वसुंधरा के कटाक्ष के बाद फुर्सत में हाड़ौती पहुंचे CM गहलोत, ERCP के बहाने मोदी सरकार पर फोड़ा बाढ़ का ठीकरा h3>
कोटा: राजस्थान का हाड़ौती संभाग 22 अगस्त से भीषण बाढ़ की चपेट में है। चंबल, कालीसिंध, पार्वती, परवन, उजाड़, मेज और आहू नदियों के किनारे बसे गांव के गांव बाढ़ से घिरे हैं। सैकड़ों मकान ढह गए हैं। ऐसे में परिवार के परिवार बेघर भी हो गए। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कटाक्ष के बाद फुर्सत में हाड़ौती पहुंचे सीएम गहलोत ने इस बाढ़ का ठीकरा सीधा मोदी सरकार पर फोड़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक दिन पहले कोटा संभाग का हवाई सर्वे किया था। प्रदेश की गहलोत सरकार पर निशाना साधा और कहा सरकार बाढ़ प्रभावितों का हाल नहीं जान रही है। उन्होंने सरकार को लापता तक कह डाला था।
इसके बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फुर्सत निकालकर दिनभर के लिए कोटा संभाग में रहे। हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वे किया। हेलीकॉप्टर में बैठकर कोटा संभाग के हालात जाने। कोटा में एक आश्रय स्थल में पहुंचकर बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की। हेलीकॉप्टर में गहलोत के साथ यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री परसादीलाल मीणा, एमएलए रामनारायण मीणा एमएलए भरत सिंह कुंदनपुर साथ मौजूद थे।
गहलोत ने बाढ़ का ठीकरा केंद्र की मोदी सरकार पर फोड़ा
कोटा एयरपोर्ट पर पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बात की। पूरे वक्त केंद्र सरकार निशाने पर रही। कहा लोग बाढ़ की तकलीफ में है। कई लोगों के घर टूट गए हैं। फसलें बर्बाद हो गईं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाढ़ का ठीकरा केंद्र की मोदी सरकार पर फोड़ते हुए बाढ़ के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हाड़ौती के कोटा से लेकर प्रदेश के धौलपुर तक नदियों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। उसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। केंद्र सरकार ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा नहीं दे रही है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जो प्रदेश की पाॅपुलर मुख्यमंत्री रही। यह परियोजना उन्होंने शुरू की। लेकिन राजनीति देव्यषता के चलते परिजनों को राष्ट्रीय दर्जा नहीं दिया जा रहा है। जबकि देश में 16 राष्ट्रीय परियोजनाए हैं। राजस्थान की इस परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देने में क्यों तकलीफ हो रही है।
परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा मिल जाए, तो इससे बाढ़ से राहत मिलेगी
मुख्यमंत्री ने कहा परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा मिल जाए, तो इससे बाढ़ से राहत मिलेगी। साथ ही प्रदेश के 13 जिलों को पेयजल सिंचाई का पानी मिलेगा। आज नदियों में उफान के साथ सैलाब बनकर तबाही मचा रहा पानी, बांधों में उस पानी को सहेजा जाएगा। जबकि यह पानी आज समुद्र में व्यर्थ भर रहा है। गहलोत ने हवाई सर्वे के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि क्षेत्र के लोगों का बड़ा नुकसान हुआ है। लोग बड़ी तकलीफ में हैं। सरकार नुकसान का सर्वे करवा रही है लोगों को नुकसान की भरपाई सरकार करेगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस की जिम्मेदारी के सवाल पर ‘नमस्कार’
इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जब मीडिया ने सवाल किया आपको राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस की जिम्मेदारी मिलने वाली है, चर्चा है, यह सवाल सुनकर गहलोत ने मीडिया को नमस्कार बोल दिया। बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हेलीकॉप्टर से बारां जिले के अंता में पहुंचे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। लेकिन गहलोत बारां के कवाई और झालावाड़ बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा नहीं कर पाए। मौसम खराब होने के कारण आगे बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। यहां से गहलोत हेलीकॉप्टर से जयपुर रवाना हुए। (रिपोर्ट – अर्जुन अरविंद)
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गहलोत ने बाढ़ का ठीकरा केंद्र की मोदी सरकार पर फोड़ा
कोटा एयरपोर्ट पर पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बात की। पूरे वक्त केंद्र सरकार निशाने पर रही। कहा लोग बाढ़ की तकलीफ में है। कई लोगों के घर टूट गए हैं। फसलें बर्बाद हो गईं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाढ़ का ठीकरा केंद्र की मोदी सरकार पर फोड़ते हुए बाढ़ के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हाड़ौती के कोटा से लेकर प्रदेश के धौलपुर तक नदियों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। उसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। केंद्र सरकार ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा नहीं दे रही है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जो प्रदेश की पाॅपुलर मुख्यमंत्री रही। यह परियोजना उन्होंने शुरू की। लेकिन राजनीति देव्यषता के चलते परिजनों को राष्ट्रीय दर्जा नहीं दिया जा रहा है। जबकि देश में 16 राष्ट्रीय परियोजनाए हैं। राजस्थान की इस परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देने में क्यों तकलीफ हो रही है।
परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा मिल जाए, तो इससे बाढ़ से राहत मिलेगी
मुख्यमंत्री ने कहा परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा मिल जाए, तो इससे बाढ़ से राहत मिलेगी। साथ ही प्रदेश के 13 जिलों को पेयजल सिंचाई का पानी मिलेगा। आज नदियों में उफान के साथ सैलाब बनकर तबाही मचा रहा पानी, बांधों में उस पानी को सहेजा जाएगा। जबकि यह पानी आज समुद्र में व्यर्थ भर रहा है। गहलोत ने हवाई सर्वे के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि क्षेत्र के लोगों का बड़ा नुकसान हुआ है। लोग बड़ी तकलीफ में हैं। सरकार नुकसान का सर्वे करवा रही है लोगों को नुकसान की भरपाई सरकार करेगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस की जिम्मेदारी के सवाल पर ‘नमस्कार’
इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जब मीडिया ने सवाल किया आपको राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस की जिम्मेदारी मिलने वाली है, चर्चा है, यह सवाल सुनकर गहलोत ने मीडिया को नमस्कार बोल दिया। बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हेलीकॉप्टर से बारां जिले के अंता में पहुंचे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। लेकिन गहलोत बारां के कवाई और झालावाड़ बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा नहीं कर पाए। मौसम खराब होने के कारण आगे बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। यहां से गहलोत हेलीकॉप्टर से जयपुर रवाना हुए। (रिपोर्ट – अर्जुन अरविंद)