ध वित्तीय व्यवहार के साक्ष्य मिले हैं, जिनके विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। इस पूरी कार्रवाई में लगभग 40 से 50 करोड़ रूपये की नियम विरुद्ध खरीदी एवं बिक्री उजागर होने की संभावना है। इसमें 7 करोड़ की कर चोरी की गई है। कार्यवाही के दौरान दोषी व्यवसायियों द्वारा स्वैच्छिक रूप से एक करोड़ की राशि जमा की गई है। शेष राशि भी जल्दी जमा करवाई जाएगी।

बोगस फर्म, बोगस बिलिंग
मेसर्स भूमिजा इस्पात आयरन स्टील की रोलिंग मिल है, जिसमें सरिये का निर्माण किया जाता है। यह फैक्ट्री मनेरी औद्योगिक क्षेत्र जिला मंडला में स्थित है। मेसर्स खण्डेलवाल आयरन एण्ड स्टील, मेसर्स खण्डेलवाल स्टील, मेसर्स जबलपुर स्टील एवं श्री शाकम्बरी फेरस लिमिटेड जबलपुर में स्थित हैं।

श्री बालाजी उद्योग सागर, मेसर्स पीडी इंटरप्राइजेज एवं मेसर्स मंगल इंटरप्राइजेज ब्यावरा जिला राजगढ़ में स्थित है। इन व्यवसायियों द्वारा प्रमुख रूप से आयरन स्क्रेप एवं ट्रेडिंग का काम किया जाता है। छापे की कार्यवाही में कई प्रकार की अनियमितताएँ सामने आई। इस बात के प्रमाण मिले हैं कि रोलिंग मिल द्वारा बिना बिल के आयरन स्क्रेप की खरीदी कर उसका सरिया बनाकर बिना बिल के ही बेचा जा रहा है। साथ ही माल के वास्तविक परिवहन के बिना ही मात्र बोगस बिलिंग करके इनपुट टैक्स क्रेडिट का ट्रांसफर का काम किया जा रहा है। इसी प्रकार जो व्यवसाई सिर्फ ट्रेडिंग का काम करते हैं उनके विरुद्ध इस बात के तथ्य सामने आए हैं कि वे माल के वास्तविक परिवहन के बिना ही बोगस बिलिंग कर इनपुट टैक्स का ट्रांसफर करते हैं। जांच में उजागर हुआ कि इनके द्वारा माल के परिवहन के लिए जो ई-वे बिल डाउनलोड किए गए थे, उनमें से कई बिल दो पहिया वाहन के पंजीयन नम्बर के आधार पर जारी किए गए थे।
मेसर्स बालाजी उद्योग सागर फर्म बोगस मिली है। व्यवसाय स्थल पर व्यवसाय करना नहीं पाया गया है। इनके द्वारा केवल बिलों का आदान-प्रदान किया जा रहा था। साथ ही मेसर्स खण्डेलवाल आयरन एंड स्टील कंपनी जबलपुर का छोटा बांगडरा इंदौर में अतिरिक्त व्यवसाय स्थल, मेसर्स खण्डेलवाल स्टील जबलपुर का नैनपुर निवाड़ी में अतिरिक्त व्यवसाय स्थल तथा शाकम्बरी फेरस प्राइवेट लिमिटेड जबलपुर का मनेरी – मंडला में अतिरिक्त व्यवसाय स्थल भी अस्तित्वहीन पाया गया है।

महिला अफसरों के नेतृत्व में हुई जांच
जाँच की कार्रवाई में महिला अधिकारियों के नेतृत्व में हुई। वंदना गोंड राज्य कर सहायक आयुक्त जबलपुर एवं वंदना सिन्हा सहायक आयुक्त ने विपरीत परिस्थितियों में कार्य किया। बताया जाता है कि जाँच में दोषी व्यवसायियों द्वारा बाधा उत्पन्न करने से चुनौतीपूर्ण स्थितियाँ बनी थी, जिसका महिला अधिकारियों ने सामना किया और जाँच पूरी की।



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