वर्ष 2024 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जायेगा आयुध कारखाना
वर्ष 2024 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जायेगा आयुध कारखाना
प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया और मेड फॉर द वर्ल्ड को साकार कर रहा कारखाना
नालंदा के बने बीएमसीएस भेजे जा रहे विदेशी सेना को
अगले 18 माह में ढाई लाख मॉड्यूल किया जायेगा निर्यात, विनाका रॉकेट का है अचूक निशाना
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आयुध कारखाना : राजगीर आयुध कारखाना में पत्रकारों से बात करते म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक रवि कांत व महाप्रबंधक मानबेंद्र नाथ हालदार।
राजगीर, निज संवाददाता।
बीएमसीएस (बाय मोड्यूलर चार्ज सिस्टम) के उत्पादन में म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड के अंतर्गत कार्यरत कारखाना राजगीर 2024 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जायेगा। यहां की सभी आठ इकाइयां चालू हो जाएंगी। और पूरी तरह स्वदेशी उत्पादन होने लगेगा। इससे मेक इन इंडिया को बढ़वा मिलेगा। वहीं मेक फॉर वर्ल्ड के लिए भी काम हो रहा है। यहां के बने उत्पाद विदेशों में निर्यात किये जा रहे हैं। म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड पुणे से आये विभाग के अध्यक्ष सह प्रबंधक निदेशक रवि कांत ने कहा कि मौजूदा समय में इस कंपनी में छह यूनिट कार्य कर रही हैं। अगले साल तक इजरायल की मदद से दो अन्य यूनिट काम करने लगेंगी। इनमें एक एनसी व एजी को एक मिक्स करने वाला प्लांट तो दूसरा ट्रिपल बेस प्रोपेलेंट होगा।
मौजूदा समय में ट्रिपल बेस प्रोपेलेंट उंटी की फैक्ट्री से राजगीर आता है। सभी आठ इकाइयों के पूरा हो जाने के बाद यह कंपनी पूरी तरह से स्वदेशी उत्पादन करेगी। यह देश का इकलौता संस्थान यह है, जहां बीएमसीएस का निर्माण किया जाता है। राजगीर मेड गोला-बारूद की विदेश के लिए पहली खेप एक मार्च को मुंबई एयरपोर्ट से भेजी गई। अभी एक देश को निर्यात हो रहा है। वहीं तीन अन्य देशों से ऑर्डर मिल चुका है। एक महीने में एक लाख 14 हजार मॉड्यूल विदेश भेजना है। वहीं अगले साल ढाई लाख मॉड्यूल निर्यात किया जायेगा। मौके पर महाप्रबंधक मानबेंद्र नाथ हालदार, अपर महाप्रबंधक यूके शर्मा, कनिष्ठ कार्य प्रबंधक गौरी शंकर, राजभाषा के सहायक निदेशक लुईस एम. खाखा, रमेश कुमार सहित अन्य मौजूद थे।
देश में 250 से अधिक प्रकार के बनते हैं गोला-बारूद :
एक अक्टूबर 2021 से पुराने बोर्ड का पुनर्गठन किया गया। इसे सात कंपनियों में बांटा गया है। सबसे बड़ी म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड है। इसमें मौजूदा समय में 23 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके अंदर 12 प्रोडक्शन यूनिट, तीन नन प्रोडक्शन यूनिट आते हैं जो पांच प्रदेशों में हैं। म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड के तहत नालंदा आयुध कारखाना के आने से पहले की तुलना में 83 प्रतिशत उत्पदान में बढ़ोत्तरी हुई है। भारत सरकार अगले पांच साल के लिए काम करने का लक्ष्य तय कर दिया है। पांच सालों में 23 हजार करोड़ उत्पादन करने का लक्ष्य दिया गया है। देश में विभिन्न कारखानों में 250 प्रकार के गोला -रूद बनाये जाते हैं। अगले 18 महीने में तीन हजार करोड़ का निर्यात का ऑर्डर ले चुके हैं। तीन हजार करोड़ का ऑर्डर को लिया गया है, जो अगले 18 माह में पूरा करना है। भारत की सरकार भी कंपनी को मदद कर रही है। सरकार ने 14 सौ करोड़ की मदद की है।
विदेश मंत्रालय व सेना की अनुमति के बाद ही विदेशों के लिए होता है निर्यात :
सीएमडी ने बताया कि यहां के बने गोला -रूद का निर्यात भारत सरकार के विदेश मंत्रालय व सेना की अनुमति के बाद ही किया जाता है। मौजूदा समय में किस देश से कैसा संबंध है उसके बाद ही वहां के लिए सप्लाई दी जा सकती है। आयुध निर्माणी नालंदा का उत्पाद काफी किफायती है। विश्व के मानकों पर खरा है। आने वाले दिनों में विदेशों से मांग और बढ़ेगी। कंपनी का निगमीकरण हुआ है न कि निजीकरण। निगमीकरण में स्वामित्व भारत सरकार के हाथ में होता है। कंपनी के पास अगर काम मिलते रहते हैं तो कर्मचारियों के साथ कोई परेशानी नहीं होगी। कहा कि अगले आठ महीने में सरकारी एवं निगमीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। कर्मचारियों से सरकारी में रहने या निगम में जाने की राय ली जायेगी।
अचूक निशाना है विनाका रॉकेट की :
आयुध निर्माणी चन्द्रपुर महाराष्ट्र में विनाका रॉकेट का निर्माण किया गया है। इसकी मारक क्षमता 75 किलामीटर तक है, जो अपने निशाने पर सटीक जाती है। आयुध निर्माणी ने पांच नये एनिमेशन का विकास किया है। विदेशों के अलावा सेना को भी यह गोला-बारूद दिया जाएगा। भारत में बने गोला-बारूद की मारक क्षमता विदेशों से कम नहीं है। देश की सेना के पास भी विदेशों की सेना के बराबर गोला-बारूद है।
अगले साल से शुरू हो जायेगी आयुध निर्माणी में अप्रेंटिस की पढ़ाई :
महाप्रबंधक मानबेंद्र नाथ हालदार ने कहा कि राजगीर में अगले साल से अप्रेंटिस की पढ़ाई शुरू की जायेगी। इससे आस-पास के छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा मिलेगी। इसके रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई की गई है। चार स्कीम के साथ पढ़ाई शुरू होगी।
कर्मचारियों से भी हुआ खुला संवाद :
म्युनिशंस इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक रवि कांत ने कारखाना के कर्मचारियों से भी बात की और उन्हें कंपनी के कामों के बारे में बताया। कहा कि वे सभी जगहों पर जाकर कंपनी के कर्मचारियों से बात कर रहे हैं। इससे उनकी समस्याएं भी जानने का अवसर मिलता है। काम इतना है कि किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। अगले 10 साल तक के लिए पर्याप्त ऑर्डर मिले हुए हैं।
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