वर्षा के अभाव में धान की फसल को बचाने के लिए पटवन कर रहे किसान

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वर्षा के अभाव में धान की फसल को बचाने के लिए पटवन कर रहे किसान

वर्षा के अभाव में धान की फसल को बचाने के लिए पटवन कर रहे किसान

शिवहर जिले के किसान मौसम की मार से परेशान हैं। तेज धूप और बारिश की कमी से धान की फसल प्रभावित हो रही है। किसान सिंचाई कर रहे हैं, लेकिन नमी की कमी से फसल को खतरा है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि…

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीFri, 20 Sep 2024 08:22 PM
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शिवहर/ पिपराही। मौसम की मार से जिले के किसान परेशान हैं। आश्विन मास शुरू है। लेकिन तेज धूप एवं गर्मी के कारण लोग बेचैन है। बारिश की कमी के कारण धान की फसल बुरी तरह प्रभावित हो रही है। किसान धान को बचाने के लिए फिर पटवन में लगे हैं। अभी धान की फसल में बाली लगने का समय है। ऐसी में नमी की कमी के कारण धान का बाली नहीं लग पाएगा। किसान वीरेंद्र कुमार ने बताया कि नमी की कमी के कारण अगात किस्म का धान बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उसे बचाने के लिए तीसरी बार सिंचाई कर रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ एसके राय ने बताया कि नमी की कमी वाले क्षेत्र में धान की फसल का सिंचाई जरूरी है।

इधर पिपराही प्रखंड क्षेत्र में वर्षा के पानी के अभाव में रोपे गए धान की फसल को बचाने के लिए किसान पटवन कर रहे हैं। धान का पौधा अब गर्भावस्था में पहुंच रहा है। ऐसे में उसे पानी की अतिआवश्यकता है। और दूर-दूर तक बारिश नजर नही आ रहा है। किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं कि कब वर्षा होगी। किसानों ने निजी पंप सेट से मंहगे दर से पटवन कर धान की रोपनी की। किसान इस उम्मीद पर धान की रोपनी की कि देर सवेर बारिश होगी ही। भादो माह में जहां खेतों में हरियाली और पानी का जमाव होना चाहिए वहां धूल उङता रहा। चिलचिलाती धूप से किसान परेशान हैं। वर्षा के लिए कहीं पूजा पाठ तो कहीं तरह-तरह के टोटके किए जा रहे हैं। मौसम वैज्ञानिक के अनुमान को मोबाइल फोन पर किसान देखकर संतोष कर रहे हैं। लेकिन भादो माह में मौसम विभाग का पूर्वानुमान भी इस क्षेत्र में सटीक नही हो पा रहा है। पूर्व के वर्षों में बारिश होने से जिस नीचले खेतों में धान की फसल ज्यादा पानी के चलते डूब जाती थी। वैसे ही नीचले खेतों में इस साल धान की फसल में हरियाली है। ऊंचे तथा असिंचित क्षेत्रों में लगी धान की फसल पानी के अभाव में काफी प्रभावित हो रही है। कुछ किसान निजी पंप सेट से पटवन कर धान की फसल को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इस पर लागत खर्च काफी ज्यादा हो रहा है। जो सभी किसानों के लिए संभव नही है।

37 डिग्री रहा पारा

जिले में शुक्रवार को भी किशन गर्मी एवं चिलचिलाती धूप से लोग परेशान रहे। दिन का अधिकतम तापमान 37 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 29 डिग्री रहा। आश्विन माह में भी जेठ बैसाख की तरह धूप निकल रहा है। तेज धूप के कारण दिन में घर से निकलना मुश्किल हो जा रहा है।

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