लॉ एंड ऑर्डर पर एक्शन में CS अमृत लाल मीणा, पेंडिग केस में सेट कर दिया 6 माह का टारगेट h3>
बिहार के नए मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा एक्शन में हैं। उन्होंने अनुसंधान के लिए लंबित मामलों में से 60 फीसदी का निपटारा छह माह में करने का निर्देश दिया है। वे गुरुवार को मुख्य सचिवालय में आला अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बैठक कर रहे थे। बैठक में सूबे की विधि व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और उसकी अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। विधि व्यवस्था के संधारण को लेकर मुख्य सचिव काफी गंभीर हैं।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि हर दो माह में इस तरह की बैठक होगी। साथ ही दिए गए निर्देशों के अनुपालन की विस्तृत समीक्षा होगी। बैठक में डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव, एससी-एसटी कल्याण विभाग के सचिव व अपर पुलिस महानिदेशक के अलावा सभी प्रमंडलीय आयुक्त, आईजी, डीआईजी, डीएम, एसएसपी, एसपी शामिल थे। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अनुसंधान के लिए लंबित मामलों में तेजी लाने का निर्देश दिया।
इस समय राज्य भर में लगभग 2.67 लाख मामले लंबित हैं। इन्हें छह माह में एक लाख तक लाने को कहा गया। छह माह में 1.67 लाख मामलों का निपटारा करना है। बैठक में यह बात सामने आई कि राज्य में अनुसंधान अधिकारियों की संख्या में अपेक्षित बढ़ोतरी हुई है। पहले महज आठ हजार अनुसंधान अधिकारी थे, जो आज बढ़कर 23 हजार हो चुके हैं। ऐसे में लंबित मामलों का निपटारा तय लक्ष्य के अनुरूप किया जाए। बैठक में स्पीडी ट्रायल पर भी चर्चा हुई और इसे और तेज करने का निर्देश दिया गया। सभी जिलाधिकारियों व एसपी ने इसको लेकर एक्शन प्लान बनाया है। इसके अंतर्गत आने वाले समय में समन्वय सुनिश्चित करते हुए स्पीडी ट्रायल में सुधार का आश्वासन दिया गया। मुख्य सचिव ने विभिन्न थानों में लंबित 86 हजार गैर जमानती वारंट का तामिला शीघ्र कराने का भी निर्देश दिया।
भूमि विवाद से जुड़ी बैठक पर हों गंभीर बैठक में भूमि विवाद से जुड़े मामलों पर भी विमर्श किया गया। बताया गया कि हर शनिवार को थाना स्तर पर शिविर लग रहा है। शिविरों के माध्यम से अबतक 40 हजार से अधिक भूमि विवाद के मामलों का निष्पादन किया गया है। मुख्य सचिव ने इन शिविरों के प्रभावी तौर पर क्रियान्वयन पर जोर दिया।
थाना और डायल 112 के वाहनों में लगे जीपीएस
मुख्य सचिव ने कहा कि थानों के गश्ती वाहन के साथ-साथ डायल 112 के अंतर्गत पुलिस गश्ती में कार्यरत सभी वाहनों में अनिवार्य रूप से जीपीएस डिवाइस रहनी चाहिए। इन वाहनों के मूवमेंट को जिला स्तरीय कंट्रोल रूम से सतत तौर पर निगरानी रखनी चाहिए ताकि वाहनों की क्षेत्र में उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
दो माह में थाना भवन के लिए दें जमीन
राज्य में थाना भवनों के निर्माण को लेकर भी बैठक में विस्तार से चर्चा की गई। जहां थाना भवनों के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हैं, वहां दो माह के अंदर जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया गया। पुलिस लाइन के निर्माण में पिछले वर्षों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, लेकिन कई कार्य अभी अधूरे हैं। अवशेष कार्यों को तेजी से कार्यान्वित करना है।
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बिहार के नए मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा एक्शन में हैं। उन्होंने अनुसंधान के लिए लंबित मामलों में से 60 फीसदी का निपटारा छह माह में करने का निर्देश दिया है। वे गुरुवार को मुख्य सचिवालय में आला अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बैठक कर रहे थे। बैठक में सूबे की विधि व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और उसकी अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। विधि व्यवस्था के संधारण को लेकर मुख्य सचिव काफी गंभीर हैं।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि हर दो माह में इस तरह की बैठक होगी। साथ ही दिए गए निर्देशों के अनुपालन की विस्तृत समीक्षा होगी। बैठक में डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव, एससी-एसटी कल्याण विभाग के सचिव व अपर पुलिस महानिदेशक के अलावा सभी प्रमंडलीय आयुक्त, आईजी, डीआईजी, डीएम, एसएसपी, एसपी शामिल थे। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अनुसंधान के लिए लंबित मामलों में तेजी लाने का निर्देश दिया।
इस समय राज्य भर में लगभग 2.67 लाख मामले लंबित हैं। इन्हें छह माह में एक लाख तक लाने को कहा गया। छह माह में 1.67 लाख मामलों का निपटारा करना है। बैठक में यह बात सामने आई कि राज्य में अनुसंधान अधिकारियों की संख्या में अपेक्षित बढ़ोतरी हुई है। पहले महज आठ हजार अनुसंधान अधिकारी थे, जो आज बढ़कर 23 हजार हो चुके हैं। ऐसे में लंबित मामलों का निपटारा तय लक्ष्य के अनुरूप किया जाए। बैठक में स्पीडी ट्रायल पर भी चर्चा हुई और इसे और तेज करने का निर्देश दिया गया। सभी जिलाधिकारियों व एसपी ने इसको लेकर एक्शन प्लान बनाया है। इसके अंतर्गत आने वाले समय में समन्वय सुनिश्चित करते हुए स्पीडी ट्रायल में सुधार का आश्वासन दिया गया। मुख्य सचिव ने विभिन्न थानों में लंबित 86 हजार गैर जमानती वारंट का तामिला शीघ्र कराने का भी निर्देश दिया।
भूमि विवाद से जुड़ी बैठक पर हों गंभीर बैठक में भूमि विवाद से जुड़े मामलों पर भी विमर्श किया गया। बताया गया कि हर शनिवार को थाना स्तर पर शिविर लग रहा है। शिविरों के माध्यम से अबतक 40 हजार से अधिक भूमि विवाद के मामलों का निष्पादन किया गया है। मुख्य सचिव ने इन शिविरों के प्रभावी तौर पर क्रियान्वयन पर जोर दिया।
थाना और डायल 112 के वाहनों में लगे जीपीएस
मुख्य सचिव ने कहा कि थानों के गश्ती वाहन के साथ-साथ डायल 112 के अंतर्गत पुलिस गश्ती में कार्यरत सभी वाहनों में अनिवार्य रूप से जीपीएस डिवाइस रहनी चाहिए। इन वाहनों के मूवमेंट को जिला स्तरीय कंट्रोल रूम से सतत तौर पर निगरानी रखनी चाहिए ताकि वाहनों की क्षेत्र में उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
दो माह में थाना भवन के लिए दें जमीन
राज्य में थाना भवनों के निर्माण को लेकर भी बैठक में विस्तार से चर्चा की गई। जहां थाना भवनों के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हैं, वहां दो माह के अंदर जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया गया। पुलिस लाइन के निर्माण में पिछले वर्षों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, लेकिन कई कार्य अभी अधूरे हैं। अवशेष कार्यों को तेजी से कार्यान्वित करना है।